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कई कंपनियों के समायोजन की तैयारी

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By Prabhat Khabar Digital Desk | April 7, 2018 4:24 AM

अभी यूनियन से विचार-विमर्श बाकी

जमशेदपुर : टाटा स्टील समूह की एक जैसी कंपनियों को समायोजित कर नयी कंपनी के गठन को लेकर इसी वित्तीय वर्ष में फैसला हो सकता है. इनमें टिनप्लेट, तार कंपनी, जेम्को, टीआरएफ जैसी कंपनियां हो सकती हैं.
समायोजन की संभावनाओं को तलाशने के लिए गठित टीम ने टाटा स्टील के एमडी टीवी नरेंद्रन को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. रिपोर्ट में बताया है कि एक जैसी कंपनियों के समायोजन से वित्तीय भार कम होगा और कंपनी के विस्तार और दूसरी कंपनियों से प्रतिस्पर्धा में इससे मदद मिलेगी. समायोजन की संभावनाओं को तलाशे जाने और इसे अमल में लाने की बात पर टीवी नरेंद्रन ने गत एक अप्रैल को आयोजित प्रेस कॉन्फेंस के दौरान कही थी. साथ ही यह भी कहा था कि इसको लेकर अभी अध्ययन चल रहा है तथा इसकी संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता है. हालांकि उनका कहना था कि सभी पहलुओं पर विचार के बाद ही फैसला लिया जायेगा.
कर्मचारियों का समायोजन बड़ी चुनौती होगी : कंपनियों के समायोजन से पूर्व कर्मचारियों का समायोजन बड़ी चुनौती होगी. हर कंपनी में कम से कम हजार कर्मचारी हैं. इनके समायोजन में कार्य और वित्तीय मामले से लेकर अन्य पहलुओं पर विचार-विमर्श के बाद ही फैसला लेना होगा. हालांकि, इस विषय पर प्रबंधन और यूनियन के बीच बातचीत होना अभी बाकी है. इसके बाद ही फैसला लिया जायेगा.
वित्तीय घाटे को कम करना मुख्य उद्देश्य
कंपनियों के समायोजन के पीछे की मंशा है कारोबार में नंबर वन बनना साथ ही वित्तीय घाटे को कम करना. खुद रतन टाटा और एन चंद्रशेखरन इस पर काम कर रहे हैं. अकेले, टिनप्लेट कंपनी पिछले पांच साल से ज्यादा समय से घाटे में चल रही है. कुछ प्लांट बंद करने के बावजूद घाटा कम नहीं हुआ है. यहां मैनपावर कम करने के लिए इआरओ लाया गया है. कंपनी को आगे बढ़ाने के प्रयास जारी हैं लेकिन वित्तीय बोझ बढ़ रहा है. टाटा रोबिन फ्रेजर (टीआरएफ) घाटे में चल रही है.
इसे बायफर में भेजा गया था, जिसे बाद में एनसीएलटी में ले जाया गया है. इसे खुद टाटा स्टील संचालन करना चाहती है. तार कंपनी व जेम्को का पहले ही टाटा स्टील ने अधिग्रहण था. कंपनी आगे बढ़ रही है लेकिन तार कंपनी और जेम्को को एक साथ लाकर कर्मचारियों के बेहतर समायोजन व कारोबार को मजबूती के साथ आगे बढ़ाने पर विचार चल रहा है.

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