कोल्हान विश्वविद्यालय में पीएचडी घोटाले की जांच
जमशेदपुर : कोल्हान विश्वविद्यालय में पीएचडी घोटाले की जांच के लिए गठित पांच सदस्यीय हाई पावर कमेटी नेे विवि के परीक्षा विभाग से वर्ष 2012 व 2016 के शोध प्रवेश परीक्षा में शामिल होने के लिए विद्यार्थियों की ओर से भरे गये आवेदन का ब्योरा मांगा है. गुरुवार को विवि के कॉन्फ्रेंस हाल में हुई […]
जमशेदपुर : कोल्हान विश्वविद्यालय में पीएचडी घोटाले की जांच के लिए गठित पांच सदस्यीय हाई पावर कमेटी नेे विवि के परीक्षा विभाग से वर्ष 2012 व 2016 के शोध प्रवेश परीक्षा में शामिल होने के लिए विद्यार्थियों की ओर से भरे गये आवेदन का ब्योरा मांगा है. गुरुवार को विवि के कॉन्फ्रेंस हाल में हुई कमेटी की बैठक में जांच प्रारंभ करने के लिए आवश्यक सभी बिन्दुओं की सिलसिलेवार विवेचना की गयी. जांच की कार्रवाई शुरू होते ही विश्वविद्यालय में हड़कंप मच गया. कमेटी ने तय किया कि वह विवि की स्थापना से लेकर अब तक हुई पीएचडी के सभी मामलों की जांच करेगी.
कमेटी यह भी पड़ताल करेगी कि क्या नैक से सी ग्रेड प्राप्त करने वाले विश्वविद्यालय को पीएचडी कराने का अधिकार प्राप्त है. दोनों प्रवेश परीक्षाओं की वीडियोग्राफी का ब्योरा सहित सभी दस्तावेजों की मांग की गयी है. सभी विभागों को कमेटी की ओर से पत्र जारी करते हुए समग्र दस्तावेज उपलब्ध कराने के लिए कहा गया है. बैठक में तय किया गया कि यूजीसी की ओर से डिपार्टमेंट रिसर्च काउंसिल गठित करने के लिए तय प्रावधान, पीजीआरसी के लिए तय प्रावधान सहित बिना स्नातकोत्तर विभाग के कुछ विषयों में शोध प्रवेश परीक्षा आयोजित करने की नियमावली मांगी गयी है. कमेटी ने कुलपति प्रो डॉ शुक्ला माहांती से कार्यकाल में दो माह की वृद्धि का अनुरोध किया है. 1
2 मार्च को अधिसूचित कमेटी को एक हफ्ते में जांच पूरी कर अपनी रिपोर्ट देनी थी. कमेटी के गठन की अधिसूचना सदस्यों तक करीब एक माह बाद पहुंची. इसके बाद गुरुवार को कमेटी की पहली बैठक हुई. कमेटी ने तय किया कि वह अगले एक हफ्ते में दोबारा बैठक करेगी. एक-एक बिंदु की पूरी समीक्षा की जाएगी. बैठक में प्रतिकुलपति प्रो डॉ रणजीत कुमार सिंह, डीएसडब्ल्यू डॉ एके उपाध्याय, डिप्टी रजिस्ट्रार डॉ एमके मिश्रा, सिंडिकेट सदस्य राजेश कुमार शुक्ल, मनोज सिंह मौजूद रहे.