बिरसानगर में 15 हजार से अधिक घर, 11 दिन में मात्र 545 आवेदन हुए जमा

जमशेदपुर : बिरसानगर गुड़िया मैदान सामुदायिक भवन में लगाये गये लीज बंदोबस्ती कैंप के 11 दिनों में मात्र 545 लोगों ने बंदोबस्ती के लिए आवेदन जमा कराया. शहरी क्षेत्र में 1 जनवरी 1985 के पूर्व से सरकारी जमीन पर बसे लोगों की 30 साल के लिए बंदोबस्ती की जानी है. 2005-06 के सीमित सर्वे के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 14, 2018 5:06 AM

जमशेदपुर : बिरसानगर गुड़िया मैदान सामुदायिक भवन में लगाये गये लीज बंदोबस्ती कैंप के 11 दिनों में मात्र 545 लोगों ने बंदोबस्ती के लिए आवेदन जमा कराया. शहरी क्षेत्र में 1 जनवरी 1985 के पूर्व से सरकारी जमीन पर बसे लोगों की 30 साल के लिए बंदोबस्ती की जानी है. 2005-06 के सीमित सर्वे के अनुसार बिरसानगर क्षेत्र (वार्ड नंबर 15,16, 17,18) में साढ़े 10 हजार घर थे जो 2018 तक बढ़ कर 15 हजार से अधिक हो गये. 15 हजार में मात्र 545 लोगों द्वारा आवेदन जमा कराये जाने से यह बात सामने आ रही है कि 14,500 परिवारों के पास वैसा कोई दस्तावेज नहीं हैं जो लीज बंदोबस्ती के लिए मान्य हो.

हालांकि यह कहा जा रहा है कि बिरसानगर में अधिकांश मकान 1990 के बाद बने और 1985 को कट अॉफ डेट करने से कम आवेदन आये. 545 लोगों में अधिकांश ने पूर्व में हुए सर्वे के अनुसार अवैध दखल के खतियान की प्रति जमा करायी है. आवेदन जमा नहीं कर पाने वालों के पास 1985 से पूर्व से रहने का कोई प्रमाणित दस्तावेज नहीं हैं, इस कारण वह आवेदन नहीं कर सके. वैसे आवेदन लेने वालों की संख्या 8339 थी.
कट अॉफ डेट भी कम आवेदन का बड़ा कारण
लोगों के अनुसार बिरसानगर क्षेत्र में वर्तमान आबादी की तुलना में 1985 तक मात्र बीस-पच्चीस प्रतिशत लोग (लगभग तीन हजार घर) ही रहते थे. क्षेत्र में सड़क, नाली, बिजली व अन्य सुविधा नहीं थी. 1990 के बाद क्षेत्र का विकास शुरू हुआ अौर 1995 के बाद रोड, नाली समेत अन्य विकास कार्यों में तेजी आयी. इसके लोग यहां बसने लगे. 1985 के कट अॉफ डेट के आधार पर आवेदन की संख्या कम आने की बात कही जा रही है. कैंप में आज छह आवेदन जमा हुए,
14,500 परिवारों के पास नहीं है 1985 के पूर्व के मान्य कागजात !
कम आवेदन के लिए ये रहे अहम कारण
1985 के पूर्व अवैध दखल में नाम होने वाले अधिकांश लोग जमीन-घर बेच कर जा चुके हैं, जबकि वर्तमान में रहने वाले परिवारों ने 1985 के बाद घर खरीदा है
कंपनी इलाके में रहकर नौकरी करने वाले कई लोगों ने बिरसानगर में क्षेत्र में जमीन खरीदी, लेकिन पहचान के दस्तावेज कंपनी क्षेत्र के रहे अौर सर्वे में वह खाली जमीन रही
कई लोगों का 1985 के पूर्व राशन कार्ड नहीं बना था अौर जिनके पास था उन्होंने उतने पुराने राशन कार्ड को नहीं संभालकर रखा इसलिए आवेदन से चूक गये
1990 के बाद अधिकांश क्षेत्रों में बिजली-पानी का कनेक्शन पहुंचा, हालांकि लोग कनेक्शन के दस्तावेज भी नहीं प्रस्तुत कर पा रहे
ऐसे लोगों के पास 1985 के पूर्व से रहने का प्रमाणित दस्तावेज नहीं है, आवेदन से चूके
बड़ी संख्या में लोगों ने 1985 के पूर्व कुछ प्रभावी लोगों से एग्रीमेंट पर जमीन खरीदी, लेकिन मान्य दस्तावेज तैयार नहीं कराया, इससे आवेदन नहीं कर पाये
कई लोगों के पास 1985 के पूर्व के मान्य सभी दस्तावेज हैं, लेकिन लीज बंदोबस्ती से उन्हें कोई लाभ नहीं दिख रहा है
फॉर्म वितरण व आवेदन की स्थिति
तारीख फॉर्म बंटेजमा
आज अौर कल खुला रहेगा कैंप : गुड़िया मैदान में लगा कैंप में शुक्रवार 13 अप्रैल को छह आवेदन जमा हुए अौर 14 फॉर्म वितरित हुए. शनिवार को डॉ आंबेडकर की जयंती की छुट्टी अौर रविवार को भी कैंप खुला रहेगा.
लीज कैंप का कोई लाभ नहीं : दस्तावेज होने पर भी नहीं किया आवेदन
मेरा परिवार 1969 के पूर्व से बसा है अौर सर्वे के सभी दस्तावेज भी मौजूद है. 30 साल की लीज बंदोबस्ती के निर्णय से मैं सहमत नहीं हूं, इसलिए आवेदन नहीं किया. जमीन को न बेच सकते हैं अौर न लोन ले सकते हैं अौर लीज का कोई फायदा नहीं है. मालिकाना हक मिलना चाहिए था. लगान-सलामी की बड़ी राशि जमा नहीं करा पाने के कारण कई ने आवेदन नहीं किया.
फ्रेंकलिन बंसरियार, बिरसा नगर जोन नंबर 4.
मेरा परिवार 1965 से बिरसानगर में बसा है, मेरे पिता बलराम महतो जोन नंबर 3 के महासचिव थे. मेरे पास सभी दस्तावेज हैं, लेकिन आवेदन नहीं जमा किया. हमें मालिकाना मिलना चाहिए था अौर लीज बंदोबस्ती धोखा है. पुराने लोगों ने इसलिए आवेदन नहीं दिया. नये लोग एफिडेविट बनवा कर आवेदन जमा कर रहे हैं, जिसका अच्छा रिस्पांस नहीं है.
लालदेव महतो, बिरसा नगर जोन नंबर 3.
1975 से मेरा परिवार रह रहा है अौर दस्तावेज होने के बावजूद लीज बंदोबस्ती का आवेदन जमा नहीं कराया है. लीज बंदोबस्ती की व्यवस्था सही नहीं है. जो फॉर्म दिया जा रहा उसमें झारखंड सरकार का लोगो नहीं है. 85 के पूर्व के बसे कई लोग घर बेच कर चले गये हैं, कई की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं है कि वे लगान-सलामी की तय राशि जमा कर सकें.
जॉनी मसीह, बिरसा नगर जोन नंबर 4.

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