भूषण स्टील पर एनसीएलटी ने फैसला सुरक्षित रखा
जमशेदपुर : सिक्यूर्ड क्रेडिटर्स की कमेटी द्वारा भूषण स्टील की टाटा स्टील को बिक्री करने को चुनौती देने वाली याचिका पर एनसीएलटी द्वारा फैसला सुरक्षित रख लिया गया है. एनसीएलटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति एमएम कुमार की अगुवाइ वाली एनसीएलटी की प्रधान पीठ ने इस मामले की सुनवाई की. भूषण स्टील की लोन देने वाले की […]
जमशेदपुर : सिक्यूर्ड क्रेडिटर्स की कमेटी द्वारा भूषण स्टील की टाटा स्टील को बिक्री करने को चुनौती देने वाली याचिका पर एनसीएलटी द्वारा फैसला सुरक्षित रख लिया गया है. एनसीएलटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति एमएम कुमार की अगुवाइ वाली एनसीएलटी की प्रधान पीठ ने इस मामले की सुनवाई की. भूषण स्टील की लोन देने वाले की समिति ने टाटा स्टील की 35,200 करोड़ रुपये की पेशकश और साथ में 12.27 फीसदी इक्विटी की पेशकश को मंजूर कर लिया है.
हालांकि, भूषण स्टील के कुछ कर्मचारियों ने इस फैसले को एनसीएलटी के समक्ष चुनौती देते हुए कहा कि दिवाला एवं लोन देने वाले अक्षमता संहिता (आईबीसी) की धारा 29 (ए) के तहत टाटा स्टील बोली लगाने की पात्र नहीं है.
सुनवाई के दौरान टाटा स्टील की ओर से उपस्थित वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव नायर ने कहा कि भूषण स्टील की सीओसी ने उसकी पेशकश को आइबीसी के नियमों के अनुरूप पाया है. उन्होंने टाटा स्टील द्वारा भूषण स्टील के भूषण एनर्जी लिमिटेड के साथ बिजली खरीद करार को निपटान योजना में शामिल नहीं करने के फैसले को भी उचित ठहराया क्योंकि इसकी दरें काफी ऊंची थीं. 1 फरवरी 2018 को भूषण स्टील पर 57,160 करोड़ रुपये के कर्ज का बोझ था. श्री नायर ने कहा कि इस तरह के अनुबंध को बोझ नहीं ले सकते. इसे समाप्त करना होगा. उन्होंने कहा कि इस समझौते में बीइएल की पूरी बिजली को खरीदने का बाध्यकारी समझौता किया गया है, फिर चाहे इसका इस्तेमाल हो अथवा नहीं हो.