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चारू दत्ता आत्महत्या का मामला : किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पायी जांच टीम

जमशेदपुर: टाटा स्टील के पूर्व अधिकारी स्व चारुदत्ता आत्महत्या मामले में अनुसंधान कर रही मुंबई क्राइम ब्रांच व मुंबई पुलिस के पास किसी तरह का कोई भी परिस्थितिजन्य सबूत नहीं मिल पाये हैं. करीब एक साल के अनुसंधान के बावजूद मुंबई क्राइम ब्रांच और पुलिस अब तक किसी निष्कर्ष तक नहीं पहुंच पायी है. यह […]

जमशेदपुर: टाटा स्टील के पूर्व अधिकारी स्व चारुदत्ता आत्महत्या मामले में अनुसंधान कर रही मुंबई क्राइम ब्रांच व मुंबई पुलिस के पास किसी तरह का कोई भी परिस्थितिजन्य सबूत नहीं मिल पाये हैं.

करीब एक साल के अनुसंधान के बावजूद मुंबई क्राइम ब्रांच और पुलिस अब तक किसी निष्कर्ष तक नहीं पहुंच पायी है. यह जानकारी मुंबई क्राइम ब्रांच के जांच अधिकारी और मुंबई पुलिस की जांच टीम में शामिल प्रशांत देशपांडे ने दी है. अब तक इसका फाइनल रिपोर्ट तैयार नहीं हुआ है. बताया जाता है कि टीम हर एंगल पर काम कर चुकी है, लेकिन हत्या या आत्महत्या या आत्महत्या के लिए प्रेरित करने संबंधी कोई परिस्थितिजन्य सबूत हासिल नहीं कर पायी है.

क्राइम ब्रांच कर चुकी है डायरी की जांच
इस मामले में जिस डायरी का हवाला देकर टाटा स्टील के अधिकारी प्रभात शर्मा पर नये सिरे से प्राथमिकी दर्ज करने की बात हो रही है, उसी डायरी को आधार मानकर मुंबई क्राइम ब्रांच की टीम करीब एक साल से पूरे मामले की जांच करती रही है. मुंबई क्राइम ब्रांच की टीम ने दो-दो बार जमशेदपुर आकर कई दौर में जांच की. डायरी में यह भी बात लिखी गयी है कि उनके साथ किसी तरह का कोई विवाद नहीं रहा है.

हालांकि, उन्होंने यह जरूर लिखा है कि कंपनी छोड़ने की वजह प्रभात शर्मा थे, लेकिन साथ ही यह भी लिखा है कि उनका अपने विभाग में किसी तरह का कोई विवाद नहीं है. डायरी में कहीं भी आत्महत्या के लिये प्रेरित करने की बात नहीं है. डायरी की पूर्व में की गयी जांच में मुंबई क्राइम ब्रांच ने पाया है कि कंपनी की ओर से विज्ञापनों के प्रकाशन को लेकर जो बात कही गयी है उसके बारे में भी टाटा स्टील के तमाम राष्ट्रीय विज्ञापन माइंड शेड विज्ञापन एजेंसी, मुंबई के जरिये प्रकाशन के लिये जारी किये जाते हैं इसके अलावा ओड़िशा एवं कोलकाता से विज्ञापन भी जारी किये जाते हैं जिसके दर निर्धारण टाटा स्टील जमशेदपुर कॉरपोरेट कम्युनिकेशन्स कार्यालय की भूमिका नहीं होती है. जमशेदपुर से दो विज्ञापन एजेंसियों, वाया एवं ब्रrामानंद के जरिये कंपनी के विज्ञापन जारी होते हैं, जिसका उल्लेख चारुदत्ता देशपांडे ने अपनी डायरी में किया है. गौरतलब है कि चारूदत्ता के डायरी को लेकर मुंबई प्रेस क्लब और उनके पुत्र गौरव व उनके साले महेश भटकर ने पूरे की उच्चस्तीय जांच कराने मांग की और महाराष्ट्र के गृहमंत्री आरआर पाटिल से भी मुलाकात की.

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