सरना धर्म की मान्यता के लिए आंशिक भारत बंद 21 मई को

जमशेदपुर : झारखंड दिशोम पार्टी व आदिवासी सेंगेल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सालखन मुर्मू ने कहा कि भारत के अधिकांश आदिवासी प्रकृति पूजा पद्धति, संस्कृति से जुड़े हैं. इसके धार्मिक सोच, संस्कार, विश्वास भी अन्य धर्मों से भिन्न है. भारत के अधिकांश प्रदेश में आदिवासी सरना धर्म को मानने वाले हैं, इसलिए इनके सरना धर्म […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 18, 2018 5:04 AM
जमशेदपुर : झारखंड दिशोम पार्टी व आदिवासी सेंगेल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सालखन मुर्मू ने कहा कि भारत के अधिकांश आदिवासी प्रकृति पूजा पद्धति, संस्कृति से जुड़े हैं. इसके धार्मिक सोच, संस्कार, विश्वास भी अन्य धर्मों से भिन्न है. भारत के अधिकांश प्रदेश में आदिवासी सरना धर्म को मानने वाले हैं, इसलिए इनके सरना धर्म को मान्यता दिया जाये.
मंगलवार को बिष्टुपुर निर्मल गेस्ट हाउस में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए श्री मुर्मू ने कहा कि सरना धर्म व लिंगायत धर्म की मान्यता के लिए 21 मई को एक दिवसीय आंशिक भारत बंद का आह्वान करते हैं. यह बंद झारखंड, बिहार, बंगाल, ओड़िशा व असम के आदिवासी बहुल क्षेत्र प्रभावी होगा. भारत सरकार के प्रतिनिधि 15 मई तक सकारात्मक वार्तालाप करे, तो बंद पर पुनर्विचार किया जा सकता है. सालखन मुर्मू ने कहा कि आदिवासियों को शोषण उत्पीड़न के लिए मजबूर किया जा रहा है.

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