कोल्हान विवि में शुरू होगी दूरस्थ शिक्षा

जमशेदपुर: कोल्हान विश्वविद्यालय में एक बार फिर दूरस्थ शिक्षा (डिस्टेंस एजुकेशन) शुरू करने की कवायद शुरू कर दी गयी है. पिछले दिनों दिल्ली दौरे पर गये प्रभारी कुलपति व प्रतिकुलपति यूजीसी की बैठक में शामिल हुए. वहां विश्वविद्यालय को 12 बी व 12 एफ की मान्यता पर चर्चा हुई. वहीं अधिकारियों ने डिस्टेंस एजुकेशन ब्यूरो […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 15, 2014 9:01 AM

जमशेदपुर: कोल्हान विश्वविद्यालय में एक बार फिर दूरस्थ शिक्षा (डिस्टेंस एजुकेशन) शुरू करने की कवायद शुरू कर दी गयी है. पिछले दिनों दिल्ली दौरे पर गये प्रभारी कुलपति व प्रतिकुलपति यूजीसी की बैठक में शामिल हुए. वहां विश्वविद्यालय को 12 बी व 12 एफ की मान्यता पर चर्चा हुई.

वहीं अधिकारियों ने डिस्टेंस एजुकेशन ब्यूरो के निदेशक से भी मुलाकात की. ब्यूरो के निदेशक ने विश्वविद्यालय को दूरस्थ शिक्षा के लिए सभी आवश्यक प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश दिया है.

एकेडमिक काउंसिल में होगी चर्चा, तैयार होगा सिलेबस
यदि यहां दूरस्थ शिक्षा आरंभ होती है, तो कोल्हान विश्वविद्यालय झारखंड का पहला ऐसा विश्वविद्यालय होगा. ब्यूरो के निर्देशों के अनुसार नौ मई को विश्वविद्यालय की एकेडमिक काउंसिल में इस प्रस्ताव पर विचार किया जायेगा. काउंसिल की स्वीकृति मिलने के बाद सिंडिकेट में भी अनुमोदन के लिए संबंधित प्रस्ताव लाया जायेगा. उसके बाद विभिन्न विषयों की पढ़ाई के लिए पाठय़क्रम व सिलेबस तैयार किये जायेंगे. कुल मिला कर इस वर्ष तो नहीं, लेकिन सत्र 2015 से विश्वविद्यालय में दूरस्थ शिक्षा आरंभ होने की उम्मीद जतायी जाती है.

एचआरडी को भेजा जायेगा नियुक्ति प्रस्ताव
विश्वविद्यालय स्थापना के बाद से लेक्चरर, रीडर व प्रोफेसर व कर्मचारियों के स्वीकृत पद हैं. इन पदों पर अब तक नियुक्ति नहीं हो पाने पर यूजीसी ने आश्चर्य व्यक्त किया है. साथ ही 12बी व 12एफ के लिए विश्वविद्यालय को आधारभूत संरचना के विकास के साथ ही जल्द से जल्द शिक्षकों की नियुक्ति पूरी कराने की बात कही है. विश्वविद्यालय की ओर से बताया गया है कि विश्वविद्यालय में लेक्चरर के 66, रीडर के 44 और प्रोफेसर के 22 पद स्वीकृत हैं. इसी तरह कर्मचारियों के कुल 66 पद स्वीकृत हैं. पूर्व में भी विश्वविद्यालय राज्य मानव संसाधन विकास विभाग को संबंधित प्रस्ताव भेज चुका है.

पिछले ही सत्र से पड़े हैं 25 लाख रुपये
विश्वविद्यालय में दूरस्थ शिक्षा आरंभ करने का प्रस्ताव पिछले सत्र में लाया गया था. सिंडिकेट में इस पर चर्चा हुई थी. इसके बाद राज्य सरकार की ओर से इस मद में एक करोड़ रुपये की स्वीकृति के साथ ही पहली किस्त के रूप में 25 लाख रुपये आवंटित भी किये गये थे. लेकिन विश्वविद्यालय की तरफ से अभी तक कोई कदम नहीं उठाया गया है.

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