डुमरिया में सबसे ज्यादा मलेरिया के मरीज मिले

करोड़ों खर्च के बाद भी नियंत्रित नहीं हुआ मलेरिया 2017 में मलेरिया विभाग ने बांटे थे दो लाख से ज्यादा मच्छरदानी जमशेदपुर : मलेरिया की रोकथाम के लिए जिले में करोड़ों रुपये खर्च हुए बावजूद इसके मलेरिया के मरीजों की संख्या साल दर साल बढ़ती जा रही है. वर्ष 2017 में विभाग ने दो लाख […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 25, 2018 5:01 AM

करोड़ों खर्च के बाद भी नियंत्रित नहीं हुआ मलेरिया

2017 में मलेरिया विभाग ने बांटे थे दो लाख से ज्यादा मच्छरदानी
जमशेदपुर : मलेरिया की रोकथाम के लिए जिले में करोड़ों रुपये खर्च हुए बावजूद इसके मलेरिया के मरीजों की संख्या साल दर साल बढ़ती जा रही है. वर्ष 2017 में विभाग ने दो लाख से ज्यादा मच्छरदानी का वितरण किया, लेकिन उसका भी कोई खास असर नहीं पड़ा. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 2010 में ग्रामीण व शहरी क्षेत्र में मलेरिया के 3097 मरीज मिले थे. 2017 में यह संख्या बढ़कर 4638 हो गयी. मलेरिया विभाग के अनुसार 2017 में जिला में मलेरिया से एक भी मौत नहीं हुई है. विभाग के आंकड़े के अनुसार मलेरिया के सबसे ज्यादा मरीज डुमरिया में 1050 मरीज मिले हैं. वहीं मुसाबनी में 833 मरीज मलेरिया के मिले हैं.
1165 गांवों में बांटी गयी मच्छरदानी
स्वास्थ्य विभाग द्वारा वर्ष 2017 में 1165 गांव में 7 लाख 37 हजार 698 लोगों के बीच दो लाख 67 हजार 116 मच्छरदानी का वितरण किया गया. डॉ साहिर पाल ने बताया कि अभी 108 सब सेंटर के 538 गांवों में मच्छरदानी का वितरण करना है. इसके लिए सरकार को लिखा गया है. विभाग द्वारा मच्छरदानी उपलब्ध कराते ही वितरण कर दिया जायेगा.
मलेरिया दिवस पर होंगे कई कार्यक्रम
मलेरिया दिवस पर बुधवार को कई कार्यक्रम आयोजित होंगे. सुबह आठ बजे बिष्टुपुर मलेरिया कार्यालय से रैली निकलेगी. श्रीकृष्णा पब्लिक स्कूल में क्विज का आयोजन होगा. इसके अलावा सभी ब्लॉक के एक-एक स्कूल में क्विज प्रतियोगिता होगी. इसके विजेताओं को पुरस्कृत किया जायेगा.
मलेरिया के लक्षण
सिर दर्द, बदन दर्द, शरीर में ठंड के साथ तेज बुखार
कारण : एनाफिलीज मच्छर के काटने से होता है मलेरिया
बचाव : रात में मच्छरदानी लगाकर सोयें, पूरी बांह के कपड़े पहनें
वर्ष 2017 के मलेरिया के आंकड़े
ब्लॉक मरीज
बहरागोड़ा 81
चाकुलिया 98
धालभूमगढ़ 288
घाटशिला 394
मुसाबनी 833
डुमरिया 1050
पोटका 238
जुगसलाई 212
पटमदा 721
अर्बन क्षेत्र 723
सही आंकड़ा नहीं मिलता
जिला मलेरिया पदाधिकारी डॉ साहिर पाल ने बताया कि जिले के कई अस्पताल मलेरिया पीड़ित या इससे होने वाली मौत का सही आंकड़ा विभाग को उपलब्ध नहीं कराते हैं. इसके कारण डाटा तैयार करने में दिक्कत होती है. साथ ही उन जगहों की पहचान नहीं हो पाती है, जहां मलेरिया से ज्यादा मरीज हैं.
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