अब सेंसर से रोकी जायेगी बिजली और पानी की बर्बादी
जमशेदपुर : टाटा स्टील, टाटा टेक्नोलॉजी और जुस्को की संयुक्त सेंसर व्यवस्था का परीक्षण लगभग पूरा हो गया है. टाटा टेक्नोलॉजी लौरा वैन टेक्नोलॉजी के जरिये शहर में कई प्रयोग किये गये, जिसके जरिये शहर की अधिकांश सेवाओं को सेंसर से जोड़ा जाना था. इसमें कई सुधार और बदलाव के बाद अंतत: इसे पास कर […]
जमशेदपुर : टाटा स्टील, टाटा टेक्नोलॉजी और जुस्को की संयुक्त सेंसर व्यवस्था का परीक्षण लगभग पूरा हो गया है. टाटा टेक्नोलॉजी लौरा वैन टेक्नोलॉजी के जरिये शहर में कई प्रयोग किये गये, जिसके जरिये शहर की अधिकांश सेवाओं को सेंसर से जोड़ा जाना था. इसमें कई सुधार और बदलाव के बाद अंतत: इसे पास कर दिया गया है.
इस व्यवस्था को अब अधिकांश जगहों पर प्रयोग में लाने की तैयारी शुरू कर दी गयी है. जुस्को पीने के पानी और जीरो कट बिजली पर भी अपने मानक स्थापित कर चुकी है, जिसको सेंसर से जोड़कर और बेहतर करने जा रही है. इसके अलावा जुस्को स्मार्ट सिटी के लिए सेंसर विधि से पूरे शहर की मॉनिटरिंग करने की व्यवस्था शुरू कर दी गयी है.
इंटरनेट ऑफ थिंक (आइओटी) विधि से पूरे शहर की मैपिंग की गयी है, जो डाटा संग्रहित कर सीधे कंट्रोल रूम को भेजेगी. जुस्को की ओर से कंट्रोल रूम करीब एक साल पहले ही बना दिया गया था. योजना के मुताबिक करीब 2000 नागरिक सुविधाओं से जुड़ी व्यवस्था को सीधे सेंसर के जरिये ही मॉनिटरिंग की जायेगी.
ये व्यवस्था सेंसर से जुड़ेंगी जो टेस्टिंग में पास हुई
इंटेलिजेंट स्ट्रीट लाइट होगा, जो गाड़ी या आदमी के आते ही ज्यादा रोशन हो जायेगी और शेष समय डिम रहेगी.
पेयजल आपूर्ति के लिए बने टावर सेंसर से कंट्रोल किये जायेंगे, ताकि पानी की बर्बादी न हो.
शहर के सभी डस्टबिन को सेंसर से जोड़ा गया है, जो कामयाब है. इसके ओवरफ्लो होने के पहले ही कंट्रोल रूम को जानकारी होगी कि अब डस्टबिन को बदलने की जरूरत है.
स्मार्ट वाटर मीटर के जरिये मीटर रीडिंग की जायेगी. घरों में पानी का मीटर रीडिंग नहीं होगी, जबकि उपकरण ऐसा लगेगा, जो सीधे कंट्रोल रूम को बता देगा.
सभी सीवरेज सिस्टम को सेंसर से जोड़ा जायेगा, ताकि कोई भी मेन होल अगर भर जाये, तो कंट्रोल रूम को जानकारी हो जाये और उसकी सफाई तत्काल हो सके.