पांचवीं के बाद चार किमी दूर पहाड़ चढ़ पढ़ने जाते हैं बच्चे

गालूडीह: बाघुड़िया पंचायत के बीहड़ गांव डुमकाकोचा के छात्र-छात्राओं में शिक्षा को लेकर ललक है. गांव में प्राथमिक विद्यालय है. पांचवीं के बाद यहां के बच्चों को चार किमी दूर नरसिंहपुर मध्य विद्यालय जाना पड़ता है. नौवीं और दसवीं की पढ़ाई के लिए आठ किमी दूर बाघुड़िया उउवि जाना पड़ता है. डुमकाकोचा के कक्षा छह […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 8, 2018 5:19 AM
गालूडीह: बाघुड़िया पंचायत के बीहड़ गांव डुमकाकोचा के छात्र-छात्राओं में शिक्षा को लेकर ललक है. गांव में प्राथमिक विद्यालय है. पांचवीं के बाद यहां के बच्चों को चार किमी दूर नरसिंहपुर मध्य विद्यालय जाना पड़ता है. नौवीं और दसवीं की पढ़ाई के लिए आठ किमी दूर बाघुड़िया उउवि जाना पड़ता है. डुमकाकोचा के कक्षा छह से आठवीं तक के विद्यार्थी चार किमी दूर पहाड़ पार कर नरसिंहपुर मवि में जा रहे हैं.
सोमवार को डुमकाकोचा की रमनी सिंह, शरत सिंह और हेतल सिंह (सभी कक्षा आठ), जोबा सिंह, उमापद सिंह, रविंद्र सिंह (सभी कक्षा सात) और चैतन सिंह (कक्षा छह) सातों छात्र-छात्रा स्कूल छुट्टी के बाद दोपहर में पहाड़ पार कर घर लौट रहे थे. सभी पसीने से तर थे. पूछने पर कहा गांव में मवि नहीं है. पहाड़ पार कर प्रतिदिन जाना पड़ता है. जंगली हाथियों का भय भी रहता है. हम सभी विद्यार्थी एक साथ स्कूल जाते और लौटते हैं. विद्यार्थियों ने बताया कक्षा आठ की मिनती सिंह, सुसेन सिंह, पूजा सिंह, कक्षा सात के मिठुन सिंह आज स्कूल नहीं गये थे. गांव से सात विद्यार्थी स्कूल गये थे. विद्यार्थियों ने कहा कष्ट बहुत है सर, पर क्या करें. कोई विकल्प नहीं है. खाली पांव थी एक छात्रा: स्कूल से घर लौट रहे विद्यार्थियों में सातवीं की एक छात्रा खाली पांव थी. उसके पैर में चप्पल तक नहीं था. प्रचंड गर्मी और धूप और उपर से पहाड़ी रास्ते में उक्त छात्रा खाली पांव घर लौट रही थी. डुमकाकोचा में निवास करने वाले अधिकांश परिवार लकड़हारा है. लकड़ी बेचकर इसकी जिंदगी चलती है.

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