लकवा का अटैक आने पर चार घंटे महत्वपूर्ण
जमशेदपुर : स्ट्रोक आने और लकवा का अटैक होने पर मरीज को अगर साढ़े चार घंटे के भीतर अस्पताल लाया जाये तो उसे एक दवा (इंजेक्शन)के माध्यम से ठीक किया जा सकता है. उक्त जानकारी डॉ. सुभाष कॉल ने दी. वे टीएमएच में आयोजित न्यूरो साइंस और न्यूरो सजर्री सेमिनार के दूसरे दिन (रविवार) बतौर […]
जमशेदपुर : स्ट्रोक आने और लकवा का अटैक होने पर मरीज को अगर साढ़े चार घंटे के भीतर अस्पताल लाया जाये तो उसे एक दवा (इंजेक्शन)के माध्यम से ठीक किया जा सकता है. उक्त जानकारी डॉ. सुभाष कॉल ने दी. वे टीएमएच में आयोजित न्यूरो साइंस और न्यूरो सजर्री सेमिनार के दूसरे दिन (रविवार) बतौर मुख्य वक्ता संबोधित कर रहे थे.
झारखंड न्यूरोलॉजिकल सोसाइटी के तत्वावधान में आयोजित राष्ट्रीय स्तर के सेमिनार के दूसरे दिन लकवा, स्ट्रोक व याददाश्त पर चर्चा हुई. डा.पॉल ने बताया कि अगर स्ट्रोक के मरीज को समय पर टीपीए का इंजेक्शन लग जाये तो काफी हद तक इससे मुक्ति मिल सकती है. हालांकि अटैक आने के साढ़े चार घंटे के भीतर ही यह इंजेक्शन कारगर होता है. समय पर टीपीए का इंजेक्शन लगने से मरीज के शरीर में हुए रक्त जमाव को दूर किया जा सकता है. इसके बाद मरीज के शरीर में ताकत भी आने लगती है.
रविवार को सभी तथ्यों पर चर्चा करने के बाद सेमिनार का समापन हुआ.इस मौके पर डा.जी राम दास, डा.एके सिंह, डा.सीबी सिन्हा, डा.पीके बनर्जी सहित कई डॉक्टर मौजूूद थे. ये डाक्टर थे मौजूद .डा. एके सिंह, डा. संजय कुमार, डा. एमएन सिंह, डा.केएम झा, डा. अंतु विश्वास, डा. एसके दास, डा. ए.मुखर्जी, डा. मंजरी त्रिपाठी, डा. प्रसाद कृष्णन, डा. सुभाष कॉल, डा. एके महापात्र सहित कई अन्य डॉक्टर.