25 कंपनियों के 15 फीसदी उत्पाद घटिया क्वालिटी के
ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड के सर्वेक्षण में मानक पर खरा नहीं उतरे उत्पाद उत्पाद में सुधार का दिया गया निर्देश जमशेदपुर : ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (बीआइएस) ने झारखंड में 25 कंपनियों का सर्वेक्षण कर उनके प्रोडक्ट की जांच की. जांच में बीआइएस के ग्रेड को बनाये रखने के लिए दिये गये लाइसेंस के अनुसार […]
ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड के सर्वेक्षण में मानक पर खरा नहीं उतरे उत्पाद
उत्पाद में सुधार का दिया गया निर्देश
जमशेदपुर : ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (बीआइएस) ने झारखंड में 25 कंपनियों का सर्वेक्षण कर उनके प्रोडक्ट की जांच की. जांच में बीआइएस के ग्रेड को बनाये रखने के लिए दिये गये लाइसेंस के अनुसार उत्पाद की क्वालिटी सही नहीं पायी गयी. सुधार के निर्देश के साथ उनका फिर से क्वालिटी जांच कराने को कहा गया है. बीआइएस के झारखंड स्तरीय कार्यालय के हेड एसडी सिलवन ने बताया कि जांच में 15 फीसदी उत्पादों की क्वालिटी बेहतर नहीं पायी गयी. अगर क्वालिटी में सुधार नहीं किया गया तो सरकार द्वारा वर्ष 2016 में बनाये गये प्रावधान के तहत लाइसेंस रद्द करने और पेनाल्टी लगानेे की कार्रवाई भी की जा सकती है.
एलपीजी सिलिंडर बनाने वाली कंपनियां कर रही मानक का पालन
श्री सिलवन ने बताया कि एलपीजी सिलिंडर का झारखंड में छह कंपनियां निर्माण करती हैं. इनमें दो जमशेदपुर में, एक मधुपुर में और एक रांची और दो धनबाद में है. इन कंपनियों में सप्ताह में दो बार लॉट की जांच की जाती है. जांच में इनकी गुणवत्ता सही पायी गयी है. उन्होंने बताया कि सुरक्षा मानकों वाले उत्पाद जो आम आदमी की सुरक्षा से जुड़े होते हैं उनका बीआइएस का सर्टिफिकेशन लेना अनिवार्य होता है.
झारखंड में हॉल मार्किंग के चार सेंटर
श्री सिलवन ने बताया कि झारखंड में हॉल मार्किंग के चार सेंटर हैं. जमशेदपुर में दो और धनबाद तथा रांची में एक-एक सेंटर हैं. इनका औचक निरीक्षण कर देखा जाता है कि यहां सही तरीके से प्यूरिटी की जांच की जा रही है या नहीं. सोने का बाजार से सैंपल लिया जाता है. अब तक हॉल मार्किंग से जुड़ी बड़ी गड़बड़ी नहीं पायी गयी है.