एक प्रतिशत देकर ही पास होती है डीपीआर
ऑटोनोमी ऑफ काॅलेज-प्रोस्पेक्टस एंड प्राब्लम पर कार्यशाला जमशेदपुर : कोल्हान विश्वविद्यालय के अंगीभूत घाटशिला कॉलेज के प्राचार्य डॉ विनोद कुमार ने शुक्रवार को उच्च शिक्षा में फैले भ्रष्टाचार व सिस्टम पर शिक्षाविदों को खरी-खरी सुनायी. मौका था साकची स्थित होटल दयाल में इंडियन कॉलेज फोरम और जामिनी कल्याणी बीएड कॉलेज, जामिनी कांत बीएड कॉलेज के […]
ऑटोनोमी ऑफ काॅलेज-प्रोस्पेक्टस एंड प्राब्लम पर कार्यशाला
जमशेदपुर : कोल्हान विश्वविद्यालय के अंगीभूत घाटशिला कॉलेज के प्राचार्य डॉ विनोद कुमार ने शुक्रवार को उच्च शिक्षा में फैले भ्रष्टाचार व सिस्टम पर शिक्षाविदों को खरी-खरी सुनायी. मौका था साकची स्थित होटल दयाल में इंडियन कॉलेज फोरम और जामिनी कल्याणी बीएड कॉलेज, जामिनी कांत बीएड कॉलेज के तत्वावधान में आयोजित कार्यशाला का. कार्यशाला में मौजूद विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के पूर्व सचिव डॉ जीडी शर्मा से मुखातिब प्राचार्य डॉ विनोद कुमार ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में सहयोग के पैसों से जमीन लेकर बनाये हमारे कॉलेजों को विकास में अपेक्षित सहयोग नहीं मिल रहा. कॉलेज में मूलभूत विकास योजनाओं का डीपीआर पास कराने के नाम पर सरकार के उच्च शिक्षा विभाग में एक फीसदी राशि कमीशन के रूप में मांगी जाती है.
कमीशन नहीं देने पर डीपीआर गायब हो जाता है. डॉ विनोद ने कहा कि घाटशिला कॉलेज को राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद से ए ग्रेड मिला हुआ है. इससे पूर्व कॉलेज में मूलभूत सुविधाओं के विकास के लिए विवि के ज्वाइंट अकाउंट ए से राशि मांगने पर अधिकारियों ने हर बार तकनीकी पेंच फंसाया, हालांकि कुलपति की पहल पर राशि मिली. विनोद कुमार ने सिस्टम पर सवाल उठाते हुए कहा कि कुलपति के आदेश के बावजूद कॉलेज के विकास की फाइल को कुलसचिव ने डेढ़ माह तक राेके रखा. हालांकि प्राचार्य द्वारा उठाये गये सवालों के जवाब में यूजीसी के पूर्व सचिव डॉ जीडी शर्मा ने कहा कि मजबूत इच्छा शक्ति से ऐसी समस्याओं का समाधान किया जा सकता है.
कार्यशाला में थे मौजूद : कार्यशाला में वीमेंस कॉलेज की डाॅ पूर्णिमा कुमार, को-आपरेटिव कॉलेज के एनआर चक्रवर्ती, एबीएम कॉलेज की डाॅ. मुदिता चंद्रा, केएमपीएम वोकेशनल काॅलेज से मीता जखनवाल, आरका जैन के डाॅ.अंगद तिवारी, एलबीएसएम के डाॅ.अमर सिंह ,बीडीएसएल की डाॅ.पुष्कर बाला मौजूद रहीं. कार्यशाला की समन्वयक डॉ.कल्याणी कबीर और डॉ.सोनाली राॅय रहीं. कार्यशाला की रिपोर्टिंग डॉ.पूनम कुमारी ने की. प्रोफेसर मौसमी महतो, कमलेश कुमार, श्यामली दत्ता का सहयोग सराहनीय रहा.
कुलपति के आदेश के बावजूद कुलसचिव ने डेढ़ माह तक रोके रखी सुविधाओं की फाइल