रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि समाज के लिए विभिन्न प्रक्षेत्र में सीएसआर के तहत उद्योगपतियों द्वारा किये जाने वाले कार्य निश्चित रूप से सराहनीय हैं. सीएसआर के तहत 1 फीसदी खर्च राज्य सरकार द्वारा निर्धारित प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में करने का निर्णय राज्य स्तर पर सीएसआर काउंसिल द्वारा लिया गया है. शहरी क्षेत्र में सीसीटीवी कैमरों के अधिष्ठापन, ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति और जिले को प्लास्टिक से मुक्त बनाने की दिशा में विशेष रूप से केंद्रित होकर प्रयास करने की जरूरत है.
ये बातें मुख्यमंत्री ने विभिन्न औद्योगिक प्रतिष्ठानों से आये हुए प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कही. मुख्यमंत्री आज पूर्वी सिंहभूम, जमशेदपुर के समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में विभिन्न औद्योगिक घरानों और व्यवसाइयों द्वारा संपादित सीएसआर कार्यों की समीक्षा कर रहे थे.
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने देशवासियों से आह्वान किया है कि 2 अक्टूबर 2019 को महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती के अवसर पर उनका स्वच्छ भारत का सपना देश जरूर पूरा करेगा. राज्य सरकार ने तय किया है कि 2 अक्टूबर 2018 तक इस लक्ष्य को प्राप्त किया जायेगा और इस दिशा में राज्य सरकार काम कर रही है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राकृतिक संपदा की दृष्टि से झारखंड सबसे संपन्न राज्य है फिर भी इसकी गोद में गरीबी और कुपोषण जैसी समस्याएं हैं. सरकार इस कलंक को निर्मूल करने के लिए संकल्पित होकर कार्य कर रही है. कुपोषण और दूषित जल जनित बीमारियों से निपटने के लिए स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति को मुख्यमंत्री ने प्राथमिकता देने की बात कही.
मुख्यमंत्री ने कहा कि 14 अप्रैल से 5 मई 2018 तक ग्राम स्वराज अभियान चलाया गया जिसके तहत राज्य के 252 गांवों में सरकार की सात फ्लैगशिप योजनाओं का शत-प्रतिशत आच्छादन सफलतापूर्वक पूरा किया गया. 1 जून से 15 अगस्त तक राज्य के 6512 गांवों को संतृप्त किया जायेगा. इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए राज्य सरकार और जिला प्रशासन प्रतिबद्ध है.
शहरी क्षेत्रों में विधि व्यवस्था संधारण के लिए सीसीटीवी कैमरे स्थापित करने, पर्यावरण की सुरक्षा के लिए प्लास्टिक को अपने प्रतिष्ठानों में पूरी तरह से प्रतिबंधित करने और ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों के लिए साफ और सुरक्षित पेयजल की व्यवस्था को सीएसआर कार्यों में शामिल करने का आह्वान मुख्यमंत्री ने किया. उन्होंने कहा कि हम जिस शहर में रहते हैं उसके प्रति हमारी जिम्मेवारी है. जहां भी उद्योग धंधे लगाये हैं आसपास के क्षेत्र का विकास हो. इसी समाज से उद्यमियों का हित जुड़ा हुआ है. हर कॉरपोरेट सेक्टर की जिम्मेवारी है कि बुनियादी सुविधाओं में योगदान दें.
सीएसआर और स्वच्छ पेयजल आपूर्ति के लिए सहमत हुई कंपनियां
मुख्यमंत्री के आह्वान पर विभिन्न उद्योगपतियों ने पोटका और डुमरिया के सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों में जलमीनार के माध्यम से स्वच्छ पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने, शहरी क्षेत्र में सीसीटीवी कैमरे अधिष्ठापित करने और पर्यावरण की रक्षा के लिए अपने प्रतिष्ठानों और कर्मचारियों के बीच प्लास्टिक बैग, बोतल इत्यादि के उपयोग को प्रतिबंधित करने हेतु व्यापक जन जागरूकता कार्य करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की.
बैठक के बाद उपायुक्त अमित कुमार ने प्रेस प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए जानकारी दी कि पूर्वी सिंहभूम जिला अंतर्गत और आदित्यपुर क्षेत्र की विभिन्न कंपनियों ने माननीय मुख्यमंत्री द्वारा मुख्य रूप से चिन्हित 3 प्रक्षेत्रों में स्वच्छ पेयजल, सीसीटीवी कैमरे और प्लास्टिक बैग, बोतलों पर प्रतिबंध की दिशा में कार्य करने के लिए प्रतिबद्धता व्यक्त की है. 5 माह के न्यूनतम कार्यावधि में इन सारे कार्यों को संपादित करने का लक्ष्य है.
बैठक में जिले के तमाम वरीय पदाधिकारीगण, हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड के प्रबंध निदेशक, जुस्को के महाप्रबंधक, टिनप्लेट के प्रबंध निदेशक सहित विभिन्न औद्योगिक प्रतिष्ठानों और प्रतिष्ठित व्यवसायियों के प्रतिनिधि गण उपस्थित थे.