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जमशेदपुर : टाटा स्टील के कर्मचारियों के मेडिकल एक्सटेंशन को लेकर वार्ता आखिरकार सोमवार को टूट गयी. यूनियन के टॉप थ्री अधिकारियों के साथ शाम को करीब दो घंटे की बैठक में वीपी एचआरएम सुरेश दत्त त्रिपाठी ने साफ तौर पर कह दिया कि यह टाटा समूह में किसी को एक्सटेंशन नहीं दिया जायेगा. इसके […]

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जमशेदपुर : टाटा स्टील के कर्मचारियों के मेडिकल एक्सटेंशन को लेकर वार्ता आखिरकार सोमवार को टूट गयी. यूनियन के टॉप थ्री अधिकारियों के साथ शाम को करीब दो घंटे की बैठक में वीपी एचआरएम सुरेश दत्त त्रिपाठी ने साफ तौर पर कह दिया कि यह टाटा समूह में किसी को एक्सटेंशन नहीं दिया जायेगा. इसके बाद यूनियन के तीनों पदाधिकारियों ने अन्य आठ अधिकारियों संग बैठक कर फैसला लिया गया कि मंगलवार से वे लोग सामान्य कर्मचारी की तरह ड्यूटी करेंगे और अपना विरोध दर्ज कराते रहेंगे.
कंपनी के एमडी टीवी नरेंद्रन के निर्देश पर सोमवार शाम पांच बजे कंपनी के वीपी एचआरएम सुरेश दत्त त्रिपाठी के साथ यूनियन के अध्यक्ष आर रवि प्रसाद, महामंत्री सतीश सिंह और डिप्टी प्रेसिडेंट अरविंद पांडेय की बैठक शुरू हुई. इस बीच बैठक में कंपनी के एचआरएम के अधिकारी जुबिन पालिया और संदीप धीर को भी बुला लिया गया. मैनेजमेंट की ओर से तीन और यूनियन की ओर से तीन पदाधिकारियों के बीच करीब दो घंटे तक बातचीत हुई.
इस बातचीत के दौरान मैनेजमेंट की ओर से वीपी एचआरएम सुरेश दत्त त्रिपाठी ने साफ तौर पर कह दिया कि यह टाटा समूह का ही फैसला है कि किसी एमडी से लेकर किसी को कोई एक्सटेंशन नहीं दिया जायेगा इसलिए सिर्फ जमशेदपुर प्लांट और माइंस में इस सुविधा को और ज्यादा समय तक नहीं चलाया जा सकता, इससे कंपनी को भी नुकसान है.
बैठक में यूनियन की ओर से दलील दी गयी कि कर्मचारियों ने अपनी प्रॉडक्टिविटी बढ़ायी है और इसी प्लांट के कर्मचारियों की बदौलत देश-दुनिया में पूरे समूह का डंका बजा है. इस पर मैनेजमेंट ने सिर्फ इतना कहा कि वे लोग जिसको काम लायक समझेंगे, उसको अपने रख लेंगे, लेकिन इसको हमेशा के लिए एक्सटेंशन को जारी नहीं रखा जा सकता है.
इसके बाद यूनियन के तीनों पदाधिकारी वापस यूनियन आये. अध्यक्ष आर रवि प्रसाद, महामंत्री सतीश सिंह और डिप्टी प्रेसिडेंट अरविंद पांडेय ने बाकी के आठ अधिकारियों को मीटिंग कक्ष में बुलाया. इनके बीच करीब एक घंटे तक वार्ता चली और अंतत: यह फैसला ले लिया गया कि अब वे लोग सामान्य कर्मचारी की तरह अपनी सारी सुविधाओं को छोड़कर ड्यूटी करेंगे. यह भी तय किया गया है कि किसी भी विभाग में किसी तरह का ज्वाइंट कंसल्टेशन सिस्टम या मीटिंग का भी बहिष्कार किया जायेगा. वे लोग सुबह से लेकर शाम पांच बजे तक जेनरल शिफ्ट की ड्यूटी करेंगे और अपना विरोध दर्ज कराते रहेंगे.
टाटा स्टील मैनेजमेंट की दलील
पूरे टाटा समूह में नहीं चल रहा तो सिर्फ जमशेदपुर के प्लांट व माइंस व कोलियरी में इसे ज्यादा दिन नहीं चला सकते
वर्क्स स्टैंडिंग ऑर्डर में भी हमें इसे बंद करने का अधिकार है.
यूनियन को एक साल पहले ही ये बातें बता दी गयी थीं. समय मांगने पर जारी रखा गया था
25 साल में एक नौकरी और 40 साल में दूसरी नौकरी करने की परिपाटी थी, लेकिन यह बदली. इसे अधिकार नहीं समझना चाहिए
टाटा वर्कर्स यूनियन की दलील
70 साल से यह सुविधा कंपनी के कर्मचारियों को मिल रही है
अगर प्रोडक्टिविटी की बात है तो इसे हमलोग और तरीके से भी बढ़ा सकते हैं
अगर ऐसा होगा तो कर्मचारियों का गुस्सा शांत नहीं हो सकेगा
कंपनी यहीं से दुनिया में फैली है, इस कारण यहां के मजदूरों का हक ज्यादा है
मैनेजमेंट की हठधर्मिता के कारण ये हालात : रवि
मैनेजमेंट के साथ हम लोगों की वार्ता हुई. मैनेजमेंट मेडिकल एक्सटेंशन को बंद रखने पर अमादा है. हम लोगों ने वार्ता की है, लेकिन अगर कर्मचारियों की सुविधाएं ही ली जाती रहेंगी तो हम लोग क्या करेंगे सुविधाएं लेकर. इस कारण हम लोगों ने कहा है कि अब मजदूरों की लड़ाई हमलोग अपने तरीके से लड़ेंगे और मैनेजमेंट के इस रवैया को वे लोग किसी भी हाल में नहीं मानेंगे.

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