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आने वाला जमाना गजलों का, युवा कलाकार मेहनत करें : पंकज उधास

जमशेदपुर : आने वाला समय फिर से गजल का होगा. इसके लिए युवाओं को कड़ी मेहनत करने की जरूरत है ताकि वे लोग भी एक बेहतर मुकाम हासिल कर सकें. यह बातें देश के प्रसिद्ध गजल गायक पंकज उधास ने कहीं. श्री उधास इंडियन इंस्टीच्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट के कार्यक्रम में हिस्सा लेने जमशेदपुर आये […]

जमशेदपुर : आने वाला समय फिर से गजल का होगा. इसके लिए युवाओं को कड़ी मेहनत करने की जरूरत है ताकि वे लोग भी एक बेहतर मुकाम हासिल कर सकें. यह बातें देश के प्रसिद्ध गजल गायक पंकज उधास ने कहीं. श्री उधास इंडियन इंस्टीच्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट के कार्यक्रम में हिस्सा लेने जमशेदपुर आये हैं. उनका कार्यक्रम बुधवार को लोयोला ऑडिटोरियम में होगा.
वे मंगलवार को देर शाम शहर पहुंचे. इसके बाद वे उनके लिए गजल लिखने वाले सेंट्रल एक्साइज व जीएसटी के आयुक्त अजय पांडेय से मिलने के लिए नार्दन टाउन स्थित आवास गये, जहां वह घंटों रहे और रात का खाना खाया. पंकज उधास ने बताया कि अजय पांडेय की लिखी गजलों को जो भी गायेगा, वह प्रसिद्ध हो जायेगा. इसके बाद उन्होंने प्रभात खबर से संक्षिप्त बातचीत भी की.
अब फिर से जमाना गजल का ही आने वाला है. पंकज उधास ने कहा कि जिस तरह के गीत और संगीत लोगों को परोसे जा रहे हैं, उससे लोग अब ऊब चुके हैं. इस कारण लोग फिर से गजल की ओर रुख कर रहे हैं. गजल मिर्जा गालिब के जमाने की है. इसका 400 साल पुराना इतिहास है. इसको यूं ही पल में कोई खत्म नहीं कर सकता है. इसका भविष्य काफी बेहतर है.
कई नये कलाकार आ रहे है. उन्होंने बताया कि अभी भी युवा कलाकार गजल में रुचि रख रहे हैं. उन्होंने कहा कि वे लोग मुंबई में हर साल खजाना कार्यक्रम अायोजित करते हैं, जो पूरी दुनिया लाइव देखती है. इसमें मेरे अलावा अनूप जलोटा, तलत महमूद, भूपेंद्र सिंह, पिनाज मसानी और सोनू निगम जुड़े हुए है.
अभी हम लोगों ने युवाओं को जोड़ने के लिए ही ऑनलाइन पोर्टल शुरू किया, जिसके माध्यम से टैलेंट हंट शुरू किया गया है. हंगामा आर्टिस्ट डॉट कॉम शुरू किया, जिसमें सारे लोगों को कहा गया कि वे लोग गजल का वीडियो डाले, जो बेस्ट होगा, उसका चयन किया जायेगा. 75 शहरों से 250 से ज्यादा इंट्री आयी, जिसमें सारे लोग 20 से 25 साल के उम्र के ही थे. इसके जरिये कई लोगों को मुकाम हासिल हुआ है. कई नये कलाकार अब गजल गायकी में सामने आ रहे है.
युवा कलाकार अपनी जुबान ठीक करें, शास्त्रीय संगीत जरूर सीखें
श्री उधास ने कहा कि युवा कलाकार भी अब गजल की ओर आ रहे है. उन्होंने कहा कि गजल कोई रातों रात गाने नहीं लग जाता है. गजल के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है कि लोगों की जुबान सही होनी चाहिए, जिसके लिए लगातार रियाज किया जाना चाहिए और अपना सबसे पहले तलफ्फुज को ठीक करना चाहिए. इसके अलावा शास्त्रीय संगीत तो जरूर सीखना चाहिए और एक बेहतर गुरु को खोजकर उनके बताये मार्गों को आत्मसात करते हुए आगे बढ़े, मेहनत करें, प्लेटफॉर्म अब काफी ज्यादा है और लोग इस प्लेटफॉर्म के जरिये देश के नामचीन गजल गायक बन सकते है.

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