टाटा समझ सीकेपी में ट्रेन से कूदे रेलवे डॉक्टर, पिता को कूदते देख पुत्र ने भी लगायी छलांग

जमशेदपुर/चक्रधरपुर : चक्रधरपुर को टाटानगर स्टेशन समझ टाटानगर रेलवे अस्पताल के चीफ मेडिकल ऑफिसर डॉ सुशील कुमार बेहरा व उनके पुत्र चलती ट्रेन से चक्रधरपुर में कूद गये. जिससे मेडिकल ऑफिसर के सिर में गंभीर चोट लगी है. वहीं उनका पुत्र मामूली रूप से चोटिल हो गया. वे लोग मुंबई- हावड़ा ज्ञानेश्वरी एक्सप्रेस से टाटानगर […]

By Prabhat Khabar Print Desk | June 29, 2018 5:08 AM
जमशेदपुर/चक्रधरपुर : चक्रधरपुर को टाटानगर स्टेशन समझ टाटानगर रेलवे अस्पताल के चीफ मेडिकल ऑफिसर डॉ सुशील कुमार बेहरा व उनके पुत्र चलती ट्रेन से चक्रधरपुर में कूद गये. जिससे मेडिकल ऑफिसर के सिर में गंभीर चोट लगी है. वहीं उनका पुत्र मामूली रूप से चोटिल हो गया. वे लोग मुंबई- हावड़ा ज्ञानेश्वरी एक्सप्रेस से टाटानगर आ रहे थे.
चक्रधरपुर रेलवे अस्पताल में पिता-पुत्र का प्राथमिक इलाज कर उन्हें तामोलिया (जमशेदपुर) स्थित ब्रह्मानंद अस्पताल रेफर कर दिया गया. उन्हें विशेष सैलून से टाटानगर भेजा गया. गंभीर चोट होने के कारण उनके सिर का ब्रह्मानंद नारायण हृदयालय में ऑपरेशन करना पड़ा. घटना गुरुवार सुबह लगभग आठ बजे की है. नींद से जग कर अचानक ट्रेन से कूद गये.
जानकारी के अनुसार, डॉ बेहरा पुत्र सात्विक के संग ज्ञानेश्वरी एक्सप्रेस से राउरकेला से टाटानगर आ रहे थे. डॉक्टर बेहरा के बेटे की एनआइटी राउरकेला में काउंसिलिंग थी. ट्रेन में दोनों गहरी नींद में सो गये थे. सुबह 7.50 बजे जब चक्रधरपुर से ट्रेन खुलने लगी,तो डॉ बेहरा व उनके पुत्र की आंख खुली. नींद से तुरंत जगने के कारण डॉ बेहरा को लगा कि वे टाटानगर स्टेशन पहुंच गये हैं और आगे के लिए ट्रेन खुल चुकी है. आनन-फानन में डॉ बेहरा ने ट्रेन से चलती ट्रेन से छलांग दी.
तब तक ट्रेन की रफ्तार तेज हो चुकी थी. पिता को ट्रेन से कूदता देख उनके बेटे ने भी छलांग लगा दी. हालांकि मौके पर मौजूद आरपीएफ जवानों ने उसे गिरने से बचा लिया. इधर डॉ बेहरा को देखने डीआरएम छत्रसाल सिंह भी चक्रधरपुर रेलवे स्टेशन पहुंचे थे.
ट्रेन के समय में परिवर्तन से हुई गफलत : इस ट्रेन को चक्रधरपुर पहुंचने का समय रात 10.20 बजे है. लेकिन रायपुर व झारसुगुड़ा के बीच ट्रेन स्थानांतरित होकर चलने के कारण ट्रेन सुबह 7.50 बजे चक्रधरपुर पहुंची. ट्रेन के समय में हुए परिवर्तन से डॉ बेहरा को गफलत हो गयी. उन्हें लगा कि ट्रेन टाटानगर से खुल चुकी है.

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