प्रदूषण मुक्त होगी खरकई
आदित्यपुर : खरकई नदी शहरों से निकले गंदे पानी के नालों से लगातार प्रदूषित हो रही है. इसे प्रदूषण मुक्त करने की पहल शुरू की गयी है. झारखंड लीगल एडवाइजरी एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (जलैडो) की शिकायत पर सुवर्णरेखा बहुद्देश्यीय परियोजना के प्रशासक ब्रजमोहन कुमार ने परियोजना के मुख्य अभियंता चांडिल व ईचा-गालुडीह कॉम्पलेक्स को निर्देशित […]
आदित्यपुर : खरकई नदी शहरों से निकले गंदे पानी के नालों से लगातार प्रदूषित हो रही है. इसे प्रदूषण मुक्त करने की पहल शुरू की गयी है. झारखंड लीगल एडवाइजरी एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (जलैडो) की शिकायत पर सुवर्णरेखा बहुद्देश्यीय परियोजना के प्रशासक ब्रजमोहन कुमार ने परियोजना के मुख्य अभियंता चांडिल व ईचा-गालुडीह कॉम्पलेक्स को निर्देशित किया है. इसमें यह पता लगाने का निर्देश दिया गया है कि नदी में जितने भी नालों का बहाव हो रहा है, उनके स्रोत क्या हैं? इसका विस्तृत विवरण टेबुलर फॉर्म व नक्शा में तैयार कर खरकई नदी को प्रदूषण मुक्त करने के संबंध में आवश्यक प्रस्ताव तैयार कर समर्पित किया जाये.
स्थानीय निकाय को दोषी ठहराया : जलैडो ने प्रदूषण नियंत्रण परिषद के क्षेत्रीय पदाधिकारी से लेकर झारखंड सरकार के मुख्य सचिव तक को की गयी शिकायत में खरकई नदी में गंदे पानी के नालों को बहाकर उसे गंभीर रूप से प्रदूषित करने के लिए स्थानीय नगर निकाय को दोषी ठहराया है. संस्था के अध्यक्ष ओम प्रकाश ने नदी को लगातार प्रदूषित करने के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए एक माह में नदी को प्रदूषण मुक्त करने की मांग की थी.
हाइकोर्ट ने स्वत: लिया है संज्ञान : झारखंड हाइकोर्ट ने राज्य की नदियों के प्रदूषित होने के मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए सरकार से जवाब तलब किया है. इस मामले में कई पर सुनवाई भी हुई है. जलैडो भी खरकई नदी के मुद्दे को लेकर हाइकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल करेगा.
प्रदूषण नियंत्रण पर्षद ने पल्ला झाड़ा
जलैडो की शिकायत पर झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद ने सिर्फ यह कहते हुए पल्ला झाड़ लिया कि कचरे का निपटारा व शहर के दूषित जल का ट्रीटमेंट की व्यवस्था करना स्थानीय निकाय की जिम्मेवारी है. पर्षद के क्षेत्रीय पदाधिकारी सुरेश पासवान ने आदित्यपुर नगर निगम व जमशेदपुर अक्षेस के इओ को पत्र लिखकर शिकायत के आलोक में कार्रवाई करने का अनुरोध किया है.