2009 के बाद पीएचडी करने वाले शिक्षकों की उपाधि की होगी जांच

जमशेदपुर : कोल्हान विवि सहित अंगीभूत कॉलेजों में सेवा देने वाले करीब दर्जन भर से अधिक शिक्षकों की पीएचडी डिग्री जांच के दायरे में आने वाली है. विवि प्रशासन के बीच संबंधित प्रकरण में जांच कराने को लेकर सैद्धांतिक सहमति बन गयी है. आधिकारिक घोषणा का इंतजार है. कहा जा रहा है कि कुलपति डॉ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 4, 2018 7:05 AM

जमशेदपुर : कोल्हान विवि सहित अंगीभूत कॉलेजों में सेवा देने वाले करीब दर्जन भर से अधिक शिक्षकों की पीएचडी डिग्री जांच के दायरे में आने वाली है. विवि प्रशासन के बीच संबंधित प्रकरण में जांच कराने को लेकर सैद्धांतिक सहमति बन गयी है. आधिकारिक घोषणा का इंतजार है. कहा जा रहा है कि कुलपति डॉ शुक्ला माहांती ने इस मुद्दे पर विवि के आला अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श किया है.

कहा गया है कि सबसे पहले वर्ष 2009 के बाद पीएचडी की उपाधि जमा करने वाले शिक्षकों का ब्याैरा तैयार किया जाये. इसके बाद कमेटी के गठन पर निर्णय लिया जायेगा. मामले में विवि के समक्ष की गयी शिकायत में कहा गया है कि विवि सहित अलग-अलग कॉलेजों में करीब 15 शिक्षकों ने वर्ष 2009 के बाद पीएचडी की डिग्री जमा की है.

छात्र अाजसू आज करेगा प्रदर्शन. विवि सहित अलग-अलग कॉलेजों में सेवा देने वाले शिक्षकों की उपाधि की जांच की मांग को लेकर शनिवार को छात्र आजसू की ओर से विवि शाखा कार्यालय पर प्रदर्शन करेगा. संगठन के कोल्हान अध्यक्ष हेमंत पाठक ने कहा है कि अगर विवि छात्रों के उपाधि की जांच करा सकता है, तो शिक्षकों के उपाधि की भी जांच होनी चाहिये.

क्या है पूरा मामला

केयू सहित अंगीभूत कॉलेजों में करीब पंद्रह से अधिक शिक्षकों ने वर्ष 2009 के बाद पीएचडी की उपाधि जमा की है. इसमें से कई शिक्षक विवि और कॉलेजों में अलग-अलग प्रशासनिक पदों पर बैठे हुए हैं. छात्र संगठनों की ओर से दावा किया गया है कि वर्ष 2009 के बाद पीएचडी जमा करने वाले शिक्षकों ने इसके लिए विवि से जरूरी अवकाश तक नहीं लिया. वर्ष 2009 के बाद यूजीसी के प्रावधानों का पालन नहीं किया गया.

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