अजमेर-सियालदह एक्सप्रेस के यात्रियों का जंक्शन पर हंगामा
गया : रेलवे स्टेशन पर शुक्रवार को अजमेर-सियालदह एक्सप्रेस ट्रेन की एसी बी-2 बोगी के यात्रियों ने हंगामा किया. यात्री बोगी की छत टपकने पर उसे बदलने की मांग पर अड़े थे. इस दौरान करीब 30 मिनट तक यात्रियों ने ट्रेन को रोके रखा. यात्रियों ने आरोप लगाया कि एसी बी-2 की बोगी से पानी […]
गया : रेलवे स्टेशन पर शुक्रवार को अजमेर-सियालदह एक्सप्रेस ट्रेन की एसी बी-2 बोगी के यात्रियों ने हंगामा किया. यात्री बोगी की छत टपकने पर उसे बदलने की मांग पर अड़े थे. इस दौरान करीब 30 मिनट तक यात्रियों ने ट्रेन को रोके रखा. यात्रियों ने आरोप लगाया कि एसी बी-2 की बोगी से पानी टपकता है. इस कारण सफर करने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
यात्रियों ने बताया कि डेहरी स्टेशन पर रेलवे अधिकारियों से शिकायत की गयी. लेकिन, आश्वासन के सिवाय कुछ नहीं मिला. इसके बाद गया रेलवे स्टेशन पर मजबूर होकर हंगामा करना पड़ा. यात्रियों ने बताया कि महंगा टिकट खरीद कर एसी में लोग सफर करते हैं. इसके बाद भी उन लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. यात्रियों ने हंगामा करते हुए बी-2 बोगी को बदलने पर अड़ गये. हंगामा की सूचना मिलते ही आरपीएफ इंस्पेक्टर एएस सिद्दीकी व अन्य जवानों ने आक्रोशित यात्रियों को समझा-बुझा कर मामला शांत कराया. इसके बाद जहां-तहां बोगी की मरम्मत कर यात्रियों को समक्षा-बुझा कर ट्रेन को गया रेलवे स्टेशन से रवाना किया.
मरम्मत के नाम पर आता है पैसा : ट्रेनों की मरम्मत के लिए रेलवे फंड में पैसा आता है. लेकिन, सब गोलमाल हो जाता है. कुछ जगहों पर काम कराने के बाद एक रिपोर्ट तैयार कर मुगलसराय मुख्यालय भेज दी जाती है. वरीय अधिकारी समझते हैं कि मरम्मत का काम पूरा हो गया है. लेकिन, एेसा कुछ होता नहीं है. यही कारण है कि आये दिन रेलयात्रियों को सफर के दौरान परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
कई ट्रेनों की बोगियां हैं जर्जर
गया-डेहरी पैसेंजर, गया-बख्तियापुर पैसेंजर, गया-पटना पैसेंजर, गया-धनबाद इंटरसिटी एक्सप्रेस सहित अन्य ट्रेनों की कई बोगियां जर्जर हो चुकी हैं. लेकिन, रेलवे अधिकारियों का कोई ध्यान नहीं है. रेलवे अधिकारियों की लापरवाही के कारण आये दिन रेलयात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. बताया जाता है कि कई ट्रेनों की खिड़कियां, सीट, शौचालय सहित पंखें खराब हैं. लेकिन, मरम्मत के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जाती है. रेलवे अधिकारियों द्वारा रेलयात्रियों की सुविधा देने की बात की जाती है. लेकिन, सुविधा के नाम पर कुछ नहीं मिलता है.