रांची और जमशेदपुर में 1 मेगावाट सोलर एनर्जी की संभावना, सस्ती होगी बिजली
रांची : झारखंड में सोलर रूफटॉप प्रणाली को लेकर क्या संभावनाएं है. इसी की पड़ताल करती एक रिसर्च रिपोर्ट आज सीड ( सेंटर फॉर एन्वॉरोंटमेंट एनर्जी डेवलपमेंट , जेरेडा ( झारखंड रिन्यूबल एनर्जी) और सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ झारखंड ने साथ मिलकर होटल बीएनआर चाणक्य में जारी किया. इस रिपोर्ट में मुख्य रूप से दो शहरों […]
रांची : झारखंड में सोलर रूफटॉप प्रणाली को लेकर क्या संभावनाएं है. इसी की पड़ताल करती एक रिसर्च रिपोर्ट आज सीड ( सेंटर फॉर एन्वॉरोंटमेंट एनर्जी डेवलपमेंट , जेरेडा ( झारखंड रिन्यूबल एनर्जी) और सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ झारखंड ने साथ मिलकर होटल बीएनआर चाणक्य में जारी किया. इस रिपोर्ट में मुख्य रूप से दो शहरों पर फोकस किया गया जिनमें जमशेदपुर और रांची शामिल हैं. रिपोर्ट में बताया गया कि इन दो शहरों में ही रूफटॉप प्रणाली से ही एक मेगावाट बिजली उत्पादन की संभावना है.
इस रिपोर्ट में जिक्र है कि दो सालों में झारखंड में 500 मेगावाट बिजली का हासिल करने में मदद मिल सकती है. इस क्षेत्र में असीम संभावनाएं हैं. सिर्फ इन दो शहरों में बल्कि पूरे झारखंड में इसकी बिजली की मांग को पूरा किया जा सकता है. . इन दो शहरों में रूफटॉप प्रणाली को विकसित करने में लगभग 52 अरब रूपये का निवेश होगा. इस प्रणाली से ना सिर्फ बिजली की बल्कि रोजगार की संभावनाओं पैदा होगी. इससे 24 हजार नये रोजगार पैदा होंगे.
कार्यक्रम में शामिल सीड के सीईओ ने कहा, सोलन एनर्जी से बिजली आसानी से हासिल हो सकेगी. शहरी क्षेत्र में बिजली उत्पादन में घाटा है. ऊर्जा सुरक्षा की स्थिति और प्रदूषण को देखते हुए सोलर ऊर्जा एक बदलाव के रूप में सामने है. इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने के लिए प्रभावी गाइडलान की जरूरत है.
कार्यक्रम के इतर जरेडा के डायरेक्टर श्री निरंजन कुमार ने कहा, तीन से चार साल में आपका निवेश वसूल हो जाता है. इसके लिए 30 फीसद केंद्र देती है जबकि 20 फीसद राज्य. 50 फीसद की सब्सिडी मिलती है. हमारी कोशिश है कि इसका लाभ ज्यादा से ज्यादा लोगों को मिल सके. इसे वृहद योजना के रूप में भी लाने की योजना है. हम इस योजना में हरसंभव मदद करेंगे. रांची और जमशेदपुर में सोलर रूफटॉप की संभावना का आकलन किया गया है. साल 2022 तक 500 मेगावाट का लक्ष्य हासिल करने का लक्ष्य है.