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पुल पार कर रहे चार कांवरिये ट्रेन से कटे

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चाईबासा/चक्रधरपुर/किरीबुरू : सावन की तीसरी सोमवारी पर ओड़िशा के सुंदरगढ़ जिले के प्रसिद्ध घोघड़धाम में जलाभिषेक करने आये एक ही परिवार के चार कांवरिये राउरकेला शहर के पानपोष रेलवे पुल पार करने के दौरान मुंबई-हावड़ा मेल (12809) की चपेट में आ गये. घटना रविवार रात की है. मृतकों की पहचान नीलेश निखिल दास (32), पत्नी […]

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चाईबासा/चक्रधरपुर/किरीबुरू : सावन की तीसरी सोमवारी पर ओड़िशा के सुंदरगढ़ जिले के प्रसिद्ध घोघड़धाम में जलाभिषेक करने आये एक ही परिवार के चार कांवरिये राउरकेला शहर के पानपोष रेलवे पुल पार करने के दौरान मुंबई-हावड़ा मेल (12809) की चपेट में आ गये. घटना रविवार रात की है. मृतकों की पहचान नीलेश निखिल दास (32), पत्नी यमुना नीलेश दास (30), ससुर रामवृक्ष नीलेश दास (50) और पुत्र लकी नीलेश दास (15) के रूप में हुई है.

घटना में परिवार के तीन अन्य सदस्य नीलेश निखिल दास के दो भाई करण कृष्णा दास व रघु कृष्णा दास और एक पारिवारिक मित्र शिवरतन चौधरी बाल-बाल बच गये़जानकारी के अनुसार, सभी रात करीब 11 बजे जलाभिषेेक के लिए जल लेने ब्राह्मणी नदी के वेदव्यास घाट जा रहे थे. सभी पानपोष स्टेशन पर उतर कर रेलवे पुल के सहारे नदी पार कर रहे थे.

इस बीच सामने से ट्रेन आ गयी. आगे चल रहे करण, रघु कृष्णा व शिवरतन किसी तरह भाग कर सेफ केबिन में चले गये. पर पीछे से आ रहे नीलेश, यमुना, रामवृक्ष और लकी सेफ केबिन तक नहीं पहुंच पाये. चारों केबिन की ओर दौड़े, पर वहां पहुंचने से पहले ही ट्रेन की चपेट में आ गये. ट्रेन के गुजरने के बाद नीलेश का शव ट्रैक पर ही कटी हुई हालत में मिला. यमुना और रामवृक्ष के शव कट कर नदी में गिर गये. गंभीर रूप से घायल लकी को राउरकेला सरकारी अस्पताल ले जाया गया. वहां से उसे राउरकेला इस्पात जनरल अस्पताल रेफर कर दिया गया. पर इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी.

जाजपुर से पहले भिलाई गये, फिर एक साथ निकला था परिवार
ओड़िशा के जाजपुर जिले के कंतरा गांव निवासी नीलेश अपनी पत्नी यमुना, पुत्र लकी और भाई करण के साथ अपने ससुर के यहां भिलाई गया था. वहां से ससुर रामवृक्ष, भाई करण और पारिवारिक मित्र शिवरतन चौधरी को लेकर रविवार को टाटा-इतवारी ट्रेन से झारसुगुड़ा आया. वहां से सभी भुवनेश्वर-राउरकेला इंटरसिटी से रात साढ़े दस बजे पानपोष पहुंचे थे.
शॉर्ट-कट के चक्कर में रेल पुल से निकल रहे थे
बताया जाता है कि पानपोष स्टेशन से नदी पार करने के बाद सभी को वेदव्यास घाट जाना था. सभी ने जल्दी पहुंचने के चक्कर में सड़क के बजाय रेल पुल का रास्ता चुना. बचे लोगों का कहना है कि नीलेश की जिद के कारण ऐसा हुआ. नीलेश ने कहा कि उसे शॉर्ट-कट रास्ता पता है. अन्य लोग सड़क मार्ग से जाने के पक्ष में थे, पर नीलेश के दबाव में सभी रेल पुल से नदी पार करने लगे. करण ने बताया कि पानपोष स्टेशन पर सभी के उतरने का कोई कार्यक्रम नहीं था. नीलेश ने सबको घोघड़धाम नजदीक होने की बात कह उतरवाया था.
हादसे में बचे (सभी भिलाई निवासी)
1. करण कृष्णा दास (नीलेश का भाई)
2. रघुकृष्णा दास (नीलेश का भाई)
3. शिवरतन चौधरी
मरने वाले सभी एक ही परिवार के, तीन लोगों ने सेफ केबिन में जाकर बचायी जान
घोघड़धाम में जलाभिषेक से पहले ब्राह्मणी नदी से जल लेने जा रहे थे सभी
भिलाई से झारसुगुड़ा होते हुए पहुंचे थे पानपोष, रात 11 बजे पुल पार करने के दौरा हुआ हादसा
तीन की मौके पर ही मौत, एक ने अस्पताल में इलाज के दौरान तोड़ा दम

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