महंगे आयोजन, कीमती गाड़ियों रेंट व एग्रीमेंट पर आइटी की नजर

जमशेदपुर : प्रधान आयकर आयुक्त अविनाश किशाेर सहाय ने सभी आयकर अधिकारियाें आैर आयकर निरीक्षकाें काे पांच सूत्री एक्शन प्लान पर अमल करने को कहा है. आयुक्त ने लाेगाें से अपील की है कि वह विभाग काे सहयाेग करें. चेताया है कि जमीनी स्तर पर जांच हाेगी, गड़बड़ी पाये जाने पर व्यक्ति-प्रतिष्ठान-संस्थान पर कार्रवाई की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 18, 2018 6:55 AM
जमशेदपुर : प्रधान आयकर आयुक्त अविनाश किशाेर सहाय ने सभी आयकर अधिकारियाें आैर आयकर निरीक्षकाें काे पांच सूत्री एक्शन प्लान पर अमल करने को कहा है. आयुक्त ने लाेगाें से अपील की है कि वह विभाग काे सहयाेग करें. चेताया है कि जमीनी स्तर पर जांच हाेगी, गड़बड़ी पाये जाने पर व्यक्ति-प्रतिष्ठान-संस्थान पर कार्रवाई की जायेगी.
आयकर उपायुक्त रणजीत कुमार मधुकर ने बताया कि विभाग के पास दस्तावेज है कि कई लोग आयकर की गणना सही ढंग से नहीं दिखा रहे हैं. जैसे रेंटल इनकम, इंटरेस्ट इनकम, संयुक्त डेवलपमेंट एग्रीमेंट, महंगी गाड़ियाें की खरीद-बिक्री, रियल इस्टेट इंवेस्टमेंट, महंगी पार्टियों पर खर्च काे छिपाया जा रहा है. आयकर विभाग ऐसे लाेगाें के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगा.
बिल्डर आैर जमीन मालिक पर शिकंजा, नाेटिस. आयकर विभाग वैसे सभी एग्रीमेंट की कॉपी रजिस्ट्रार कार्यालय, जुस्को कार्यालय, नगर निगम और नगर पालिका से ले चुकी है, जिसमें जमीन मालिक और बिल्डर द्वारा जमीन पर फ्लैट बनाने का आपस में एग्रीमेंट किया गया. उन्होंने कहा कि जमीन मालिक एग्रीमेंट के समय कोई भी टैक्स कैपिटल गेन में नहीं दे रहे हैं. वे इंतजार कर रहे हैं कि फ्लैट हैंडओवर होगा, तो वो उस पर कैपिटल गेन देंगे, लेकिन उन्होंने इसका खुलासा किया कि जैसे ही आप किसी के साथ जॉइंट डेवलपमेंट एग्रीमेंट (जेडीए) करते हैं, एग्रीमेंट के समय ही कैपिटल गेन उस जमीन पर बनता है और उसे उसी साल के आय में दिखाया जाना चाहिए.
जब फ्लैट हैंडओवर किया जाता है, तो बिल्डर और जमीन मालिक द्वारा एडवेंचर ट्रेडिंग के तहत अलग से टैक्स का प्रावधान एक्ट में किया गया है. जो जमीन मालिक और बिल्डर दोनों पर लागू होता है. बिल्डर इसे आइटी बुक में दिखाते है, लेकिन जमीन मालिक नहीं दिखाते. यह परंपरा गलत है. आयकर विभाग ने प्रारंभिक कार्रवाई करते हुए सीएसएन डेवलपर्स, कृति रंजन प्रमाेटर एवं डेवलपर्स, गाैरी गाैतम कंस्ट्रक्शन, जय माता दी, विधि डेवलपर्स समेत अन्य कई बिल्डराें काे नाेटिस जारी किया है.
बैंकाें में 15जी-15 एच के गलत इस्तेमाल पर 200 काे नाेटिस. आयकर अधिकारी सभी बैंकों से 15जी और 15एच फॉर्म की कॉपी प्राप्त कर रहे हैं. उसकी जांच की जा रही है. जांच के दाैरान यह देखने काे मिला है कि कई एेसे खाताधारक हैं, जिनकी आय 2.5 लाख या उनके स्टेटस के अनुसार निर्धारित आय से अधिक है, बावजूद इसके 15जी और 15एच का हलफनामा बैंकाें काे दे रखा है. अभी तक 200 लोगों को आयकर विभाग ने नोटिस भेजा है.
महंगे आयाेजनों पर नजर, हाेटल मालिकाें काे नाेटिस
आयकर विभाग ने सभी होटलों, मैरेज हॉल, सामुदायिक भवन, क्लब आदि से ऐसे लोगों, समितियों आदि की पूरी जानकारी मांगी जिन्हाेंने पिछले वर्षों में शादी, जन्मदिन, संगठनात्मक मेल-मिलाप आदि विभिन्न समाराेहाें पर बड़ी पार्टियां दी हैं. ऐसे लोगों के व्यय का मिलान उनके द्वारा जमा की गयी आयकर विवरणी से भी किया जायेगा.
फ्लैट-हाउसिंग से हासिल कर रहे हैं किराये की जानकारी
आयकर विभाग ने फ्लैट समितियों और हाउसिंग समितियों को पत्र लिखा. उनसे उनके अधिकार क्षेत्र और प्रांगण में वैसे सभी लोगों का नाम मांगा गया है, जो खुद अपने फ्लैट व मकान में नहीं रहकर उसे किराये पर चला रहे है. साथ ही भाड़ेदार से संपर्क कर किराये की जानकारी ली जा रही है. आयकर उपायुक्त रणजीत कुमार मधुकर ने कहा कि ऐसे बहुत लोग है जो रेंटल इनकम का सही विवरण नहीं दे रहे हैं. आयकर अधिकारी खुद जाकर ऐसे लोगों की पहचान करेंगे और उन्हें कार्रवाई से गुजरना होगा.

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