कैंसर की जांच व इलाज के लिए लगायी जा रही हैं एडवांस मशीनें

जमशेदपुर : बिष्टुपुर स्थित एमटीएमएच कैंसर अस्पताल अक्तूबर तक नयी तकनीक व सुविधाओं से सुसज्जित हो जायेगा. कैंसर की जांच और इलाज के लिए यहां अत्याधुनिक मशीनें लगायी जा रही हैं. शनिवार को 10वीं ईस्ट जोनल क्रिटिकल केयर काॅफ्रेंस का उद्घाटन करते हुए टाटा स्टील के वीपी सुनील भास्करन ने यह बात कही. भास्करन ने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 19, 2018 5:12 AM

जमशेदपुर : बिष्टुपुर स्थित एमटीएमएच कैंसर अस्पताल अक्तूबर तक नयी तकनीक व सुविधाओं से सुसज्जित हो जायेगा. कैंसर की जांच और इलाज के लिए यहां अत्याधुनिक मशीनें लगायी जा रही हैं. शनिवार को 10वीं ईस्ट जोनल क्रिटिकल केयर काॅफ्रेंस का उद्घाटन करते हुए टाटा स्टील के वीपी सुनील भास्करन ने यह बात कही.

भास्करन ने बताया कि टाटा स्टील और मणिपाल यूनिवर्सिटी के बीच वार्ता चल रही है. 2019 तक दोनों मिलकर एकेडमिक कोर्स चालू करने योजना बना रहे हैं. इसके बाद डॉक्टरों को एकेडमिक कोर्स, नर्सिंग कोर्स व पोस्ट डिप्लोमा के लिए शहर से बाहर जाने की जरूरत नहीं होगी. कॉन्फ्रेंस का आयोजन टीएमएच प्रेक्षागृह में जमशेदपुर सोसायटी ऑफ क्रिटिकल केयर मेडिसिन द्वारा किया गया था.
सुनील भास्करन ने कहा कि आज गंभीर मरीजों का इलाज करना डॉक्टरों के लिए चुनौती बन गयी है. लगातार अस्पतालों में हंगामा को देखते हुए डॉक्टर गंभीर मरीजों का इलाज नहीं करना चाहते हैं. इसके पहले काॅन्फ्रेंस का उद्घाटन टाटा स्टील के वीपी सुनील भास्करन, टीएमएच के जीएम रंजन चौधरी व अन्य अतिथियों ने संयुक्त रूप से किया. सेमिनार में एक पुस्तक का विमोचन भी किया गया. संस्था के सचिव डॉ अासिफ अहमद ने बताया कि 19 अगस्त तक चलने वाले सेमिनार में पहले दिन वार्कशॉप का आयोजन किया गया. इसमें मरीज को वेंटिलेटर पर कैसे इलाज किया जाता है. इसके लिए आवश्यक तथ्य पर मेडिकल के छात्रों ने पेपर व पोस्टर द्वारा प्रेजेंटेशन दिया. डॉक्टरों के बीच क्विज का आयोजन हुआ. इस दौरान डॉ डीपी समादार, डॉ एस मिश्रा, डॉ विनीता, डॉ प्रदीप भट्टाचार्य, डॉ राहुल, डॉ सुभाष, डॉ निर्मल कुमार सहित शहर व बाहर के लगभग 150 से ज्यादा डॉक्टर उपस्थित थे.
हाई फ्लो नेसल ऑक्सीजन मशीन से मरीज को वेंटिलेटर पर ले जाने की जरूरत नहीं : डॉ प्रदीप
हाई फ्लो नेसल ऑक्सीजन मशीन का प्रयोग कर मरीज को वेंटिलेटर में जाने से काफी हद तक रोका जा सकता है. शनिवार को टीएमएच प्रेक्षागृह में आयोजित कांफ्रेंस में भोपाल से आये डॉक्टर प्रदीप भट्टाचार्य ने यह बात बतायी. उन्होंने बताया कि सांस उखड़ने वाली बीमारी जैसे दमा, फेफड़ा की बीमारी या ऑपरेशन के बाद मरीज की सांस उखड़ जाती है. ऐसे में हाल में आयी हाई फ्लो नेसल ऑक्सीजन मशीन काफी मददगार साबित हुई है. स्वाइन फ्लू , निमोनिया जैसी बीमारियों के शुरुआती दौर में इस मशीन को लगा दिये जाने से मरीज को वेंटिलेटर में जाने से काफी हद तक रोका जा सकता है.

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