डीएलएड में हुए फर्जीवाड़े की जांच शुरू, वीडियो रिकॉर्डिंग होगी

जमशेदपुर : एनआइअोएस की अोर से डीएलएड करवाने के नाम पर हुए फर्जीवाड़ा की जांच गुरुवार से शुरू कर दी गयी है. जिला शिक्षा अधीक्षक बांके बिहारी सिंह ने जांच को लेकर गुरुवार को ही एक टीम बनायी है, जो मामले के हरेक बिंदुओं का अध्ययन शुरू कर दी है. टीम में स्वयं जिला शिक्षा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 24, 2018 6:53 AM
जमशेदपुर : एनआइअोएस की अोर से डीएलएड करवाने के नाम पर हुए फर्जीवाड़ा की जांच गुरुवार से शुरू कर दी गयी है. जिला शिक्षा अधीक्षक बांके बिहारी सिंह ने जांच को लेकर गुरुवार को ही एक टीम बनायी है, जो मामले के हरेक बिंदुओं का अध्ययन शुरू कर दी है. टीम में स्वयं जिला शिक्षा अधीक्षक भी शामिल हैं.
यह टीम उन सभी संदिग्ध स्कूलों के तथाकथित शिक्षकों के साथ ही संबंधित स्कूल के प्रिंसपलों से भी बात करेगी, जिन्होंने गलत तरीके से डीएलएड के लिए आवेदन दिया था. जांच के दौरान होने वाली सभी बातों की वीडियो रिकॉर्डिंग भी होगी. डीएलएड रजिस्ट्रेशन में गड़बड़ी की शिकायत मिलने के बाद झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद के राज्य परियोजना निदेशक उमा शंकर सिंह ने डीएसइ को पत्र लिख कर इस मामले की जांच 20 दिन के अंदर करने का निर्देश दिया है. निदेशक का यह पत्र 21 अगस्त को डीएसइ को मिली है. निर्देश के आलोक में जांच शुरू की गयी है.
जमशेदपुर के स्कूलों ने सरकारी आदेश का गलत फायदा उठाया. जानकारी के अनुसार देश के सभी सरकारी व गैर सरकारी स्कूलों में बच्चों को पढ़ाने के लिए शिक्षकों को मार्च 2019 तक ट्रेंड होना अनिवार्य कर दिया गया है. इसी के मद्देनजर सरकार की अोर से देश के सभी अनट्रेंड शिक्षकों को ट्रेंड करने का एक मौका दिया गया. वहीं इस मौके का गलत फायदा जमशेदपुर के साथ ही पूरे राज्य के शिक्षकों ने उठाया.
सिर्फ पूर्वी सिंहभूम जिले में ही 76 ऐसे स्कूल हैं, जो जिले के यू डायस के अनुसार अस्तित्व में नहीं है, लेकिन इस प्रकार के स्कूलों से 244 शिक्षकों ने डीएलएड करने के लिए रजिस्ट्रेशन करवा लिया. जिले से 596 स्कूलों को मिले यू डायस कोड में से 76 स्कूलों का प्रस्ताव जिला शिक्षा विभाग ने नहीं भेजा था. उक्त 76 स्कूलों का यू डायस कोड एनआइअोएस द्वारा सृजित किया गया.
हालांकि इससे पूर्व अब तक उक्त स्कूल द्वारा न ही कभी आरटीइ के तहत मान्यता के लिए आवेदन दिया गया अौर न ही स्कूल संचालन से संबंधित जिले को दी गयी थी. इसके अलावा अन्य 520 स्कूलों में से कुल 61 स्कूल ऐसे हैं, जिन्होंने यू डायस को पूर्व में जो शिक्षकों की कुल संख्या की जानकारी उपलब्ध करवायी थी, उस संख्या से 244 अधिक शिक्षक अपने यहां से इनरोल करवाया हुआ दिखाया गया है.
जिला शिक्षा अधीक्षक बांके बिहारी सिंह ने यू डायस के पूर्व के आंकड़े व रजिस्ट्रेशन होने के बाद निकल कर सामने आने वाले आंकड़े की फाइनल सूची तैयार कर उसे स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के प्राथमिक शिक्षा निदेशक के पास भेज दिया है. इससे संबंधित जिला शिक्षा विभाग की अोर से एक सूची तैयार की गयी है. जिले के 596 स्कूलों से 2533 अनट्रेंड शिक्षकों ने अपना रजिस्ट्रेशन करवाया है. इस सूची को तैयार कर जिला शिक्षा अधीक्षक ने स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग को भेज दी है.
प्राइवेट स्कूलों की फंस जायेगी गर्दन
2019 के बाद एक भी अनट्रेंड शिक्षकों से पढ़ाई नहीं करवाने से संबंधित आदेश जारी होने के बाद जिले के सभी कोटि के स्कूलों को एक मौका दिया गया कि वे अपने यहां बहाल अनट्रेंड टीचर को ट्रेंड करवा सकते हैं. इसके लिए एनआइअोएस के जरिये डीएलएड के लिए आवेदन करने की छूट दी गयी. इस छूट के बाद जिले के कई प्राइवेट स्कूलों ने इसे धंधा के तौर पर अपनाया. जिले के कई ऐसे स्कूल हैं, जहां पूर्व में सिर्फ दो शिक्षक कार्यरत थे, लेकिन उक्त घोषणा के बाद 20 शिक्षकों के कार्यरत होने की गलत सूची तैयार कर एनआइअोएस को भेज दिया गया. शिक्षकों को फर्जी तरीके से अपने यहां कार्यरत होने की गलत सूची स्कूलों ने तैयार किया.

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