स्कूल, कॉलेज के समय में युवकों से भाड़ा विवाद.

साकची-बर्मामाइंस स्टेशन मार्ग पर पुल से मिनी बसों के परिचालन पर रोक लगना. बर्मामाइंस क्षेत्र में कंपनी विस्तारीकरण में सैकड़ों क्वार्टर का टूटने से आबादी घटना. शहर के कई कंपनियों में कर्मियों के लिए निजी बस सेवा चालू करना. दो पहिया वाहनों की संख्या में इजाफा. जमशेदपुर : शहर में मिनी बसें विगत दस साल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 31, 2018 5:13 AM

साकची-बर्मामाइंस स्टेशन मार्ग पर पुल से मिनी बसों के परिचालन पर रोक लगना.

बर्मामाइंस क्षेत्र में कंपनी विस्तारीकरण में सैकड़ों क्वार्टर का टूटने से आबादी घटना.
शहर के कई कंपनियों में कर्मियों के लिए निजी बस सेवा चालू करना.
दो पहिया वाहनों की संख्या में इजाफा.
जमशेदपुर : शहर में मिनी बसें विगत दस साल में ग्यारह मार्गों पर बंद हो चुकी है, जबकि इस दौरान शहर की आबादी बढ़ी, बस्तियों का विकास हुआ, लेकिन मिनी बसों की संख्या में लगातार कमी आती रही. नये मार्गों पर मिनी बसों का परिचालन शुरू होने के बजाय शहर में आज भी 40 साल पुराने मार्ग और स्टॉप पर ही मिनी बसों का परिचालन हो रहा है. नये मार्ग पर मिनी बसों का परिचालन नहीं होने और परिचालन कई मार्गों पर बंद होने से यात्रियों की परेशानी बढ़ी है. जिन मार्गों पर मिनी बसें नहीं चलती हैं. उन मार्गों पर डीजल ऑटो चालक यात्रियों से मनमाना किराया वसूलते हैं. सिटी बसों का परिचालन भी शहर में सफल नहीं रहा.
डीजल ऑटो से मिली कड़ी प्रतिस्पर्धा. मिनी बस सेवा को डीजल ऑटो की संख्या में लगातार बढ़ोतरी
होने और भाड़ा में मामूली अंतर के कारण कड़ी टक्कर मिल रही है. इसके अलावा डीजल, टैक्स, परमिट, फिटनेस, इंश्योरेंस एवं वाहनों के पार्ट्स के इजाफा से मिनी बस संचालकों को जूझना पड़ा. पूर्व में शहर में चलने वाली ज्यादातर मिनी बसें 1975 से 1980 मॉडल की थी, जिससे मेनटेनेंस करना बस संचालकों को महंगा साबित हो रहा था. साल 2000 तक शहर में 350 मिनी बसों का परिचालन होता था. जो घटकर 110 के करीब पहुंच गया है. नये मॉडल के बसों के आने के बाद मिनी बसों की स्थिति में थोड़ा सुधार हुआ.
मिनी बस के मार्ग पर ही दौड़ रही सिटी बसें. शहर में जिन मार्गों पर मिनी बसें चलती हैं. उन मार्गों पर ही सिटी बसों का परिचालन हो रहा है. इसके कारण मिनी बस और सिटी बस कुछ ही मार्गों तक सीमित रह गयी है.

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