एमजीएम में आठ एंबुलेंस, छह खराब
जमशेदपुर : कोल्हान के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एमजीएम में कमजोर प्रबंधन की वजह से मरीजों को सरकारी सुविधाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है. उसके बदले उन्हें कई गुना ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ रहे हैं. लेकिन इस ओर प्रबंधन का कोई ध्यान नहीं है. जब भी एमसीआइ की टीम का दौरा होता […]
जमशेदपुर : कोल्हान के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एमजीएम में कमजोर प्रबंधन की वजह से मरीजों को सरकारी सुविधाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है. उसके बदले उन्हें कई गुना ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ रहे हैं. लेकिन इस ओर प्रबंधन का कोई ध्यान नहीं है. जब भी एमसीआइ की टीम का दौरा होता है या अस्पताल का निरीक्षण करने मंत्री या वरीय पदाधिकारी आते है, तो थोड़ी-बहुत सक्रियता दिखा कर फिर व्यवस्था को उसी हाल में छोड़ दिया जाता है.
दो ही एंबुलेंस चालू, बाकी मरम्मत के इंतजार में : एमजीएम अस्पताल से प्रतिदिन औसतन 30 मरीज ऐसे होते हैं, जिन्हें लाने ले जाने के लिए एंबुलेंस की जरूरत पड़ती है. सरकार की ओर से अस्पताल को आठ एंबुलेंस उपलब्ध करायी गयी है. लेकिन वर्तमान में दो ही चालू अवस्था में हैं. बाकी छह मेंटेनेंस के अभाव में अस्पताल परिसर में पड़ी सड़ रही हैं.
अस्पताल के कर्मचारियों की मानें, तो खराब एंबुलेंस में प्रति एंबुलेंस 10 से 15 हजार तक मरम्मत का खर्च आयेगा. लेकिन यह भी खर्च करने में विभाग की तत्परता नजर नहीं आ रही है. पिछले दिनों तत्कालीन कोल्हान आयुक्त बृजमोहन कुमार ने एमजीएम अस्पताल के औचक निरीक्षण के दौरान खराब पड़ी एंबुलेंस को बनवाने का आदेश दिया था. तब चार एंबुलेंस मरम्मत को भेजी गयी थीं.
1.88 एक लाख खर्च कर उनमें से दो एंबुलेंस बनकर आयी, लेकिन एक माह में ही उसमें से एक एंबुलेंस फिर खराब हो गयी. फिलहाल दो एंबुलेंस अभी भी गैरेज में ही है. प्राइवेट एंबुलेंस की सेवा लेने पर ज्यादा खर्च : अस्पताल में एंबुलेंस की कमी से मरीजों को शव या मरीजों को लाने ले जाने के लिए प्राइवेट एंबुलेंस की सेवा लेनी पड़ती है, जो कई गुना ज्यादा पैसे लेते हैं.
छह एंबुलेंस चालक नियुक्त
अस्पताल में सात एंबुलेंस चालक हैं. जिनमें तीन स्थायी व चार आउटसोर्स पर हैं. प्रतिमाह इनके वेतन पर लाखों रुपये खर्च हो रहे हैं. लेकिन इनका उपयोग सही ढंग से नहीं हो रहा है.
फोर्स एंबुलेंस : बैट्री की कमी, 10 हजार रुपये से कम खर्च.
इमरजेंसी में मरीजों की लगी भीड़ जमीन पर लिटा कर हो रहा इलाज
जमशेदपुर. एमजीएम के इमरजेंसी में रविवार को सबसे ज्यादा मरीजों की भीड़ रही. मरीजों की संख्या बढ़ने से इमरजेंसी में जगह कम हो गयी थी. इस दौरान मरीज जमीन पर जहां-तहां सोकर इलाज करा रहे थे. 10 बेड की इमरजेंसी में इस समय 35 बेड लगाये गये हैं. इसके बाद भी बेड की कमी हो जा रही है. वहीं इमरजेंसी में भीड़ होने का एक मुख्य कारण था कि रविवार को ओपीडी बंद था. रविवार को एमजीएम में 120 मरीजों का इलाज किया गया, जिसमें से आधे दर्जन लोगों को भर्ती किया गया. इसमें सबसे ज्यादा डायरिया से पीड़ित मरीज थे.
नयी बिल्डिंग में छह एसी में लगे तांबे के तार चोरी
जमशेदपुर. एमजीएम अस्पताल के मेडिकल वार्ड की नयी बिल्डिंग में लगे छह एसी के तांबे के तार की चोरी हो गयी. साथ ही कई जगहों पर शौचालय का दरवाजा तोड़ दिया गया है. इसका खुलासा रविवार को अस्पताल अधीक्षक डॉ एसएन झा द्वारा नयी बिल्डिंग के निरीक्षण के दौरान हुआ. इसके पहले भी उसी बिल्डिंग में लगी आधा दर्जन एसी के तार की चोरी हो गयी थी.
जबकि अस्पताल में सुरक्षा के लिए 91 सुरक्षाकर्मी को लगाया गया है. अधीक्षक नयी बिल्डिंग में पानी व बिजली की जांच करने गये थे. जांच के दौरान पाया की बिल्डिंग के सभी तल्ले पर पानी व बिजली उपलब्ध है. निरीक्षण के दौरान उन्होंने नयी बिल्डिंग में चल रहे बच्चों के ओपीडी के सामने शौचालय को भी खुलवा दिया.