एमजीएम में घंटों तड़पती रही बुजुर्ग महिला, डॉक्टरों की लापरवाही से मौत

जमशेदपुर : एमजीएम में इलाज के अभाव में सोमवार की दोपहर करीब एक बजे रीता देवी (80) की मौत हो गयी. मां की मौत के बाद बेटा ने इमरजेंसी में हंगामा किया. मृतक महिला बिरसानगर जोन नंबर आठ (मोची बस्ती) की रहने वाली थी. महिला की मौत देश में आयुष्मान योजना के लागू होने के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 25, 2018 4:44 AM
जमशेदपुर : एमजीएम में इलाज के अभाव में सोमवार की दोपहर करीब एक बजे रीता देवी (80) की मौत हो गयी. मां की मौत के बाद बेटा ने इमरजेंसी में हंगामा किया. मृतक महिला बिरसानगर जोन नंबर आठ (मोची बस्ती) की रहने वाली थी. महिला की मौत देश में आयुष्मान योजना के लागू होने के चौबिस घंटे के अंदर उस वक्त हुई, जब उसका बेटा भक्तु रविदास अपनी मां को इलाज कराने के लिए अपने गोदी में लेकर अस्पताल पहुंचा था.
भक्तु रविदास ने आरोप लगाया कि वह अस्पताल आने के बाद अपनी मां को सबसे पहले स्ट्रेचर पर लिटाया, फिर बेड के अभाव में इमरजेंसी के बाहर जमीन पर रखा. जमीन पर इमरजेंसी के डॉक्टर ने उसे देखते हुए अस्पताल में इलाज करने से पूर्व कागजी अौपचारिकता पूरा करने की बात कहके चले वापस चले गये. डॉक्टर के कहे के अनुसार उसने मां का पंजीयन करवाया, फिर खून अौर पेशाब की जांच के नाम पर घंटों देर हो गयी. इस दौरान उसकी मां की तबीयत ज्यादा बिगड़ गयी और फिर मौत उनकी मां की मौत हो गयी.
दस दिनों से डायरिया का इलाज घर पर चल रहा था. बेटा ने बताया कि उसकी मां का पिछले दस दिनों से घर पर डायरिया का प्राइवेट में इलाज चल रहा था. बीती रात ज्यादा तबीयत खराब होने अौर काफी कमजोर होने के कारण उसे एमजीएम में लाया गया था, यहां इलाज शुरू होने बिना ही मृत्यु हो गयी.

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