जमशेदपुर : सदर व स्वास्थ्य केंद्रों में सही से इलाज नहीं होने के कारण एमजीएम में बढ़ रही मरीजों की संख्या

राज्य में पांच जगह खाेला जाना है डे केयर सेंटर जमशेदपुर : राज्य के सभी सदर अस्पताल व सामुदायिक केंद्रों को सुविधाओं से लैस करने की जरूरत है, जिससे एमजीएम जैसे सरकारी अस्पतालों पर लोड कम पड़ेगा. एमजीएम में मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, इसकी मुख्य वजह यह है कि सदर अस्पताल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 30, 2018 10:10 AM
राज्य में पांच जगह खाेला जाना है डे केयर सेंटर
जमशेदपुर : राज्य के सभी सदर अस्पताल व सामुदायिक केंद्रों को सुविधाओं से लैस करने की जरूरत है, जिससे एमजीएम जैसे सरकारी अस्पतालों पर लोड कम पड़ेगा.
एमजीएम में मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, इसकी मुख्य वजह यह है कि सदर अस्पताल सहित अन्य स्वास्थ्य केंद्रों में मरीजों का सही से इलाज नहीं हो पा रहा है. वहां भी सुविधा व डॉक्टरों की भारी कमी है. इसके साथ ही संसाधन कम होने के कारण सभी को एमजीएम भेज दिया जा रहा है.
उक्त बातें शनिवार को खासमहल स्थित सदर अस्पताल में डे केयर सेंटर का उद्घाटन करने पहुंची स्वास्थ्य सचिव निधि खरे ने कही. उन्होंने कहा कि इस समय सरकार द्वारा सदर अस्पतालों में इलाज से संबंधित हर सुविधा उपलब्ध कराने की कोशिश की जा रही है. इसमें डायलिसिस, ब्लड बैंक सहित अन्य सुविधाएं शामिल हैं.
जिससे अधिकतर मरीजों का इलाज सदर अस्पताल में ही किया जा सके. उन्होंने बताया कि पूरे राज्य में पांच जगहों पर डे केयर सेंटर खोला जा रहा है, इसके तहत रांची और जमशेदपुर के सदर अस्पताल में खोल दिया गया. इसके बाद दुमका, गिरिडीह, पलामू में इस साल के अंत में खोला जायेगा. उन्होंने कहा कि डिजीज है, तो उनका प्रबंधन अच्छा होना चाहिए, इससे मरीजों को काफी लाभ होगा. डे केयर सेंटर में स्टोरी बुक, एसी व टीवी रहेगी, जिससे बच्चे को इलाज के दौरान किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं हो. वहीं, जिला आरसीएच पदाधिकारी डॉ यूसी सिन्हा ने कहा कि डे केयर सेंटर केंद्र सरकार की योजना है.
इसके लिए केंद्र सरकार द्वारा राज्य को पांच करोड़ रुपये दिये गये हैं. उन्होंने कहा कि इस पैसे से मरीजों को दवा दी जायेगी, साथ ही इलाज कराया जायेगा. वहीं अगर ज्यादा पैसा लगता है तो उन लोगों को इलाज आयुष्मान भारत के तरह कराया जायेगा. इस मौके पर सिविल सर्जन डॉ महेश्वर प्रसाद, डॉ एके लाल, डॉ साहिर पाल, डॉ वीणा सिंह, डॉ विमलेश कुमार, डीपीएम निर्मल कुमार, रवींद्र नाथ ठाकुर आदि मौजूद थे.
निधि खरे ने कहा कि एमजीएम में शव को चूहा द्वारा कुतरने के मामले सहित इलाज के दौरान मरीज की मौत व अन्य मामलों को गंभीरता से लिया गया है. इसकी जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया गया है. रिपोर्ट आने के बाद इसमें जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई होगी. साथ ही एमजीएम में नवजात बच्चों की मौत के मामले में उच्चस्तरीय डॉक्टरों की कमेटी अपनी जांच रिपोर्ट सौंप दी है. उसके आधार पर इसमें क्या सुधार किया जा सकता है. इसके लिए सरकार कार्य कर रही है, जिससे इलाज के दौरान ज्यादा से ज्यादा नवजातों को बचाया जा सके.
चार बेड का खुला डे केयर सेंटर : सदर अस्पताल में स्थित एमडीआर टीबी सेंटर में शनिवार को चार बेड के डे केयर सेंटर का उद्घाटन हुआ. इसमें एक थेलेसिमिया व तीन हिमोफिलिया से ग्रसित बच्चे भर्ती हैं. इसमें दुर्गी सिंह खड़गासोल निवासी हैं. वह थेलेसिमिया से ग्रसित हैं.
इसके साथ ही नीमडीह निवासी विजय गोराई, अायुष कुमार प्रधान, सलोक कुमार हिमोफिया से ग्रसित हैं. इनका इलाज अस्पताल में किया जा रहा है. इन सभी बच्चों व उनके परिजनों से मिलकर स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि सभी को समय-समय पर इलाज कराने के लिए अस्पताल लेकर आयें. वहीं सिविल सर्जन को हर 15 दिनों में इन सभी की जांच कर इलाज करने के लिए कहा गया.
दो माह के अंदर खुलेगी एसएनसीयू यूनिट : स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि दो माह के अंदर सदर अस्पताल में एसएनसीयू खुल जायेगा. इसके लिए तैयारी शुरू कर दी गयी है. इसके खुलने से अस्पताल में जन्म लेने वाले नवजात बच्चों को उसमें रखा जा सकेगा.
वहीं, सिविल सर्जन ने बताया कि इसके लिए टेंडर निकाल दिया गया है. जल्द इससे संबंधित सभी उपकरणों को मंगा लिया जायेगा. वहीं, कार्यक्रम के दौरान प्रधान सचिव ने अस्पताल के वार्ड का भी निरीक्षण किया. इस दौरान वह एक महिला से मिली, जिसका दो दिन का बच्चा है और वह काफी कमजोर है. उसका वजन बहुत कम है. पूछने पर उसने अपना नाम सीमा मुखी और पता 10 नंबर हरिजन बस्ती बताया.
एमजीएम मेडिकल कॉलेज में आउटसोर्स पर नियुक्त पारा मेडिकल स्टाफ सदस्यों ने स्वास्थ्य सचिव से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन में बताया गया कि वे लोग लगभग पांच साल से काम कर रहे हैं. अब उन लोगों का हटाया जा रहा है. इस निधि खरे से इसकी जानकारी लेकर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया.
भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा
भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा का एक प्रतिनिधिमंडल स्वास्थ्य सचिव निधि खरे से मिलकर एमजीएम अस्पताल में हाल में हुई चूहा द्वारा शव को खाने, डॉक्टर की लापरवाही से महिला की मौत होने, अस्पताल में गंदगी, दवाओं की कमी सहित अन्य समस्याओं से अवगत कराया. इसके साथ ही इसमें दोषी के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की. प्रतिनिधिमंडल में विमल बैठा, अमित बाग, मधु सुमुखी, शंभू राम आदि शामिल थे.
झारखंड मुक्ति मोर्चा
झामुमो के एक प्रतिनिधिमंडल ने भी सदर अस्पताल से संबंधित एक ज्ञापन स्वास्थ्य सचिव को सौंपा. ज्ञापन में एनएच-33 सुकलारा पंचायत में उप स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण करने, सरजामदा के स्वास्थ्य केंद्र को चालू करने सहित कई अन्य मांग की स्वास्थ्य सचिव से की गयी है. ज्ञापन सौंपने वालों में बहादुर किस्कू, देवजीत मुखर्जी, मनोज नहा, एस दास, राजकुमार सिंह, संजय बारला आदि शामिल थे.

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