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इलाज के लिए पेंशन लेने पहुंचा वृद्ध, बैंक में मौत

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गम्हरिया : बैंक ऑफ इंडिया की कोलाबिरा शाखा में सोमवार को इलाज के लिए पेंशन लेने पहुंचे एक सेवानिवृत्त रेलकर्मी ने चार घंटे तक कागजी प्रक्रिया पूरी होने का इंतजार करते-करते दम तोड़ दिया. मृतक के परिजनों ने बैंक प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया है, वहीं प्रबंधन का कहना है कि खाते में उत्तराधिकारी […]

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गम्हरिया : बैंक ऑफ इंडिया की कोलाबिरा शाखा में सोमवार को इलाज के लिए पेंशन लेने पहुंचे एक सेवानिवृत्त रेलकर्मी ने चार घंटे तक कागजी प्रक्रिया पूरी होने का इंतजार करते-करते दम तोड़ दिया. मृतक के परिजनों ने बैंक प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया है, वहीं प्रबंधन का कहना है कि खाते में उत्तराधिकारी का नाम नहीं होने और बीमार की अवस्था के कारण प्रक्रिया में देरी हुई.
जानकारी के अनुसार, सरायकेला प्रखंड के उकरी गांव निवासी जगन्नाथ नायक (77) को लेकर उनके पुत्र दुर्गा नायक पेंशन की राशि निकालने कोलाबिरा ओपी के पास स्थित बैंक की शाखा में पहुंचे थे.
इस दौरान बैंककर्मियों ने पेंशनभोगी की स्थिति देख राशि देने के बदले कागजी कार्रवाई शुरू कर दी. करीब चार घंटे तक चली कागजी कार्रवाई के कारण इलाज के अभाव में जगन्नाथ नायक की मौत हो गयी. सूचना पाकर वहां पहुंचे झाविमो जिलाध्यक्ष शंभू मंडल ने पुलिस को जानकारी दी. मौके पर पहुंचे सरायकेला थाना प्रभारी अविनाश कुमार ने घटना की जानकारी ली व जांच शुरू की.
बैंक प्रबंधन मानवता दिखाता तो बच जाती जान : परिजन
घटना को लेकर परिजन व अन्य खाताधारियों में बैंक प्रबंधन के खिलाफ आक्रोश है. वे बैंक प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं. मृतक के पोते नीलमोहन नायक ने बताया : दादाजी की तबीयत सोमवार को अचानक खराब हो गयी. इलाज का पैसा नहीं होने के कारण परिजनों सुबह करीब दस बजे ऑटो से उन्हें उनकी पेंशन की राशि निकालने बैंक लाया गया था.
तबीयत खराब होने की वजह से वे कुछ बोल नहीं पा रहे थे. फार्म में हस्ताक्षर करने में भी अक्षम थे. इसको लेकर बैंक प्रबंधन ने राशि भुगतान करने के लिए कुछ कागजी प्रक्रिया शुरू कर दी. तब तक दोपहर करीब दो बजे दादाजी की मौत हो गयी. परिजनों के अनुसार, यदि बैंक प्रबंधन मानवता के नाते उनको पेंशन का भुगतान कर देते तो शायद उनकी जान बच जाती.
2001 से मिल रही थी पेंशन
स्व नायक रेलवे ग्रुप डी में कार्यरत थे, जो 2001 में सेवानिवृत हुए थे. उसके बाद से ही उक्त बैंक से उन्हें पेंशन मिलना शुरू हुआ था. मृतक को दो पुत्र हैं. पत्नी की मृत्यु पहले ही हो चुकी है.
परिजनों को मिली पेंशन राशि
मृतक की पारिवारिक स्थिति को देखते हुए शाम को बैंक द्वारा मृतक के दोनों पुत्रों को पेंशन की करीब दस हजार रुपये की राशि का भुगतान किया गया. वहीं सारी कागजी प्रक्रिया पूरी होने पर परिजनों को शेष जमा राशि का भी भुगतान कर देने की बात कही गयी. इस मौके पर एलडीएम एसके मोहंती, प्रबंधक रेशमी कुमार, टीओपी प्रभारी अरुण कुमार सिन्हा, झाविमो जिलाध्यक्ष शंभू मंडल, मुखिया घनश्याम हांसदा, वार्ड सदस्य रंजीत बारिक आदि उपस्थित थे.
लापरवाही नहीं : प्रबंधन
बैंक पहुंचे एलडीएम एसएन मोहंती ने घटना पर दुःख प्रकट किया. कहा: बैंक की लापरवाही कहना सही नहीं होगा. जब परिजन उन्हें लेकर आये थे तो उनकी स्थिति काफी खराब थी. कुछ बोलने या करने में भी असमर्थ थे. खाता या पेंशन में कोई उत्तराधिकारी का नाम भी नहीं दिया गया था. गंभीर अवस्था को देखते हुए राशि भुगतान के लिए कुछ कागजी प्रक्रिया की जाती है. इसी दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया.

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