निजी स्कूलों में 10% तक फीस बढ़ाने की तैयारी, एडमिशन फीस में भी सात फीसदी तक हो सकती है वृद्धि

जमशेदपुर : शहर के प्राइवेट स्कूलों ने अगले सत्र में न्यूनतम पांच फीसदी और अधिकतम 10 फीसदी मासिक फीस वृद्धि की तैयारी कर ली है. स्कूल प्रबंधकों ने इसका खाका तैयार कर लिया है. इतना ही नहीं, अगले सत्र से अभिभावकों की जेब पर दोहरी मार पड़ने वाली है. नर्सरी और एलकेजी में लॉटरी के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 24, 2018 3:47 AM
जमशेदपुर : शहर के प्राइवेट स्कूलों ने अगले सत्र में न्यूनतम पांच फीसदी और अधिकतम 10 फीसदी मासिक फीस वृद्धि की तैयारी कर ली है. स्कूल प्रबंधकों ने इसका खाका तैयार कर लिया है. इतना ही नहीं, अगले सत्र से अभिभावकों की जेब पर दोहरी मार पड़ने वाली है. नर्सरी और एलकेजी में लॉटरी के बाद होनेवाले नामांकन की फीस में भी करीब पांच से सात फीसदी की वृद्धि की जायेगी.
हालांकि नवंबर के अंतिम सप्ताह में अनएडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन की अोर से होने वाली बैठक में इस पर अंतिम मुहर लगेगी. स्कूलों को 10 फीसदी से अधिक फीस बढ़ाने के लिए जिला स्तरीय फीस निर्धारण कमेटी की मंजूरी लेने संबंधी नियम बनाये गये हैं. पर अब तक जिले में इस कमेटी का गठन नहीं किया गया है.
झारखंड फीस रेग्युलेटरी एक्ट का किया जा रहा है अध्ययन. राज्य के प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाने के लिए सरकार ने फीस रेग्युलेटरी एक्ट पास किया है. इस एक्ट में प्राइवेट स्कूलों के फीस वृद्धि से लेकर कई अहम फैसले लिये गये हैं. प्राइवेट स्कूल प्रबंधकों द्वारा फिलहाल इस विधेयक का अध्ययन किया जा रहा है.
फीस रेग्युलेटरी एक्ट में क्या है प्रावधान
हर स्कूल में फीस निर्धारण समिति बनेगी. यह समिति ही फीस बढ़ाने संबंधी निर्णय लेगी
समिति प्रति दो साल में अधिकतम 10 फीसदी ही फीस बढ़ा सकेगी
10 फीसदी से अधिक फीस बढ़ाने के लिए उपायुक्त की अध्यक्षता में गठित जिला स्तरीय फीस निर्धारण कमेटी से अनुमति लेनी होगी
पहली बार नियम का उल्लंघन करने पर 2.5 लाख तक का अर्थ दंड, जबकि दूसरी बार ऐसा करने पर अर्थ दंड के अलावा स्कूल की मान्यता रद्द की कार्रवाई होगी
जिला स्तर पर फीस निर्धारण समिति के फैसले से असंतुष्ट होने पर स्कूल प्रबंधन झारखंड शिक्षा न्यायाधिकरण में कर सकते हैं अपील.

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