जमशेदपुर : कुड़मी को एसटी का दर्जा देने की प्रक्रिया लंबी : जुएल उरांव

जमशेदपुर : कुड़मी समुदाय को एसटी का दर्जा देने के सवाल पर केंद्रीय जनजातीय और कल्याण मंत्री जुएल उरांव ने कहा कि यह लंबी प्रक्रिया है. अगर इसका बिल कैबिनेट में आता है, तो उसके बाद कोई कदम उठाया जा सकता है. यह बातें उन्होंने एक्सएलआरआइ ऑडिटोरियम में आयोजित कार्यक्रम के बाद मंगलवार को पत्रकारों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 31, 2018 9:44 AM

जमशेदपुर : कुड़मी समुदाय को एसटी का दर्जा देने के सवाल पर केंद्रीय जनजातीय और कल्याण मंत्री जुएल उरांव ने कहा कि यह लंबी प्रक्रिया है. अगर इसका बिल कैबिनेट में आता है, तो उसके बाद कोई कदम उठाया जा सकता है. यह बातें उन्होंने एक्सएलआरआइ ऑडिटोरियम में आयोजित कार्यक्रम के बाद मंगलवार को पत्रकारों से कही.

उनसे सवाल पूछा गया था कि 22 नवंबर को झारखंड, बंगाल और ओड़िशा के कुड़मी समुदाय से जुड़े लोग जुटने वाले हैं. उनकी मांग है कि कुड़मी को एसटी का दर्जा दिया जाये, उनका इस पर क्या कहना है?

इस पर उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया की बात है, कानून अपना काम करेगा. एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अभी देश में एकलव्य स्कूलों की संख्या 182 है. वहीं, 2022 तक 700 एकलव्य माॅडल आवासीय स्कूल खोले जायेंगे. हर उस प्रखंड में जहां जनजातीय आबादी 20,000 से अधिक है या कुल आबादी में आधे से अधिक जनजातीय लोग हैं, वहां एकलव्य स्कूल खोला जायेगा. उन्होंने बताया कि इन स्कूलों के लिए प्रति बच्चा प्रतिवर्ष 42,000 रुपये के बजट को बढ़ाकर 61,000 रुपये कर दिया गया है.

इस छात्रवृत्ति से बच्चों का सर्वांगीण विकास होगा. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा जनजातीय लोगों के लिए काफी काम किया जा रहा है और दबे-कुचले और वंचितों के विकास के लिए सरकार प्रयत्नशील है.

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