जमशेदपुर : जॉन्डिस से छह लोगों की मौत के बाद भी मरीजों की केस हिस्ट्री ही जांच रहा है स्वास्थ्य विभाग
जमशेदपुर : धातकीडीह में जॉन्डिस ने महामारी का रूप ले लिया है. अब तक छह लोगों की जान ले जा चुकी है. अभी भी कई लोग जॉन्डिस की चपेट में हैं. इसको लेकर शनिवार को जिला सर्विलेंस की टीम धातकीडीह पहुंची. टीम के सदस्य सबसे पहले शकील अख्तर उर्फ बापी के घर पहुंचे और उनकी […]
जमशेदपुर : धातकीडीह में जॉन्डिस ने महामारी का रूप ले लिया है. अब तक छह लोगों की जान ले जा चुकी है. अभी भी कई लोग जॉन्डिस की चपेट में हैं. इसको लेकर शनिवार को जिला सर्विलेंस की टीम धातकीडीह पहुंची. टीम के सदस्य सबसे पहले शकील अख्तर उर्फ बापी के घर पहुंचे और उनकी मौत की हिस्ट्री जानने की कोशिश की. साथ ही इलाज से संबंधित कागजातों की भी जांच की.
कागजातों को देखने से पता चला की बापी को पहले से शुगर था और बाद में उसे जॉन्डिस हो गया, जिससे परेशानी ज्यादाबढ़ गयी. इसके बाद टीम के सदस्य धातकीडीह बी ब्लॉक में जॉन्डिस से पीड़ित अन्य मरीजों को भी देखने पहुंचे. जांच में टीम के सदस्यों को पता चला की बी ब्लॉक में अभी भी एक दर्जन से ज्यादा जॉन्डिस से पीड़ित मरीज हैं. इसमें तीन लोगों की स्थिति ठीक नहीं है. टीम ने लोगों को इससे बचने का भी उपाय बताया.
मो रहमान का एक महीने से चल रहा है इलाज : धातकीडीह बी ब्लॉक के मो रहमान (60) लगभग एक महीने से जॉन्डिस से पीड़ित हैं.
उनका इलाज चल रहा है. उन्होंने बताया कि सितंबर में उन्हें परेशानी शुरू हुई. इसके बाद 29 सितंबर को उन्होंने जांच करायी, तो पता चला कि जॉन्डिस है, तो इलाज शुरू हुआ. उन्होंने बताया कि घर में सबसे पहले उसके बड़े भाई को जॉन्डिस हुआ था. इसके बाद उनकी पत्नी को, पत्नी के ठीक होने के बाद भी उन्हें भी जॉन्डिस हो गया.
नल में अभी आ रहा है गंदा पानी अफरोज : धातकीडीह बी ब्लॉक के अफरोज अहमद जॉन्डिस से पीड़ित हैं. उन्होंने बताया कि सबसे पहले भूख लगना कम हुआ. इसके बाद पेशाब पीला होने के कारण इसकी जांच करायी, तो पता चला कि जॉन्डिस है. उसके बाद से इलाज चल रहा है. उन्होंने बताया कि अभी भी नल में गंदा पानी आ रहा है, जिसके कारण पानी को गर्म कर पी रहे हैं. इसके साथ ही रेगुलर ब्लड की जांच कराने के साथ ही दवा ले रहे हैं.
झाड़-फूंक के साथ खा रहे हैं दवा : धातकीडीह बी ब्लॉक के मो रुस्तम की स्थिति जॉन्डिस के कारण काफी खराब है. वे अपने घर में बेड पर हैं.
उन्होंने बताया कि लगभग 20 दिन पहले उन्हें जॉन्डिस के लक्षण दिखने लगे. आंखें भी पीली हो गयी. इसके बाद कमजोरी लग रही थी. जांच कराने पर पता चला कि जॉन्डिस हो गया है. इसके बाद धातकीडीह में ही एक डॉक्टर से दवा लेने के साथ ही साकची और धातकीडीह में झाड़-फूंक करा रहे हैं. रुस्तम ऑटो चलाते हैं.