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जमशेदपुर : मेजर जनरल जीडी बख्शी पहुंचे प्रभात खबर, कहा- नयी पीढ़ी गांधी नहीं, भगत सिंह की फैन है

मेजर जनरल (रि) जीडी बख्शी ने प्रभात खबर कार्यालय में कहा जमशेदपुर : मेजर जनरल (रि) जीडी बख्शी ने यहां कहा कि अब गांधीवाद नहीं चलनेवाला. कोई थप्पड़ मारे, तो दूसरा गाल भी सामने कर दो… इस फलसफा का आज कोई मतलब नहीं. चीनी कहावत है कि कोई एक चाटा मारता है, उसकी गलती है, […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 5, 2018 7:04 AM
मेजर जनरल (रि) जीडी बख्शी ने प्रभात खबर कार्यालय में कहा
जमशेदपुर : मेजर जनरल (रि) जीडी बख्शी ने यहां कहा कि अब गांधीवाद नहीं चलनेवाला. कोई थप्पड़ मारे, तो दूसरा गाल भी सामने कर दो… इस फलसफा का आज कोई मतलब नहीं. चीनी कहावत है कि कोई एक चाटा मारता है, उसकी गलती है, दूसरा चाटा मारता है, तो आपकी गलती है.
यह बात उचित नहीं कि भारत की आजादी ‘बिना खड्ग, बिनाढाल’ के मिल गयी. आजाद हिंद फौज के 26 हजार जवानों की शहादत आजादी के लिए ही थी. यह देख कर खुशी होती है कि आज नयी पीढ़ी महात्मा गांधी के बजाय चंद्रशेखर आजाद, सुभाषचंद्र बोस और भगत सिंह को पसंद कर रही है. जनरल बख्शी ने ये बातें प्रभात खबर कार्यालय में कही. एक कार्यक्रम में शरीक होने जमशेदपुर पहुंचे जनरल बख्शी प्रभात खबर कार्यालय भीआये और कई मुद्दों पर अपनी बेबाक राय रखी.
अल्बर्ट एक्का हैं हमारे हीरो : अल्बर्ट एक्का झारखंड के हीरो हैं. उनके बारे में बच्चों को बताया जाना चाहिए. तभी बच्चे फौज और उसकी वीरता के बारे में जान पायेंगे. फिल्म इंडस्ट्री को भी इस बारे में उचित काम करना चाहिए.
वे लोग जैसी फिल्में (गैंग्स ऑफ वासेपुर, डॉन, गैंगस्टर, गुंडे) बना रहे हैं, उसे देख कर दुख होता है. यही वजह है कि स्कूली बच्चों को देश के असली हीरो के बारे में बहुत जानकारी है. वह क्रिमिनल को तो जानता है, पर परमवीर चक्र विजेता के बारे में उसे नहीं मालूम. स्थानीय सैनिकों को हीरो के रूप में दिखाया जाना चाहिए.
लोकगीतों व कविता से देशप्रेम जगाएं : मेजर जनरल बख्शी ने कहा कि पहले हमारे में देश में लोकगायक व कवि लोगों में वीरता की भावना जगाते थे. बाद के दिनों में धीरे-धीरे यह खत्म हो गया. गज भर छाती पृथ्वीराज की …, आला उदल बड़े लड़ैया …, बुंदेले हरबोले के मुंह हमने सुनी कहानी थी/ खूब लड़ी मर्दानी, वह तो झांसी वाली रानी थी. यह सब हमने बचपन में सुना और आज भी याद है. आज भी ऐसे लोकगीत व कविताओं की जरूरत है.
यह वैचारिक लड़ाई का वक्त है
वामपंथी विचारधारा के इतिहासकारों ने भारत का इतिहास अकबर से शुरू किया. अकबर तो उज्बेक का था. वहां चले जाइये, आज भी वे लोग भारत से लूट कर ले गये सोना से बनी इमारतों को बड़े गर्व से दिखाते व बताते हैं.
गीता के पहले अध्याय में भगवान श्रीकृष्ण ने कहा है- लड़ो अर्जुन लड़ो. तुम नहीं मारोगे, तो वे तुम्हे मार डालेंगे. हमारे देश के हुक्मरान वर्षों से पाकिस्तान के साथ अहिंसा की बात करते हैं.
आज वैचारिक स्तर पर युद्ध की जरूरत है. उठो जागो! और लड़ो. सिरसा हरियाणा में डेरा सच्चा सौदा पुलिस की कार्रवाई से 36 लोग मारे गये. क्या पुलिस पर एफआइआर दर्ज हुई? जब चंडीगढ़ में यह हो सकता है, तो कश्मीर में क्यों नहीं हो सकता? वहां जवानों पर पत्थर मारे जा रहे हैं. वहां सेना के हाथ बंधे हुए हैं. फ्री हैंड कीजिये. पत्थर बरसाने वालों के होश ठिकाने आ जाएंगे.

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