केयू में बीएड की फीस दूसरी जगह से कम : कुलपति

जमशेदपुर: शहर आये कुलपति डॉ आरपीपी सिंह ने पत्रकारों से बात करते हुए बताया कि कोल्हान विश्वविद्यालय में बीएड की फीस में वृद्धि किये जाने के बाद भी कम है. यहां दूसरे विश्वविद्यालय व कॉलेजों में बीएड की फीस 60 हजार रुपये तक है. बावजूद कोल्हान विश्वविद्यालय ने जेनरल व ओबीसी के लिए 43 और […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 14, 2014 12:26 PM

जमशेदपुर: शहर आये कुलपति डॉ आरपीपी सिंह ने पत्रकारों से बात करते हुए बताया कि कोल्हान विश्वविद्यालय में बीएड की फीस में वृद्धि किये जाने के बाद भी कम है. यहां दूसरे विश्वविद्यालय व कॉलेजों में बीएड की फीस 60 हजार रुपये तक है. बावजूद कोल्हान विश्वविद्यालय ने जेनरल व ओबीसी के लिए 43 और एससी व एसटी के लिए 35 हजार रुपये करने का निर्णय लिया है. फिर भी यह कम है. बढ़ी हुई फीस से होनेवाली आय को जोड़ कर देखा गया है. कुल आय व कुल खर्च दोनों बराबर हैं. इसलिए बढ़ी हुई फीस पर विचार करना संभव नहीं है.

बीएड फीस वृद्धि अप्रत्याशित व अनुचित :
कोल्हान विश्वविद्यालय द्वारा बीएड की फीस में 15 हजार रुपये की वृद्धि किये जाने पर विरोध शुरू हो गया है. विश्वविद्यालय के सिंडिकेट में राज्यपाल सह कुलाधिपति द्वारा नामित सदस्य राजेश कुमार शुक्ल ने भी फीस वृद्धि को अप्रत्याशित व अनुचित बताया है. उन्होंने कहा कि इससे ग्रामीण क्षेत्र से आनेवाले उम्मीदवारों को नामांकन कराने में आर्थिक परेशानी उत्पन्न होगी. उन्होंने बताया है कि राज्यपाल को पत्र के माध्यम से इसकी जानकारी दी है. साथ ही खुद को अब विश्वविद्यालय की सिंडिकेट से पदमुक्त करने का आग्रह किया है. श्री शुक्ल ने बताया है कि प्रभारी कुलपति सह प्रमंडलीय आयुक्त के कार्यकाल में कई ऐसे कार्य हुए, जिसके लिए सिंडिकेट की सहमति जरूरी थी. इस पर कई बार आपत्ति भी जतायी गयी. बावजूद सिंडिकेट की सहमति जरूरी नहीं समझी गयी.

बढ़ी हुई फीस सबके लिए संभव नहीं, वापस लें : छात्र संगठन
को-ऑपरेटिव कॉलेज आये कुलपति डॉ आरपीपी सिंह को विभिन्न छात्र संगठनों ने संयुक्त ज्ञापन सौंप कर फीस वृद्धि का विरोध किया है. कहा गया है कि बीएड की फीस में 15 हजार रुपये की वृद्धि अनुचित है. इससे यहां के छात्र-छात्राओं को आर्थिक परेशानी से जूझना पड़ेगा.

फीस की रकम पूरी नहीं होने की वजह से कई योग्य उम्मीदवार नामांकन से वंचित हो सकते हैं. अत: इस पर अविलंब विचार करते हुए फीस वृद्धि वापस ली जायेगी. ज्ञापन सौंपनेवालों में अभाविप के प्रभात शंकर तिवारी, राकेश पांडेय, जेसीएम के विमल बैठा, जेवीसीएम के राजीव दूबे व अन्य शामिल थे.

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