31 दिसंबर तक जिंदा हाेने का नहीं दिया प्रमाण, ताे बंद हाे जायेगी पेंशन

जमशेदपुर : कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के काेल्हान कार्यालय से जुड़े पेंशनराें काे 31 दिसंबर तक खुद के जीवित हाेने का प्रमाण देना हाेगा. किसी कारणवश यदि वे प्रमाण नहीं दे पाते हैं, ताे उनकी पेंशन बंद कर दी जायेगी. एक नवंबर से 31 दिसंबर तक पेंशन पाने के हकदाराें काे लाइफ सेविंग सर्टिफिकेट पीएफ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 16, 2018 7:18 AM
जमशेदपुर : कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के काेल्हान कार्यालय से जुड़े पेंशनराें काे 31 दिसंबर तक खुद के जीवित हाेने का प्रमाण देना हाेगा. किसी कारणवश यदि वे प्रमाण नहीं दे पाते हैं, ताे उनकी पेंशन बंद कर दी जायेगी. एक नवंबर से 31 दिसंबर तक पेंशन पाने के हकदाराें काे लाइफ सेविंग सर्टिफिकेट पीएफ कार्यालय में जाकर जमा कराने हाेंगे. काेल्हान प्रमंडल (पूर्वी सिंहभूम, सरायकेला-खरसावां, पश्चिम सिंहभूम) के अंतर्गत कर्मचारी पेंशन याेजना 1995 के तहत 57542 पेंशनभाेगी जुड़े हुए हैं.
पिछले वर्ष लगभग 42 हजार पेंशनधारियाें ने ही लाइफ सेविंग सर्टिफिकेट प्रदान किया था. इस कारण लगभग 12 हजार से अधिक की पेंशन विभाग द्वारा बंद कर दी गयी. मानगाे स्थित क्षेत्रीय कार्यालय में गुरुवार काे आयाेजित संवाददाता सम्मेलन काे संबाेधित करते हुए आरपीएफ कमिश्नर ग्रेड-1 अशाेक कुमार ने बताया कि जीवन प्रमाण पत्र के अलावा गैर पुनर्विवाह प्रमाण भी प्रस्तुत करना अनिवार्य है.
आरपीएफ कमिश्नर ग्रेड-1 अशाेक कुमार ने कहा कि दाे वर्ष पूर्व डिजिटल इंडिया काे बढ़ावा देने के निर्देश के बाद सभी पेंशनभाेगियाें काे पेंशन लाभ अबाध रूप से जारी रखने के लिए अपना जीवन प्रमाण पत्र आधार डिजिटल रूप में जमा करना अनिवार्य है. साल में एक बार पेंशनधारियाें काे इस प्रक्रिया से गुजरना अनिवार्य है. पेंशनधारी अपने पीपीआे में डिजिटल जीवन प्रमाण, जाे एक नवंबर 2018 से प्रभावी है, काे अद्यतन कराने के लिए अपने पीपीआे बुक, बैंक खाता, आधार कार्ड एवं माेबाइल (आेटीपी के लिए) के साथ नजदीकी अधिकृत कॉमन सर्विस सेंटर, संबंधित पेंशन वितरक बैंक, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के कार्यालय से संपर्क सुनिश्चित करें. इन तीनाें स्थानाें काे छाेड़कर विभाग ने किसी अन्य एजेंसी काे इसके लिए अधिकृत नहीं किया है. इस कार्य के लिए काेई आैर या निजी एजेंसी संपर्क करती है, ताे पेंशनर खुद इसके लिए जिम्मेदार हाेंगे.
अशाेक कुमार ने कहा कि वैसे पेंशनभाेगी, जिन्हाेंने एक नवंबर 2018 से पूर्व अपना डिजिटल जीवन प्रमाण अद्यतन किया है, उन्हें भी वर्ष 2019 के लिए पुन: अपना जीवन प्रमाण अद्यतन कराना अनिवार्य है. उमंग माेबाइल एप द्वारा भी डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र अद्यतन कर सकते हैं. अधिकृत कॉमन सेंटराें की सूची यूआइडीएआइ की वेबसाइट पर भी उपलब्ध है.
आरपीएफ कमिश्नर ग्रेड-1 अशाेक कुमार ने बताया कि पीएफ विभाग आैर आधार में नाम-पता गड़बड़ हाेने की स्थिति में भी पेंशन रुकने की संभावना है. उसे दुरुस्त कराया जाना अनिवार्य है. वैसे पेंशनर, जाे काफी बुजुर्ग व लाचार हाे गये हैं, जाे डिजिटल सिग्नेचर नहीं दे पा रहे हैं, उनके मामलाें में विभाग ने अलग व्यवस्था की है. 1952 पेंशन स्कीम के तहत 10-50 साल लगातार नाैकरी करने वाले ही पेंशन के हकदार हाेते हैं. 58 साल तक लगातार कार्य करने वालाें काे पेंशन का लाभ मिलना शुरू हाे जाता है. इसके पूर्व नाैकरी छाेड़ देने वालाें काे कुछ कम पेंशन मिलती है.

Next Article

Exit mobile version