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पारा शिक्षकों ने बीआरसी पर धरने के बाद साकची थाना में दी गिरफ्तारी

जमशेदपुर : पारा शिक्षकों का आंदोलन तेज होता जा रहा है. मंगलवार को राज्य कमेटी के आह्वान पर पूर्वी सिंहभूम के 131 शिक्षकों ने साकची थाने में गिरफ्तारी दी. मंगलवार को पारा शिक्षकों ने पूर्व की भांति मंगलवार को भी साकची आम बागान स्थित बीआरसी पर धरना दिया. यहां सुबह 10 से लेकर 12.30 बजे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 21, 2018 4:37 AM
जमशेदपुर : पारा शिक्षकों का आंदोलन तेज होता जा रहा है. मंगलवार को राज्य कमेटी के आह्वान पर पूर्वी सिंहभूम के 131 शिक्षकों ने साकची थाने में गिरफ्तारी दी. मंगलवार को पारा शिक्षकों ने पूर्व की भांति मंगलवार को भी साकची आम बागान स्थित बीआरसी पर धरना दिया. यहां सुबह 10 से लेकर 12.30 बजे तक सभी धरने पर रहे.
इसके बाद पैदल मार्च करते हुए साकची थाने पहुंच कर गिरफ्तारी दी. गिरफ्तार सभी पारा शिक्षकों को दोपहर करीब 3.30 बजे छोड़ दिया गया. इस दौरान पारा शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष सुमित तिवारी ने कहा कि रांची में 280 पारा शिक्षकों को गिरफ्तार कर लिया गया है. उन पर राजद्रोह समेत तमाम तरह की धारायें लगायी जा रही है, जबकि वे सभी पारा शिक्षक अपने अधिकार की मांग कर रहे थे.
इस दौरान सभी गिरफ्तार पारा शिक्षकों को छोड़ने की मांग की गयी. मुसाबनी के प्रतिनियोजित शिक्षकों ने ज्वाइन करने से किया इनकार. पारा शिक्षकों के हड़ताल के असर को कम करने के लिए जिला शिक्षा विभाग ने सभी एनपीएस में सरकारी शिक्षकों को प्रतिनियोजित किया है. शहरी क्षेत्र में सरकारी शिक्षकों के एनपीएस में ज्वाइन कर लिया है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्र में सिर्फ कागजों पर ही प्रतिनियोजन का लाभ दिख रहा है.
जबकि हकीकत यह है कि एक ही प्रतिनियोजित शिक्षक एक ही क्लास रूम में पहली से पांचवीं तक के बच्चों को एक साथ बैठा कर उसे पढ़ाने का सिर्फ कोरम पूरा कर रहे हैं. साथ ही कई प्रखंडों में ग्राम शिक्षा समिति प्रतिनियोजित शिक्षकों को ज्वाइन करने से रोक रहे हैं. कई प्रखंड के ग्राम शिक्षा समिति ने स्पष्ट कर दिया है कि उनके स्कूल में पारा शिक्षकों से ही पढ़ाई हो.
ग्राम शिक्षा समिति के रुख को देखते हुए मुसाबनी के दो एनपीएस में प्रतिनियोजित सरकारी शिक्षकों ने योगदान से इनकार कर दिया है. उन्होंने बीइइअो को पत्र लिख कर अपने जान माल की रक्षा करने की अपील की. इससे संबंधित पत्र प्राप्त होने की एडीपीअो पंकज कुमार ने भी पुष्टि की.
सरकार बढ़ा रही है 234 रुपये प्रतिमाह, यह मान्य नहीं. पारा शिक्षकों के आंदोलन के बाद सरकार की अोर से पारा शिक्षकों के मानदेय में बढ़ोतरी करने की बात कही गयी. लेकिन पारा शिक्षकों ने इसे अस्वीकार कर दिया है.
जिलाध्यक्ष सुमित तिवारी ने बताया कि पहली से पांचवीं तक के पारा शिक्षकों के मानदेय में प्रतिमाह सिर्फ 234 रुपये की बढ़ोतरी, छठी से आठवीं तक के पारा शिक्षकों के मानदेय में प्रतिमाह 254 रुपये, जिन्होंने ट्रेनिंग नहीं ली है, इस प्रकार के पारा शिक्षकों के मानदेय में किसी प्रकार की कोई बढ़ोतरी नहीं होने, जबकि टेट पास पारा शिक्षकों के मानदेय में प्रतिमाह 20 फीसदी यानी करीब 1600 रुपये की बढ़ोतरी का प्रस्ताव देने की बात कही गयी है. हालांकि शिक्षकों ने इसे अस्वीकार कर दिया है.
13 पारा शिक्षक हड़ताल से लौटे. मंगलवार को जिले के 2198 पारा शिक्षकों में से 65 ने हड़ताल से दूरी बना कर रखा. इसमें 52 पारा शिक्षक सोमवार को भी हड़ताल में शामिल नहीं थे. इसमें कुल 48 ऐसे पारा शिक्षक थे, जो एनआइअोएस के तहत डीएलएड की ट्रेनिंग ले रहे थे, जबकि चार सामान्य पारा शिक्षक थे. लेकिन मंगलवार को कुल 13 पारा शिक्षक हड़ताल से वापस लौट आये हैं. मंगलवार तक 65 पारा शिक्षक हड़ताल में नहीं थे.
पारा शिक्षकों पर लाठी चार्ज का विरोध
जमशेदपुर. झारखंड जनतांत्रिक मोर्चा की ओर से मंगलवार को पारा शिक्षकों पर लाठी चार्ज व प्लस टू शिक्षकों की बहाली में हुई गड़बड़ी के विरोध में राज्यपाल के नाम एक मांग पत्र उपायुक्त को सौंपा गया. प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे मदनमोहन ने कहा कि पारा शिक्षकों की आंदोलन के बारे में राज्य सरकार को मालूम था.
सरकार की ओर उनकी मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार करना चाहिए. महंगाई के इस दौर में पारा शिक्षकों को सम्मानजनक मानदेय दिया जाना चाहिए, ताकि उन्हें जीवन यापन करने में परेशानी नहीं हो. पारा शिक्षकों पर लाठी चार्ज करना उचित नहीं था. उक्त घटना की जांच कर दोषियों पर उचित कार्रवाई की जाये. उन्होंने कहा कि प्लस टू शिक्षकों की नियुक्ति में स्थानीय नीति की अवहेलना की गयी है.
स्थानीय युवक-युवतियों का हक छीन कर अन्य प्रदेश के अभ्यर्थी को प्राथमिकता दी जा रही है, जो बिलकुल ही गलत है. प्रतिनिधिमंडल में सुखलाल हांसदा, संजय बेसरा, मलय कुमार सरकार, सुनील कुमार बानरसिंह, परिमल किस्कू, सुनील हेंब्रम समेत अन्य मौजूद थे.
22 नवंबर तक हड़ताल से नहीं लौटने पर किया जायेगा बर्खास्त
जिले के पारा शिक्षकों को हड़ताल से वापस लौटने के लिए 20 नवंबर तक का अल्टीमेटम दिया गया था. 20 नवंबर के बाद बर्खास्तगी की कार्रवाई शुरू करने का आदेश स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग की अोर से दी गयी थी, लेकिन स्थानीय स्तर पर जिला शिक्षा पदाधिकारी शिवेंद्र कुमार ने हड़ताली पारा शिक्षकों को सोच-विचार करने के लिए दो दिन का अतिरिक्त समय दिया है.
प्रभात खबर से बात करते हुए कहा कि अगर 22 नवंबर तक पारा शिक्षक हड़ताल से वापस नहीं लौटते हैं, तो उन्हें बर्खास्त किया जायेगा. उन्होंने कहा कि हड़ताल पर रहने वाले पारा शिक्षकों की सूची तैयार है. 22 नवंबर के बाद कोई मोहलत नहीं दी जायेगी. पारा शिक्षकों को सामूहिक तौर पर बर्खास्त कर उनके स्थान पर टेट पास उम्मीदवारों को बहाल करने की तैयारी की गयी है.

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