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बिरसानगर आस्था ट्वीन सिटी के बगल से अतिक्रमण हटने के बाद लोगों को सता रही घर की चिंता

जमशेदपुर : बिरसानगर आस्था ट्वीन सिटी के बगल में प्रशासन द्वारा तोड़े गये 12 मकानों में रहने वाले लोगों के साथ-साथ 110 परिवार के सदस्यों की नींद गायब हो गयी है. क्योंकि इनको भी अपने मकान तोड़े जाने का डर सता रहा है. 12 परिवार जिनका मकान तोड़ा गया है, उन परिवार के सदस्यों का […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 24, 2018 7:10 AM
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जमशेदपुर : बिरसानगर आस्था ट्वीन सिटी के बगल में प्रशासन द्वारा तोड़े गये 12 मकानों में रहने वाले लोगों के साथ-साथ 110 परिवार के सदस्यों की नींद गायब हो गयी है. क्योंकि इनको भी अपने मकान तोड़े जाने का डर सता रहा है.
12 परिवार जिनका मकान तोड़ा गया है, उन परिवार के सदस्यों का न तो दिन और न ही रात के खाने का ठिकाना है. लोग अधिकांश समय तोड़-फोड़ की घटना का जिक्र करके रो रहे हैं. महिलाओं व बच्चों का भी बुरा हाल है.
बच्चों की पढ़ाई-लिखाई भी प्रभावित हो गयी है. इसके अलावा बस्ती के अन्य लोगों के अंदर भी अभियान के दौरान घर तोड़े जाने का भय समा गया है. इसको लेकर शुक्रवार को ‘प्रभात खबर’ की टीम ने संबंधित परिवार के सदस्यों से बात की और उनका दर्द जाना.
बिरसानगर में जमीन की मापी
जमशेदपुर : बिरसानगर आस्था ट्वीन सिटी के बगल में पीएम आवास के निर्माण के लिए हस्तांतरित जमीन की शुक्रवार को मुआयना और मापी की गयी. पीएम आवास निर्माण से पहले आउटर बाउंड्री के निर्माण को लेकर उक्त मापी की गयी.
मापी करने पहुंची टीम में जमशेदपुर अक्षेस व जमशेदपुर अंचल की टीम (अमीन, राजस्व कर्मी), सरकार के नियुक्त कंसलटेंट श्रेयी की टीम के अलावा कोल्हान प्रमंडल की पीएम आवास जीआइएस विशेषज्ञ कोनिका साहा व जमशेदपुर अक्षेस के हरिकांत उपाध्याय शामिल थे, जबकि दंडाधिकारी के रूप में जमशेदपुर अक्षेस के सिटी मैनेजर सोनल सिंह समेत अन्य मौजूद थे. इधर, जमशेदपुर अक्षेस के विशेष पदाधिकारी कृष्ण कुमार ने बताया कि पीएम आवास को लेकर पहले चौहद्दी की घेराबंदी की जायेगी.
बस्तीवासियों को मौके से हटाया : मापी के दौरान बस्ती के लोगों के पुलिस ने मौके से हटा दिया. सूत्रों के अनुसार शनिवार को भी मापी का काम किया जायेगा.
हम लोगों का क्या कसूर था
कोई बता ही नहीं रहा : रेणु
प्रशासन ने बुलडोजर लगाकर घर तोड़ दिया, आखिर हमारा क्या कसूर था. किसी भी तोड़ने वाले पदाधिकारी ने पूछने पर नहीं बताया. सिर्फ यही कहा कि ऊपर से आदेश आया है. हमारी बात किसी ने नहीं सुनी.
रेणु देवी, पीड़ित
घर टूट गया, अब कहां जाएं : बासुना चक्रवर्ती
घर टूटने से पूरा परिवार आसमान के नीचे आ गया है. दूसरे के घरों में काम करके किसी तरह से जीवन यापन कर रहे थे. हम लोग अब कहां जाएं. कुछ समझ नहीं आ रहा है. परिवार के सभी लोग परेशान हैं.
बासुना चक्रवर्ती, पीड़ित
पहले घर तोड़ा, फिर तीन गाड़ी भी ले गये : प्रभावती देवी
पुलिस प्रशासन ने पहले तो बलपूर्वक घर पर बुलडोजर चला दिया, फिर घर से तीन गाड़ी भी उठाकर ले गये. पूछने पर कोई जवाब नहीं दे रहा है. अब हम लोग कहां जाएं, किससे पूछे कि क्यों तोड़ा गया घर.
प्रभावती देवी, पीड़ित
एक-एक पैसा जोड़ कर घर बनाया पुलिस ने तोड़ दिया : सविता
हमने मजदूरी का काम करके एक-एक पैसे जोड़ने के बाद एक कमरे का मकान बनाया था. प्रशासन ने उस घर को भी बुलडोजर लगाकर तोड़ दिया. हमारा तो सब कुछ उजड़ गया. अब हम लोग क्या करें, कुछ समझ नहीं आ रहा है.
सविता देवी, पीड़ित
प्रशासन ने एक रूम के मकान को भी नहीं छोड़ा : अनीता देवी
शहर में 100 से ज्यादा बस्ती में लाखों की संख्या में बड़े-बड़े मकान बने हुए हैं, लेकिन प्रशासन ने बुलडोजर से एक कमरे को अतिक्रमण बताकर तोड़ने की बहादुरी की है. जो कि गलत है. बेचने वालों को नहीं पकड़ रहे कि उन्होंने क्यों बेचा.
अनीता देवी, पीड़ित

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