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12 दिनों के बाद शपथ पत्र लेकर दिया शव

जमशेदपुर : एमजीएम अस्पताल में इलाज के दौरान तिरिंग के सोनाराम पात्रो की मौत के बाद सोमवार से परेशान परिवार के लोगों को मंगलवार को शव दिया गया, लेकिन समय खत्म होने के कारण मंगलवार को शव का पोस्टमार्टम नहीं हो सका. अब बुधवार को पुलिस शव का पोस्टमार्टम करायेगी. गौरतलब है कि इलाज कराने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 28, 2018 6:14 AM
जमशेदपुर : एमजीएम अस्पताल में इलाज के दौरान तिरिंग के सोनाराम पात्रो की मौत के बाद सोमवार से परेशान परिवार के लोगों को मंगलवार को शव दिया गया, लेकिन समय खत्म होने के कारण मंगलवार को शव का पोस्टमार्टम नहीं हो सका. अब बुधवार को पुलिस शव का पोस्टमार्टम करायेगी.
गौरतलब है कि इलाज कराने के दौरान 12 नवंबर को सोनाराम पात्रो एमजीएम से भाग गया था. भागने के बाद 13 नवंबर को पीसीआर ने भुइयांडीह में वह सड़क किनारे मिला था, जिसके बाद उसे दोबारा अस्पताल में पवन मुखी के नाम से भर्ती करा दिया गया. जहां इलाज के दौरान 14 नवंबर की सुबह उसकी मौत हो गयी, जिसके बाद शव को अस्पताल के शीतगृह में रखवा दिया गया था.
इस दौरान नाम बदल दिये जाने के कारण परिजन एमजीएम का चक्कर लगाते रहे, लेकिन सोनाराम के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल रही थी. 26 नवंबर को जब मामले की जानकारी परिवार के लोगों को मिली तो शव की पहचान सोनाराम के रूप में हुई.
लेकिन नाम बदले होने के कारण अस्पताल प्रबंधन ने शव देने से मना कर दिया. इसके बाद परिवार के मंगलवार की सुबह फिर से अस्पताल पहुंचे और अधीक्षक के चैंबर और इमरजेंसी में हंगामा किया और लिखित अधीक्षक को दिया. इसके बाद डॉक्टरों ने नाम बदला और पवन मुखी से सोनाराम पात्रो किया. नाम बदलने के बाद साकची पुलिस मौके पर पहुंची और शव का पंचनामा तैयार किया, लेकिन इस दौरान काफी लेट हो जाने के कारण शव का पोस्टमार्टम नहीं हो सका. जिसके बाद शव को फिर से शीतगृह में रख दिया गया.
उपायुक्त से शिकायत इलाज में लापरवाही बरतने का लगाया आरोप
सोनाराम का नाम बदलने और पहचान के बाद भी शव नहीं देने के मामले को लेकर मंगलवार को परिवार के लोग उपायुक्त के पास पहुंचे और मामले की शिकायत की. साथ ही दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. उपायुक्त को दिये गये ज्ञापन में बताया गया कि सोनाराम पात्रो 12 नवंबर को अज्ञात वाहन की चपेट में आने से जख्मी हो गया था.
ग्रामीणों की मदद से उसे एमजीएम में भर्ती कराया गया, जहां उसका इलाज डॉ एससी हांसदा ने किया, लेकिन सही इलाज नहीं होने के कारण सोनाराम की मौत हो गयी. परिजनों ने मामले में जांच कर संबंधित डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.

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