जमशेदपुर : नहीं मिली एंबुलेंस, तो ऐसा करने के लिए मजबूर हो गया ये परिवार

जमशेदपुर : उलीडीह के शंकोसाई रोड नंबर -5 की रहनेवाली चंपा देवी की बेटी सरस्वती को कुछ दिन पूर्व पैर फ्रैक्चर होने के बाद एमजीएम अस्पताल लाया गया था. प्लास्टर के घर चली गयी थी. कुछ दिनों के बाद सरस्वती की अंगुली में दर्द होने लगी़ सूजन हो गया. मंगलवार को वह बेटी को लेकर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 5, 2018 7:08 AM
जमशेदपुर : उलीडीह के शंकोसाई रोड नंबर -5 की रहनेवाली चंपा देवी की बेटी सरस्वती को कुछ दिन पूर्व पैर फ्रैक्चर होने के बाद एमजीएम अस्पताल लाया गया था. प्लास्टर के घर चली गयी थी. कुछ दिनों के बाद सरस्वती की अंगुली में दर्द होने लगी़ सूजन हो गया. मंगलवार को वह बेटी को लेकर किसी की मदद से फिर अस्पताल पहुंची थी. पर डॉक्टर नहीं मिले.
सरस्वती को घर ले जाने के लिए चंपा देवी एंबुलेंस के लिए भटकती रही़ पर उसे नहीं मिली. काफी परेशान होने के बाद उसने ठेले को बुलाया और अपनी बेटी को आस पास के लोगों की मदद से उस पर लेटा दी. ठेले पर बैठ कर अपनी मरीज बेटी के सिर को मां चंपा देवी ने गोद में रख कर घर के लिए रवाना हुई.
पूछने पर बताया कि बहुत देर से एंबुलेंस के लिए भटक रहे थे. नहीं मिली, तो क्या करते. इसलिए ठेला से ही बेटी को घर लेकर जा रहे हैं. अस्पताल से उसके घर की दूरी करीब तीन किमी है.
मरीज को घर लेकर जाने के लिए एमजीएम अस्पताल में कोई भी एंबुलेंस सेवा नहीं है. परिजन प्राइवेट एंबुलेंस की व्यवस्था करते हैं या अपनी गाड़ी से लेकर जाते है.
डा. नकुल चौधरी, उपाधीक्षक, एमजीएम
एंबुलेंस की स्थिति
कुल एंबुलेंस : 5
चालू एंबुलेंस : 3
खराब एंबुलेंस : 2

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