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पारा शिक्षकों की मांगें जायज, राज्य सरकार को अमल करना चाहिए : रामचंद्र सहिस

पटमदा : एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा के बैनर तले बुधवार को 500 पारा शिक्षकों ने जुगसलार्इ के विधायक रामचंद्र सहिस के मुचीडीह स्थित आवास को आठ घंटे तक घेरे रखा. घेरा डालो, डेरा डालो के तहत जिलाध्यक्ष सुमित तिवारी के नेतृत्व में विभिन्न प्रखंडों से आये पारा शिक्षक सुबह नौ बजे से शाम पांच […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 6, 2018 5:01 AM
पटमदा : एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा के बैनर तले बुधवार को 500 पारा शिक्षकों ने जुगसलार्इ के विधायक रामचंद्र सहिस के मुचीडीह स्थित आवास को आठ घंटे तक घेरे रखा. घेरा डालो, डेरा डालो के तहत जिलाध्यक्ष सुमित तिवारी के नेतृत्व में विभिन्न प्रखंडों से आये पारा शिक्षक सुबह नौ बजे से शाम पांच बजे तक (आठ घंटा) आवास पर जमे रहे तथा प्रदर्शन किया. प्रदर्शन का समर्थन देते हुए विधायक ने कहा कि पारा शिक्षकों की मांग जायज है.
सरकार को इनकी मांगो पर अमल करना चाहिए. सहिस ने कहा कि शिक्षकों के साथ दमनकारी नीति अपना रही है जो दुर्भाग्य की बात है. शिक्षकों को हथकड़ी लगा कर जेल भेजा जाना कहीं से उचित नहीं है. इस पर मंथन करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि नौ दिसंबर को आजसू पार्टी की केंद्रीय कमेटी की बैठक में पारा शिक्षकों का मामला रखा जायेगा. आजसू पार्टी पारा शिक्षकों के साथ है, उनकी लड़ार्इ में हर संभव मदद करेगी.
शिक्षकों को अधिकार नहीं मिला तो चुनाव में दिखेगा असर : सुमित. पारा शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष सुमित तिवारी ने कहा कि पिछले 20 दिनों से पारा शिक्षक आंदोलनरत हैं. शिक्षकों को उसका अधिकार नहीं मिला तो यह आंदोलन आगामी चुनाव में सत्ताधारी दल को भारी पड़ेगा. पारा शिक्षकों को सरकार बिना शर्त रिहा करे अौर केस से बरी करे. सरकार समान काम के बदले सामान वेतन दे.
शिक्षा के प्रति वर्तमान सरकार की मंशा में खोट : सोनू सरदार
संघ के सरायकेला जिलाध्यक्ष सोनू सरदार ने कहा कि शिक्षा के प्रति सरकार की मंशा में खोट है. ग्रामीण शिक्षा का स्तर दिनों-दिन गिरता जा रहा है. सरकार गांव के युवाअों को साक्षर देखना नहीं चाहती है. इसी वजह से कभी स्कूल बंद करवाती है, तो कभी पारा शिक्षकों को अधिकार मांगने पर जेल भेजवाती है.
गांव के पढ़े लिखे युवक पारा शिक्षक बने हैं अौर आज शिक्षक जब अपना अधिकार मांग रहे हैं तो सरकार अपनी जिम्मेवारी निभाने से पीछे हट रही है. प्रदर्शन को प्रीतेश खालको, गोविंद गोप, हिमांशु महतो, खेगेन चंद्र भगत, लक्ष्मण मांडी, मृत्युंजय गोप, शशांक महतो, यामिनी कांत महतो, ललित हांसदा, प्रकाश चंद्र महतो, ध्रुव पद महतो, उज्जवल कुमार दास, अंजु बर्मा, रीता सिंह, रीना यादव, ज्योत्सना सिंह, अंजली महतो, मानिक गोरार्इ, रोहित महतो, पद्दा वाला सिंह, रविंद्र नाथ सिंह, सुबल चंद्र महतो, रामपद महतो आदि ने भी संबोधित किया. संचालन तापस हलदार ने किया.

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