जमशेदपुर : सुवर्णरेखा घाट कमेटी को लेकर करायें सौंदर्यीकरण

जमशेदपुर : भुइयांडीह स्थित सुवर्णरेखा बर्निंग घाट के जीर्णोद्धार व सौंदर्यीकरण के लिए एक करोड़ से अधिक की प्रस्तावित योजना कानूनी दांव-पेंच में उलझ गयी है. योजना का प्रस्ताव जमशेदपुर अक्षेस ने तैयार किया है. अक्षेस प्रशासन व बर्निंग घाट कमेटी के बीच विवाद के कारण फिलहाल योजना का काम बंद है. उच्च न्यायालय ने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 17, 2018 6:01 AM
जमशेदपुर : भुइयांडीह स्थित सुवर्णरेखा बर्निंग घाट के जीर्णोद्धार व सौंदर्यीकरण के लिए एक करोड़ से अधिक की प्रस्तावित योजना कानूनी दांव-पेंच में उलझ गयी है. योजना का प्रस्ताव जमशेदपुर अक्षेस ने तैयार किया है. अक्षेस प्रशासन व बर्निंग घाट कमेटी के बीच विवाद के कारण फिलहाल योजना का काम बंद है.
उच्च न्यायालय ने मामले में सुनवाई करते हुए बर्निग घाट कमेटी को विश्वास में लेकर सौंदर्यीकरण कार्य करने का निर्देश अक्षेस को दिया है. मार्च 2018 में तत्कालीन एसडीअो माधवी मिश्रा ने फोर्स की मदद से सुवर्णरेखा बर्निंग घाट में अक्षेस की योजना के लिए तोड़फोड़ तथा खुदाई कार्य शुरू कराया था. इसका विरोध कमेटी के सदस्य तथा बार एसोसिएशन के अधिवक्ताअों ने किया.
हंगामे के बीच कमेटी के सदस्य जेसीबी पर चढ़ गये और कार्य को रोक दिया. बाद में बर्निंग घाट कमेटी के एग्जीक्यूटिव कमेटी मेंबर दिव्येंदू मंडल ने उच्च न्यायालय में सरकार, उपायुक्त, एसडीअो, जमशेदपुर अक्षेस के विशेष पदाधिकारी को प्रतिवादी बनाते हुए याचिका दायर की थी.
उच्च न्यायालय ने मामले में पहले यथास्थिति का आदेश दिया था, तब से यहां काम बंद है. मामले में उच्च न्यायालय ने जेएनएसी को आदेश दिया है कि वह बर्निंग घाट कमेटी को विश्वास में लेकर काम शुरू कराये.
बर्निंग घाट कमेटी के कार्यकारिणी सदस्य गणेश राव ने बताया कि बर्निंग घाट की जमीन कमेटी को आवंटित है अौर जमशेदपुर अक्षेस बिना कमेटी को जानकारी दिये काम करा रहा था. योजना से कमेटी सहमत नहीं थी और तब से काम बंद है.

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