जमशेदपुर : एक ही आधार नंबर से बनवा लिये कई राशन कार्ड अनाज का उठाव भी हुआ, 14,000 मामले पकड़ाये
कुमार आनंद, जमशेदपुर : राज्य में फर्जी तरीके से एक ही आधार कार्ड पर कई राशन कार्ड बनवाने का मामला सामने आया है. अब तक ऐसे 14 हजार से अधिक फर्जी राशन कार्ड पकड़ में आये हैं. इतना ही नहीं, इन फर्जी राशन कार्ड से लंबे समय तक खाद्यान्न का उठाव भी किया गया है. […]
कुमार आनंद, जमशेदपुर : राज्य में फर्जी तरीके से एक ही आधार कार्ड पर कई राशन कार्ड बनवाने का मामला सामने आया है. अब तक ऐसे 14 हजार से अधिक फर्जी राशन कार्ड पकड़ में आये हैं. इतना ही नहीं, इन फर्जी राशन कार्ड से लंबे समय तक खाद्यान्न का उठाव भी किया गया है. मामला पकड़ में आने के बाद खाद्य आपूर्ति विभाग ने रांची स्थित नेशनल इनफॉर्मेंस सेंटर (एनआसी) से सभी 24 जिलों से रिपोर्ट मांगी. खाद्य आपूर्ति सचिव अमिताभ कौशल ने मामले में सभी उपायुक्त व जिला आपूर्ति पदाधिकारी को जांच कर उचित कार्रवाई करने का आदेश दिया है.
पलामू में सबसे अधिक गड़बड़ी. सूत्रों के अनुसार, पूर्वी सिंहभूम जिले में आधार कार्ड की इस तरह की गड़बड़ी कर 952 राशन कार्ड बनवाये गये हैं. राज्य में सबसे ज्यादा गड़बड़ी पलामू जिले में हुई है. यहां 1871 राशन कार्ड पकड़ में आये हैं. रांची जिले में 1639, हजारीबाग में 1552 व सरायकेला में 330 ऐसे फर्जी राशन कार्ड पकड़ में आये हैं.
सूत्रों के अनुसार, एक आधार नंबर से 40-40 राशन कार्ड तक बनाये गये हैं. इनसे नियमित रूप से खाद्यान्न का उठाव भी किया गया है. बताया जाता है कि इनमें से कई ऐसे कार्डधारी हैं, जिन्हें यह पता भी नहीं है कि उनके आधार नंबर से दूसरा राशन कार्ड भी बना है.
सूत्रों के मुताबिक कई ऐसे कार्डधारी हैं, जिन्हें यह पता भी नहीं है कि उनके आधार नंबर से दूसरा राशन कार्ड भी बना है. इस पूरे मामले में दोषी कौन है या किसकी लापरवाही है, विभाग इसका पता लगाने में जुट गया है.
मामला पकड़ में आने के बाद सक्रिय हुआ विभाग
एक आधार से एक ही राशन कार्ड बनाना है. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत बनाये गये राशन कार्ड में फर्जीवाड़े पकड़े जाने पर दोषी पर प्राथमिकी, उठाये गये खाद्यान्न-केरोसिन की बाजार मूल्य के अनुरूप वसूली करने का प्रावधान है.
एक आधार नंबर पर एक से ज्यादा राशन कार्ड बनाने अौर उससे खाद्यान्न-केरोसिन का उठाव करनेवाले का पता चला है. एनआइसी से रिपोर्ट मंगायी गयी है. ऐसे मामले में जल्द कड़ी कार्रवाई की जायेगी.
डॉ अमिताभ कौशल, सचिव, खाद्य आपूर्ति विभाग, झारखंड
विभागीय पदाधिकारी की भूमिका भी संदिग्ध
राशन कार्ड को आधार से लिंक करने के लिए कार्डधारी अपने आधार नंबर की कॉपी प्रज्ञा केंद्र, सेवा केंद्र या फिर साइबर कैफे को देते हैं. गड़बड़ी इन्हीं स्तर से हो सकती है. इसमें पीडीएस दुकानदार, विभागीय पदाधिकारी, संबंधित क्षेत्र का एमओ, पीडीएस डाटा इंट्री करनेवाले अॉपरेटर आदि की भी भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है.
पहले भी हो चुकी है गड़बड़ी
पूर्व में एक सिम नंबर से अॉफ लाइन के माध्यम से कई पीडीएस दुकानों से नियमित खाद्यान्न उठाव करने का मामला पकड़ा में आया था.