नये साल पर CM रघुवर ने की बड़ी घोषणाएं, बोले- पारा शिक्षकों पर फैसला जल्द, शुरू होगी कृषि आशीर्वाद योजना
क्या-क्या बोले – 2019 में सरकार आदिवासी-गरीब, किसान और महिलाओं को स्वावलंबी बनाने का काम करेगी – किसानों को 5000 प्रति एकड़ की दर से राशि डीबीटी के माध्यम से हस्तांतरित की जायेगी – 2022 तक किसानों की आय चौगुनी करने का लक्ष्य – 10 जनवरी को यूएइ और सरकार के बीच महत्वपूर्ण एमओयू होगा […]
क्या-क्या बोले
– 2019 में सरकार आदिवासी-गरीब, किसान और महिलाओं को स्वावलंबी बनाने का काम करेगी
– किसानों को 5000 प्रति एकड़ की दर से राशि डीबीटी के माध्यम से हस्तांतरित की जायेगी
– 2022 तक किसानों की आय चौगुनी करने का लक्ष्य
– 10 जनवरी को यूएइ और सरकार के बीच महत्वपूर्ण एमओयू होगा
– वहां बंधक नहीं बनेंगे झारखंड के लोग. एक लाख लोगों को रोजगार दिया जायेगा
– सचिव, उपायुक्त और एसएसपी भी दो-दो दिन गांव रहेंगे. जनता से मिलेंगे, उनकी बातों को सुनेंगे.
– गांवों में परिवहन व्यवस्था के लिए युवाओं की टीम को दिया जायेगा लोन
– 2020 तक कोई गरीब बेघर नहीं रहेगा
– छह जनवरी को 36 महिलाएं जायेंगी इस्राइल
जमशेदपुर : नये साल के पहले दिन मुख्यमंत्री रघुवर दास ने पत्रकारों से बातचीत में कई घोषणाएं की. कहा कि 2019 में सरकार आदिवासी-गरीब, किसान और महिलाओं को स्वावलंबी बनाने की दिशा में काम करेगी. सर्वांगीण और समग्र विकास का लक्ष्य निर्धारित कर नये वर्ष में प्रवेश कर रही है.
जमशेदपुर में सूर्य मंदिर परिसर स्थित सोन मंडप में उन्होंने कहा : पारा शिक्षकों को लेकर सरकार गंभीर है. शिक्षा मंत्री डॉ नीरा यादव को विभागीय सचिव के साथ बैठ कर संभावनाएं तलाशने को कहा गया है. पारा शिक्षकों पर जल्द फैसला लिया जायेगा. उन्होंने कहा कि बजट में मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना का सूत्रपात किया जायेगा. इस योजना से 20 लाख मध्यम व लघु किसान सीधे लाभान्वित होंगे. बरसात के पहले ही किसानों को 5000 प्रति एकड़ की दर से राशि डीबीटी के माध्यम से हस्तांतरित की जायेगी. इससे वे समय पर खाद और बीज खरीद सकेंगे. पांच एकड़ तक जमीन रखनेवाले किसानों को इसका लाभ मिलेगा.
उन्होंने कहा : 2013-14 में राज्य की कृषि विकास दर ऋणात्मक (-4.5) थी. इन चार वर्षों में सरकार ने डोभा और तालाब के रूप में सिंचाई के संसाधनों की व्यवस्था की. मेहनती अन्नदाताओं के अथक परिश्रम से यह 14.5 प्रतिशत तक पहुंच गयी. चार वर्षों में 18 से 19 प्रतिशत की अभूतपूर्व वृद्धि मेहनतकश भूमिपुत्रों के अथक परिश्रम का प्रतिफल है. 2022 तक किसानों की आय चौगुनी करने का लक्ष्य तय कर काम शुरू हो चुका है.
प्राइवेट स्कूलों की मनमानी रोकने के लिए कानून जल्द
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि स्कूलों की मनमानी रोकने के लिए सरकार जल्द कानून लायेगी. मनमानी फीस वृद्धि समेत अन्य कई मामलों की शिकायतें सरकार के संज्ञान में आयी हैं. जांच के लिए शिक्षा विभाग के सचिव स्तर पर एडवाइजरी कमेटी का गठन किया गया है. रिपोर्ट के बाद सरकार आगे की कार्रवाई करेगी.
मेडिकल सेवाओं के लिए भी एडवाइजरी कमेटी
मुख्यमंत्री ने कहा : मेडिकल सेवाओं को अपग्रेड करने, निजी अस्पतालों में आम लोगों को आ रही परेशानियों के संबंध में एडवाइजरी कमेटी का गठन किया जा रहा है. इस कमेटी की रिपोर्ट पर सरकार आगे की कार्रवाई करेगी, ताकि अस्पतालों में इलाज कराने के लिए जानेवालों को किसी तरह की समस्या का सामना प्रबंधन से नहीं हो.
महिला सशक्तीकरण पर गंभीर
मुख्यमंत्री ने कहा : महिलाएं आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनें, सशक्त बनें, इस दिशा में सरकार काम कर रही है. सखी मंडल को 700 करोड़ रुपये बैंक और सरकार द्वारा मदद की जा चुकी है. एक रुपये में महिलाओं के नाम 50 लाख की रजिस्ट्री करने जैसी अनूठी पहल झारखंड ने ही शुरू की. अब तक 1.20 लाख महिलाएं जमीन की मालकिन बन चुकी हैं. मातृत्व मृत्यु दर कम करने पर सरकार फोकस होकर काम कर रही है.
संथाल परगना में विकास के नये दरवाजे खुल रहे हैं
सीएम ने कहा : संथाल परगना में विकास के नये दरवाजे खुल रहे हैं. फरवरी 2019 तक गंगा से जल मार्ग होते हुए ना सिर्फ उत्तर प्रदेश बल्कि बंगाल, म्यांमार और बांग्लादेश तक व्यापार के नये अवसर मिलेंगे. 2019 में रांची में स्मार्ट सिटी झारखंड के तहत वर्ल्ड ट्रेड सेंटर स्थापित होगा, जिससे राज्य के व्यापारी वर्ग को एक सेंटर मिलेगा.
यूएइ के साथ होगा एमओयू
मुख्यमंत्री ने कहा : 10 जनवरी को यूएइ और सरकार के बीच महत्वपूर्ण एमओयू होगा. झारखंड से काफी संख्या में मुस्लिम युवा रोजगार की तलाश में सऊदी जाते हैं. यहां की प्लेसमेंट कंपनियां उनके साथ विभिन्न तरह के कामों के लिए एग्रीमेंट करती हैं. उन एग्रीमेंट की सऊदी में कोई वैल्यू नहीं होती. सऊदी जाने के बाद लोग फंस जाते हैं. कम पैसों में काम करना पड़ता है.
सरकार ने तय किया है कि जिस काम के लिए उनका चयन होगा, उसका एग्रीमेंट यहीं होगा और वह यूएइ जाकर वही काम करेगा. जो लोग प्रशिक्षित नहीं हैं, उन्हें 11 माह की ट्रेनिंग दी जायेगी. ऐसी स्थिति में उनका आर्थिक शोषण भी नहीं होगा. सऊदी में किसी मुसीबत में फंसने पर भी सरकार उनका पूरा ख्याल रखेगी. 10 जनवरी को ही रांची में एक लाख युवाओं को रोजगार दिया जायेगा. कार्यक्रम में 10 देशों के राजदूत आयेंगे.
सात जनवरी को उपायुक्तों के साथ बैठक
मुख्यमंत्री ने कहा : गांव में चौपाल लगाकर जनता की बातों को सीधे सुन रहे हैं. जनता से मिलनेवाले फीडबैक को योजनाओं में शामिल कर रहे हैं. इसके बेहतर परिणाम देखने को मिल रहे हैं. सचिव, उपायुक्त और एसएसपी भी दो-दो दिन गांव रहेंगे. जनता से मिलेंगे, उनकी बातों को सुनेंगे. जब तक अंतिम व्यक्ति की समस्या का समाधान नहीं होता, तब तक हम बैठनेवाले नहीं हैं. सात जनवरी को उपायुक्तों के साथ बैठक करेंगे. इस योजना को अमलीजामा पहनायेंगे.
गांव में परिवहन व्यवस्था को बेहतर बनाया जायेगा
मुख्यमंत्री ने कहा : गांव में परिवहन व्यवस्था को बेहतर बनाया जायेगा. इसके लिए निगम की व्यवस्था की जा रही है. युवाओं की टीम बनाकर उन्हें लोन दिया जायेगा. इसके आधार पर बैंक उन्हें मदद करेगा. सिटी बस चलाकर वे न केवल बेहतर रोजगार हासिल करेंगे, बल्कि गांव के लोगों की सेवा भी कर पायेंगे. उन्होंने कहा : 14 साल तक कल्याण मंत्रालय जिसने भी संभाला, झारखंडियों को नहीं अपना ही कल्याण किया. उनकी सरकार ने अल्पसंख्यक वित्त निगम समेत अन्य कई कल्याणकारी योजनाओं पर काम किया है.
फरवरी में 27,000 घरों की बुनियाद
रघुवर दास ने कहा : देश के प्रधानमंत्री का संकल्प है कि 2022 तक कोई बेघर नहीं रहे. राज्य सरकार ने तय किया है कि 2020 तक राज्य में शहरी और ग्रामीण इलाकों में कोई गरीब बेघर नहीं रहेगा. शहर में फरवरी माह में 27,000 घरों की बुनियाद रखी जायेगी. रांची में 25,000 घरों का भी शिलान्यास होगा, जिससे गरीब भी झोपड़पट्टी नहीं, बल्कि कॉलोनी में गरिमा के साथ सुविधापूर्ण जीवन यापन करेंगे.
जनवरी-फरवरी माह में पांच हजार तालाब
मुख्यमंत्री ने कहा : जनवरी-फरवरी माह में पांच हजार तालाब खोदने का काम सीएसआर के तहत शुरू किया जायेगा. इसके लिए ग्लोबल एग्रीकल्चर फूड समिट के दौरान एमओयू कर लिया गया है. कृषि विभाग और जल संसाधन विभाग द्वारा भी तालाब खोदे जायेंगे. सिंचाई के संबंध में काफी काम हुआ है. कृषि और ग्रामीण विकास हमारी सरकार की प्राथमिकता है. कृषि उद्योग में सबसे ज्यादा रोजगार प्राप्त हो रहे हैं.
किसानों को प्रशिक्षित करने का काम
मुख्यमंत्री ने बताया : छह जनवरी को 36 महिलाएं खेती-पशुपालन के क्षेत्र में प्रशिक्षण लेने के लिए इस्राइल जायेंगी. इनमें अधिकतर आदिवासी महिलाएं हैं. वर्ल्ड बैंक की सहायता से जोहार योजना के माध्यम से भी किसानों को प्रशिक्षित करने का काम किया जा रहा है. दुनिया में उन्नत किसान झारखंड में हैं. उन्नत तकनीक की जानकारी किसानों को हो, इस दृष्टिकोण से सरकार उन्हें विभिन्न चरणों में इस्राइल भेज रही है.
जिन 52 किसानों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है, वे जैविक खेती के लिए गांव के किसानों को अगुआ बन प्रेरित कर रहे हैं. पूर्वी सिंहभूम के पटमदा प्रखंड के किसान श्रीमंत मिश्रा इस्राइल गये थे. खूंटी के बिरसा मुंडा ने पुलिस की नौकरी को छोड़कर आसपास के नौजवानों को खेती के काम से जोड़ा और आज महीने में 4-5 लाख रुपये कमा रहे हैं.
किसानों को 10-10 बॉक्स
उन्होंने कहा : राज्य में बागवानी और सब्जी उत्पादन अधिक होता है. चीन जैसे देश राज्य की भिंडी लेने के लिए तैयार हैं, तो संयुक्त अरब अमीरात और यूरोपियन देशों ने भी जैविक सब्जियों की खपत के लिए अपने बाजार खोले हैं. तमाम जैविक उत्पादों को लेने के लिए पतंजलि तैयार है. मधु प्रसंस्करण संयंत्र लगाने के लिए पतंजलि के साथ राज्य सरकार एग्रीमेंट किया जाना है. सरकार किसानों को 10-10 बॉक्स मधु पालन के लिए देगी. दुग्ध उत्पादन के लिए भी कृषकों को प्रेरित किया जा रहा है, जिससे न केवल आय की बढ़ोतरी होगी, बल्कि गोबर से जैविक ऊर्जा और जैविक खेती को भी बढ़ावा मिलेगा.
उग्रवाद अंतिम सांसें गिन रहा है
रघुवर दास ने कहा : राज्य में आम जनता की सुरक्षा पहली प्राथमिकता है. पुलिस जवानों की कर्त्तव्यनिष्ठा के कारण आज राज्य में उग्रवाद अंतिम सांसें गिन रहा है. जनता पलामू, सिमडेगा, गढ़वा, लातेहार, गुमला जैसे जिलों में भी रात-दिन बेहिचक आवागमन कर रही है. भयमुक्त झारखंड का वादा किया था, उस पर काफी कामयाबी हासिल की जा चुकी है. शहरी क्षेत्र में संगठित आपराधिक गिरोहों पर सरकार ने काफी बंदिश की है. इस कारण शहरों में भी अपराध की घटनाओं में लगातार गिरावट आयी है.
32000 गांवों को मिली बिजली
मुख्यमंत्री ने कहा : सौभाग्य योजना के तहत झारखंड के सभी 32000 गांवों में हर एक घर तक बिजली पहुंचा दी गयी. हर घर तक बिजली पहुंचाने के लक्ष्य को तीन माह पूर्व भी हमने प्राप्त कर लिया है. 2019 दिसंबर तक गांवों में भी जीरो कट बिजली मिलेगी. व्यवस्था को पुख्ता करने के लिए सरकार ने 80 ग्रिड और 257 सब स्टेशन का निर्माण किया. जब गांवों में भी बिजली रहेगी, तो वहां रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे. पलायन रोकना मुख्य उद्देश्य है.