जमशेदपुर : कैट का टॉपर होने का दावा करनेवाले नीतीश कुमार का दूसरा स्कोर कार्ड मिला, महज 45.34 परसेंटाइल

बिहार के टॉपर्स घोटाले से ज्यादा बड़ा कारनामा जमशेदपुर में, 48 घंटे में बदला परिणाम जमशेदपुर : जमशेदपुर के बागबेड़ा निवासी नीतीश कुमार का कैट 2018 में 100 परसेंटाइल लाकर देश का संयुक्त टॉपर होने का दावा गलत साबित हुआ है. रिजल्ट आने के दूसरे दिन खुलासा हुआ कि नीतीश को मात्र 45.34 परसेंटाइल ही […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 8, 2019 6:10 AM
बिहार के टॉपर्स घोटाले से ज्यादा बड़ा कारनामा जमशेदपुर में, 48 घंटे में बदला परिणाम
जमशेदपुर : जमशेदपुर के बागबेड़ा निवासी नीतीश कुमार का कैट 2018 में 100 परसेंटाइल लाकर देश का संयुक्त टॉपर होने का दावा गलत साबित हुआ है. रिजल्ट आने के दूसरे दिन खुलासा हुआ कि नीतीश को मात्र 45.34 परसेंटाइल ही मिला है.
इसका खुलासा तब हुआ, जब नीतीश के नामवाले फेसबुक अकाउंट से एक पोस्ट जारी हुआ. छात्र के नाम वाले फेसबुक अकाउंट से एक लंबा पोस्ट जारी हुआ. इसमें छात्र के हवाले से कहा गया कि उसने अपने परीक्षा परिणाम में छेड़छाड़ की है. परिवार के दबाव के कारण उसने परिणाम में बदलाव किया. कुछ देर बाद छात्र का फेसबुक अकाउंट डी-एक्टिवेट हो गया. हालांकि तब तक छात्र के एफबी से जुड़े कुछ दूसरे युवकों ने संबंधित पोस्ट को शेयर कर दिया. महज कुछ घंटे में यह पोस्ट दिल्ली, कोलकाता से लेकर जमशेदपुर तक वायरल हो गया.
भारतीय प्रबंध संस्थानों में दाखिले के लिए शनिवार को कॉमन एडमिशन टेस्ट का परीक्षा परिणाम जारी किया गया. युवक नीतीश कुमार ने बताया कि परीक्षा में उसे सर्वाधिक 100 परसेंटाइल प्राप्त हुआ है. छात्र ने अपने दावे में समर्थन में अपना स्कोर कार्ड तक पेश किया. इसमें छात्र को ओवरऑल 100 परसेंटाइल दिख रहा था. कैट की ओर से जारी परिणाम में बताया गया था कि देश भर में 11 छात्रों को 100 परसेंटाइल प्राप्त हुआ.
यह सभी इंजीनियरिंग के छात्र हैं. छात्र ने दावा किया कि झारखंड में 100 परसेंटाइल प्राप्त करने वाला वह अकेला विद्यार्थी है. इसके बाद छात्र को बधाई देने वाले लोगों को चौतरफा तांता लग गया. कई सामाजिक एवं राजनीतिक संगठनों ने छात्र के घर पहुंचकर उनका अभिनंदन समारोह तक शुरू कर दिया. परिणाम जारी होने के 48 घंटे बाद छात्र के नाम वाले फेसबुक अकाउंट से एक लंबा पोस्ट जारी हुआ.
लगातार बयान बदल रहा छात्र : एफबी पोस्ट वायरल होने के बाद कैट की तैयारी करने वाले कोचिंग संस्थानों ने इसकी सत्यता की पड़ताल के लिए सूचना को मीडिया के साथ साझा किया. संबंधित पोस्ट और परिणाम के बारे में दोबारा जांच के लिए एक बार फिर संबंधित छात्र और उनके अभिभावक से संपर्क किया गया. छात्र ने फिर दावा किया कि उनका परिणाम सही है. किसी ने उसके एफबी को हैक कर यह मैसेज पोस्ट किया गया. इसके बाद छात्र से एक बार फिर कैट की वेबसाइट से लॉग इन कर अपना परिणाम डाउनलोड करने के लिए कहा गया.
छात्र काफी देकर तक पासवर्ड नहीं मिलने का बहाना करता रहा. फिर कहा कि उसे याद नहीं. पासवर्ड रिमेंबर और यूजर आईडी का इस्तेमाल कर जब छात्र ने फिर अपना रिजल्ट खोला तो कुछ और ही कहानी सामने आ गयी. अब छात्र दो अलग-अलग वीडियो के सहारे दावा कर रहा है कि कैट की वेबसाइट से ही उसका परिणाम बदल गया है.
बेटे पर नहीं बनाया कोई दबाव : परिवार
झारखंड में 100 परसेंटाइल प्राप्त करने का दावा कर सबको गुमराह करने वाला छात्र वर्तमान में कोलकाता से इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा है.
पिता शंभु मिश्रा टाटा स्टील में सुपरवाइजर के पद पर कार्यरत हैं. परिवार का कहना है कि बेटे ने कोई गलत काम नहीं किया. कैट की वेबसाइट ने ही अलग-अलग परिणाम दिखाये. बेटे के फेसबुक पोस्ट में उठाये गये सवाल पर परिवार का कहना है कि उनकी तरफ से कभी भी परिणाम का दबाव नहीं बनाया गया.
प्रभात खबर के पास छात्र को दो अलग-अलग स्कोर कार्ड, एफबी पोस्ट का स्क्रीन शॉट
100 परसेंटाइल के आधार पर देश के टॉप 11 छात्रों में खुद के शामिल होने का दावा करने वाले छात्र के दो अलग-अलग स्कोर कार्ड प्रभात खबर के पास मौजूद हैं. यह दोनों स्कोर कार्ड संबंधित छात्र के मोबाइल से ही प्राप्त हुए हैं. इसके अलावा उसके द्वारा किये गये एफबी पोस्ट का लिंक जिस छात्र ने अपने अकाउंट से शेयर किया. उसका स्क्रीन शॉट भी मौजूद है.
यह भी हमें छात्र के मोबाइल से ही प्राप्त हुई है. दरअसल यह पूरा खेल कैट की ओर से 100 परसेंटाइल प्राप्त करने वाले छात्रों का नाम सार्वजनिक नहीं करने के कारण हुआ. कैट के परिणाम संबंधित उम्मीदवार ही अपने लॉग इन से यूजर आइडी और पासवर्ड का इस्तेमाल कर देख सकता है. लिहाजा उम्मीदवार और कोचिंग संस्थाओं की ओर से किये गये दावे को जांचने का कोई दूसरा विकल्प नहीं है.

Next Article

Exit mobile version