पूरे राज्य में 101 एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन स्थापना करने का लक्ष्य
जमशेदपुर : शहर के विभिन्न स्थानों पर हवा की गुणवत्ता जांच के लिए कंटीन्यूअस एंबिएंट एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन (सीएएमक्यूएमएस) की स्थापना की जायेगी. एनजीटी द्वारा पारित आदेश के आलोक में झारखंड के 24 जिलों में 101 सीएएक्यूएमएस स्थापित करने की योजना है. मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी ने सभी उपायुक्तों को पत्र लिखकर मॉनिटरिंग स्टेशन के लिए सरकारी भवन या जमीन चिह्नित करने का निर्देश दिया है.
मुख्य सचिव के पत्र में बताया गया है कि 8 अक्तूबर 2018 को दिये गये आदेश में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण पर्षद ने झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद को राज्य में एयर क्वालिटी के प्रभावी अनुश्रवण के लिए सीएएक्यूएमएस की स्थापना का परामर्श दिया है. राज्य पर्षद ने सीएएक्यूएमएस की स्थापना के लिए राज्य के 24 जिलों में 101 स्थानों का चयन किया है. इसके लिए दस मीटर गुणा दस मीटर स्थान की जरूरत होगी. मुख्य सचिव ने स्थलों का चयन कर रिपोर्ट वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग व झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद को भेजने को कहा है.
18 नोडल पदाधिकारी नियुक्त
जमशेदपुर. इवीएम अौर वीवीपैट की प्रथम स्तरीय जांच (एफएलसी) के बाद लोकसभा चुनाव की प्रशासनिक तैयारी शुरू कर दी गयी है. चुनाव आयोग के निर्देश पर अलग-अलग 18 कार्यों की मॉनिटरिंग के लिए 18 नोडल पदाधिकारी तय किये गये हैं.
आवश्यकता अनुसार मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण, फोटोयुक्त पहचान पत्र के लिए उप निर्वाचन पदाधिकारी, मतदान केंद्र के लिए घाटशिला एसडीअो, कम्युनिकेशन प्लान के लिए एसअोआर, स्वीप के लिए धालभूम एसडीअो, हैलीपैड अौर एयर फिल्ड की मैपिंग के लिए भवन निर्माण के कार्यपालक अभियंता, डिस्ट्रिक इलेक्शन मैनेजमेंट प्लान के लिए अपर उपायुक्त, बजट एवं फाइनेंसियल मैनेजमेंट प्लान के लिए उप निर्वाचन पदाधिकारी, कर्मियों के प्रबंधन के लिए डीआरडीए की निदेशक, विधि व्यवस्था के लिए एडीएम, एंडॉयड फोन, वीडियो कैमरा अौर लाइव वेब कास्टिंग की मैपिंग के लिए डीआइअो, ट्रेनिंग के लिए डीडीसी, इवीएम के लिए अपर उपायुक्त, चुनाव सामग्री, पोस्टल बैलेट, बैलेट पेपर के लिए एनइपी की निदेशक, चुनावी खर्च मॉनिटरिंग के लिए एसअोआर अौर वाहन व्यवस्था के लिए डीटीअो को नोडल पदाधिकारी बनाया गया है.
हर मतदान केंद्र में लगेंगे पांच-पांच कर्मी. लोकसभा चुनाव में प्रत्येक मतदान केंद्र में पांच-पांच कर्मचारी चुनाव कार्य में लगेंगे. पूर्व में पीठासीन पदाधिकारी समेत तीन कर्मचारी लगाये जाते थे, लेकिन इस बार सभी 1885 मतदान केंद्रों में वीवीपैट का इस्तेमाल होने पर दो अतिरिक्त कर्मी लगाये जायेंगे अौर पांच कर्मचारियों का मतदान दल होगा. साथ ही रिजर्व कर्मचारी भी रहेंगे.