बोड़ाम में गांजा के पौधे नष्ट करने पहुंची पुलिस पर ग्रामीणों का हमला
पटमदा : बोड़ाम की गोरडीह पंचायत के नामशोल गांव में रविवार शाम चार बजे खेत में लगे गांजा के पौधे नष्ट करने पहुंची बोड़ाम पुलिस व ग्रामीणों में जम कर मारपीट हुई. ग्रामीणों ने पुलिस बल पर पथराव किया. वहीं पुलिस ने ग्रामीणों पर लाठी चार्ज किया. इसमें पुलिसकर्मी समेत आधा दर्जन ग्रामीण घायल हो […]
पटमदा : बोड़ाम की गोरडीह पंचायत के नामशोल गांव में रविवार शाम चार बजे खेत में लगे गांजा के पौधे नष्ट करने पहुंची बोड़ाम पुलिस व ग्रामीणों में जम कर मारपीट हुई. ग्रामीणों ने पुलिस बल पर पथराव किया. वहीं पुलिस ने ग्रामीणों पर लाठी चार्ज किया. इसमें पुलिसकर्मी समेत आधा दर्जन ग्रामीण घायल हो गये.
घायल होने वालों में पूर्ण चंद्र कर्मकार,नीसती कुंभकार,आस्तिक कुंभकार, नीपेन कुंभकार, गौरंग कुंभकार व श्यामला कुंभकार शामिल है. सभी को सिर और हाथ पैर में चोट लगी है. पूर्णचंद्र कुंभकार की पैर भी टूट गयी है. गांववाले सभी घायलों को इलाज के लिए एमजीएम अस्पताल लेकर आये हैं.
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वहीं दूसरी ओर ग्रामीणों के हमले के बाद मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने किसी तरह वहां से भाग कर जान बचायी. खेत में लगे गांजा के पौधे किसके हैं, पुलिस इसका पता लगा रही है. मामला बोड़ाम के नामशोल गांव की रविवार की देर शाम की है.
गांजा नष्ट करने गयी थी. बोड़ाम थाना प्रभारी मो तंजील खान ने बताया कि ग्रामीणों की सूचना पर पुलिस खेत में लगे गांजा के पौधे नष्ट करने नामशोल गांव गयी थी. पुलिसकर्मी जैसे ही गांजा के पौधे उखाड़ने लगे, ग्रामीण वहां पहुंच गये तथा यह कहते हुए पौधे नहीं उखाड़ने का आग्रह करने लगे कि उससे उनकी रोजी-रोटी चलती है.
पुलिसकर्मियों ने गांजे की खेती को गैर कानूनी बताते हुए खेत मालिक को जेल भेजने की चेतावनी दी. पुलिस अौर ग्रामीणों में विवाद शुरू हो गया अौर हाथापाई होने लगी. विवाद बढ़ने के बाद ग्रामीणों ने पुलिस पर अचानक से ईंट, पत्थर से हमला कर दिया. जिसके बाद पुलिस ने अपने बचाव में लाठी चार्ज किया.
ग्रामीणों द्वारा फेंकी लाठी एवं सब्बल से विभीषण प्रमाणिक नामक सिपाही घायल हो गया, जबकि पथराव से जीप का शीशा टूट गया. पुलिस द्वारा लाठी चार्ज किये जाने से कई ग्रामीणों को चोटें आयी हैं. ग्रामीणों को उग्र देख पुलिसकर्मी वहां से भाग कर जान बचायी. घायल पुलिसकर्मी का बोड़ाम नर्सिंग होम में इलाज चल रहा है, जबकि ग्रामीण स्थानीय स्तर पर इलाज करा रहे हैं. समाचार लिखे जाने तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया था.