जमशेदपुर : शहर से बाहर शिफ्ट किया जायेगा टाटा जू
जमशेदपुर : टाटा स्टील जूलॉजिकल पार्क शहर से बाहर शिफ्ट होगा़ सेंट्रल जू अथॉरिटी के तय मानक को पूरा करने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है़ यह निर्णय मंगलवार को जमशेदपुर में कोल्हान आयुक्त की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिया गया़ बैठक में डीसी, एडीसी, एडीएम के अलावा टाटा स्टील के पदाधिकारी […]
जमशेदपुर : टाटा स्टील जूलॉजिकल पार्क शहर से बाहर शिफ्ट होगा़ सेंट्रल जू अथॉरिटी के तय मानक को पूरा करने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है़ यह निर्णय मंगलवार को जमशेदपुर में कोल्हान आयुक्त की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिया गया़ बैठक में डीसी, एडीसी, एडीएम के अलावा टाटा स्टील के पदाधिकारी शामिल थे. आयुक्त ने टाटा स्टील के प्रस्ताव को सैद्धांतिक सहमति देने की बात कहते हुए जू की शिफ्टिंग पर विस्तृत प्रस्ताव देने को कहा है.
जू को शिफ्ट करने की जरूरत क्यों पड़ी : सेंट्रल जू अथॉरिटी की ओर से बार-बार चिड़ियाघर प्रबंधन को यह नोटिस दिया जा रहा था कि टाटा स्टील जूलॉजिकल पार्क का संचालन तय मानक से नहीं हो रहा है. बाड़े में जानवर हैं, लेकिन उनके स्वच्छंद रूप से दौड़ने के लिए जगह पर्याप्त नहीं है. बाड़े के आकार को बढ़ाने के लिए सेंट्रल जू-अथॉरिटी की ओर से लिखित हिदायत दी जा रही थी.
लेकिन जगह की कमी से ऐसा नहीं हो पा रहा था. इसके बाद टाटा स्टील और जिला प्रशासन ने संयुक्त रूप से पहल कर तय किया कि जूलॉजिकल पार्क को दूसरी जगह शिफ्ट किया जाये. जानकारी के अनुसार सिर्फ टाटा जू ही नहीं, बल्कि एम्यूजमेंट पार्क को भी दूसरी जगह शिफ्ट करने की तैयारी है.
91 एकड़ में फैला है मौजूदा चिड़ियाघर, 1994 में हुई थी शुरुआत
टाटा स्टील जूलॉजिकल पार्क की स्थापना तीन मार्च 1994 को हुई थी. मौजूदा चिड़ियाघर 91 एकड़ जमीन पर बना है. जू में देशी और कई विदेशी जानवर भी हैं. शहर के लोग वन्य जीवों व पर्यावरण संबंधी रिसर्च कर सकें, इसके लिए नेचर सेंटर की भी स्थापना की गयी है. इसके साथ ही चिड़ियाघर के अंदर जयंती सरोवर है, जहां लोग बोटिंग का भी लुत्फ उठाते हैं. पिछले दिनों टाटा स्टील प्रबंधन ने कोशिश की थी कि सेंट्रल जू अथॉरिटी के मानक के अनुसार चिड़ियाघर अभी जहां है, वहीं रहे. इसके लिए एसडीओ कार्यालय के पीछे की ओर पिकनिक स्पॉट की जमीन को भी चिड़ियाघर में मिलाया गया. लेकिन यह नाकाफी साबित हुआ़
दरियाई घोड़ा और मगरमच्छ बगैर साथी के रह रहे
सेंट्रल जू अथॉरिटी ने टाटा स्टील जूलॉजिकल पार्क को तीन अप्रैल 2017 को एक कड़ा पत्र जारी किया था. पत्र में प्रबंधन को लिखा गया था कि चिड़ियाघर में दरियाई घोड़ा व मगरमच्छ अकेले हैं. उनका कोई साथी नहीं है. यह जानवरों के साथ अमानवीयता है. पत्र में लिखा था कि या तो उक्त दोनों जानवरों के साथी जू में लाये जायं या फिर उनके प्रजनन की उचित व्यवस्था की जाय. इसके लिए छह महीने का समय भी दिया गया था, लेकिन अब तक ऐसा नहीं हो सका है. इसे भी सेंट्रल जू अथॉरिटी ने गंभीरता से लिया है.
सेंट्रल जू अथॉरिटी के मानक को पूरा करने के लिए उठाये जा रहे हैं कदम
कोल्हान आयुक्त ने कंपनी से मांगा विस्तृत प्रस्ताव
टाटा स्टील ने जिला प्रशासन से मांगी जमीन
टाटा जू का संचालन सेंट्रल अथॉरिटी के तय मानक के अनुसार नहीं हो रहा है. जू को कहीं अन्यत्र शिफ्ट करने के लिए विस्तृत प्रस्ताव मांगा गया है. प्रस्ताव मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जायेगी. विजय कुमार सिंह, कोल्हान आयुक्त
डिमना या घोड़ाबांधा में बन सकता है जू
टाटा जू का नया ठिकाना क्या होगा, इस पर सस्पेंस है. हालांकि जिला प्रशासन ने टाटा स्टील को विस्तृत प्रस्ताव देने को कहा है, ताकि जमीन की कमी को दूर किया जा सके. टाटा स्टील प्रबंधन भी जल्द ही इस दिशा में आगे की कार्रवाई शुरू करेगा. हालांकि सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार डिमना या फिर घोड़ाबांधा क्षेत्र में जमीन की संभावना तलाशी जा रही है, ताकि जू या फिर एम्यूजमेंट पार्क शहर में ही बन सके और शहर के लोगों को ज्यादा दूर नहीं जाना पड़े.
500 करोड़ का होगा प्रोजेक्ट : नये टाटा जू और एम्यूजमेंट पार्क के निर्माण पर करीब 500 करोड़ रुपये खर्च होंगे. यह दो चरण में काम होगा. पहले चरण में करीब 250 करोड़ रुपये की लागत से चिड़ियाघर बनेगा तथा दूसरे चरण में भी 250 करोड़ खर्च होंगे. इसके लिए प्रोजेक्ट तैयार किया जा रहा है.