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जमशेदपुर : जसपाल और सरस का हुआ अंतिम संस्कार, अंतिम यात्रा में शामिल हुए पूर्व सीएम अर्जुन मुंडा समेत कई खिलाड़ी और दोस्त

जमशेदपुर : राष्ट्रीय तीरंदाज जसपाल सिंह और सरस का पार्थिव शरीर शुक्रवार तड़के करीब तीन बजे टीएमएच पहुंचा. टीएमएच से दोपहर 12 बजे दोनों तीरंदाज के परिजन शव को अपने-अपने घर लेकर अंतिम संस्कार के लिए निकले. पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने टीएमएच पहुंचकर का दोनों परिवार को ढ़ाढ़स बंधाया. तीरंदाज जसपाल और सरस को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 9, 2019 7:26 AM

जमशेदपुर : राष्ट्रीय तीरंदाज जसपाल सिंह और सरस का पार्थिव शरीर शुक्रवार तड़के करीब तीन बजे टीएमएच पहुंचा. टीएमएच से दोपहर 12 बजे दोनों तीरंदाज के परिजन शव को अपने-अपने घर लेकर अंतिम संस्कार के लिए निकले. पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने टीएमएच पहुंचकर का दोनों परिवार को ढ़ाढ़स बंधाया. तीरंदाज जसपाल और सरस को श्रद्धांजलि दी.

जसपाल का शव साकची सागर होटल के पास स्थित आवास लाया गया. वहीं सरस का शव सुवर्णरेखा प्रोजेक्ट कॉलोनी स्थित आवास पहुंचा. इस मौके पर दोनों के कोच और जेआरडी के कई खिलाड़ी भी मौजूद थे. जेआरडी आर्चरी से भी बड़ी संख्या में लोग अंतिम यात्रा में शामिल हुए. दोनों तीरंदाजों का अंतिम संस्कार भुइयांडीह स्थित सुवर्णरेखा बर्निंग घाट पर किया गया.
टीएमएच से शव घर पहुंचते ही दोनों परिवारों में कोहराम मच गया. जसपाल की अंतिम यात्रा में सिख समाज के लोग बड़ी संख्या में शामिल हुए. गौरतलब है कि 5 फरवरी को मध्य प्रदेश के शहडोल स्थित नेशनल हाइवे नंबर 43 पर सड़क हादसे में राष्ट्रीय तीरंदाजी जसपाल सिंह आैर सरस सोरेन की मौत हो गयी थी. पोस्टमार्टम के बाद दोनों खिलाड़ियाें का शव बुधवार को परिवार को सौंप दिया गया था.
जसपाल सिंह इंडोर विश्व कप तीरंदाजी का स्वर्ण विजेता व सरस ने एनआइएस सर्टिफिकेट कोर्स 2018-19 का टाॅपर और राष्ट्रीय तीरंदाज में कई पदक जीत चुका था. जसपाल और सरस भोपाल में चल रहे जूनियर नेशनल तीरंदाजी प्रतियोगिता में जा रहे थे.
वहां पर प्रतियोगिता में इनका तीरंदाजी इक्विपमेंट का स्टॉल लगा था. दोनों अपनी कार से भोपाल जा रहे थे. उसी दौरान खड़ी ट्रक में कार पीछे से घूस गयी थी. जिससे दोनों की मौके पर मौत हो गयी थी. गुरुवार देर रात दोनों का शव शहर लाया गया था.
मां ने कहा, मेरी बात मान लेता तो आज यह दिन नहीं देखना पड़ता
जसपाल अगर मेरी बात मान लेता तो आज यह बुरा दिन देखने को नहीं मिलता. मेरा जवान बेटा हमें छोड़ कर चला गया. हमारा सब कुछ बर्बाद हाे गया. यह कह कर जसपाल की मां रोये जा रही थी. बहन भाई का शव देखते ही बेहोश हो गयी. राष्ट्रीय तीरंदाज जसपाल सिंह का शव शुक्रवार दोपहर टीएमएच से साकची सागर होटल के पास स्थित आवास लाया गया.
शव देखकर परिवार और बस्ती की महिलाएं चित्कार मारकर रोने लगी. मां बार-बार बेटे के शव से लिपट कर रो रही थी. परिवार और आसपास की महिलाएं मां और बहन को शव से अलग कर रही थी. जसपाल का शव साकची गुरुद्वारा लाया गया.
अरदास के बाद शव का अंतिम संस्कार भुइयांडीह स्थित सुवर्णरेखा बर्निंग घाट पर किया गया. इस मौके पर भाजपा के पूर्व प्रदेश प्रवक्ता अमरप्रीत सिंह काले, झारखंड अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष, गुरदेव सिंह राजा, झारखंड खादी बोर्ड के सदस्य कुलवंत सिंह बंटी, सरदार शैलेंद्र सिंह, सतनाम सिंह गंभीर समेत कई लोग मौजूद थे.
बार- बार बेहोश हो जा रही थी बहन. जसपाल के शव को देख कर बहन बार-बार बेहोश हो जा रही थी. उसे दूर ले जाया जा रहा था लेकिन वह शव को देखने बार-बार आ जा रही थी.
कोच और खिलाड़ियों ने दी श्रद्धांजलि
जसपाल के शव को उसके कोच और जेआरडी के कई खिलाड़ियों ने नम अांखों से श्रद्धांजलि दी. जेआरडी आर्चरी के कई खिलाड़ी शव के साथ उसके घर तक आये. वे लोग गुरुद्वारा भी गये. आर्चरी विभाग की कई महिला खिलाड़ी भी जसपाल के अंतिम दर्शन को आयी.

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