जमशेदपुर : केंद्रीय सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को 1321 कराेड़ की लागत से बननेवाले रांची-टाटा-महुलिया रोड (एनएच 33) का ऑनलाइन शिलान्यास किया. आसनबनी पंचायत भवन के पास आयोजित शिलान्यास समारोह में मुख्यमंत्री रघुवर दास, मंत्री सरयू राय, सांसद विद्युत वरण महताे, विधायक साधु चरण महताे, लक्ष्मण टुडू आदि मौजूद थे. मौके पर मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कांदरबेड़ा-दोमुहानी रोड और पुल का लोकार्पण भी किया. इस पुल के उदघाटन से मानगो से भारी वाहनों का गुजरना बंद हो जायेगा.
सड़कों का जाल बिछाया जा रहा : समारोह में मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा : सड़क और पुल सिर्फ गांव से शहर को नहीं, बल्कि दो दिलों को भी जोड़ते हैं. पीएम नरेंद्र माेदी के नेतृत्व में आज देश और राज्य में जोड़ने की क्रांति हो रही है. देश में आज चार और छह लेन वाली सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है. इसके खिलाफ महागठबंधन देश काे ताेड़ने की साजिश रच रहा है. इससे सावधान रहने की जरूरत है. मुख्यमंत्री ने कहा: रांची-टाटा हाइवे का काम लंबे समय से रुका था. यह सड़क लाइफ लाइन है. इस कारण से यहां के लोग काफी मुश्किल में थे. ठेकेदार की गलत नीतियों के कारण 50 प्रतिशत काम अधूरा पड़ा था. खुशी की बात है कि इसके निर्माण में आ रही सभी समस्याओं को दूर कर लिया गया.
मुख्यमंत्री ने कहा " लोगों को मिल रहा भाजपा सरकार का फायदा "
केंद्र और राज्य में भाजपा सरकार होने का फायदा लोगों को मिल रहा है. डबल इंजन की यह सरकार देश-राज्य में विकास के कार्य तेजी से कर रही है. राज्य सरकार बच्ची के जन्म से लेकर उसकी शादी के बाद विदाई तक पैसे दे रही है. पीएम माेदी ही एकमात्र ऐसे व्यक्ति हैं, जिन्हाेंने बहन-बेटी के लिए शाैचालय का निर्माण कराने की याेजना बनायी. सीएम ने कहा : अगले दो साल में धालभूमगढ़ में एयरपोर्ट का निर्माण पूरा हो जायेगा. माेदी जी की इच्छा है कि हवाई चप्पल पहनने वाला भी हवाई यात्रा करे.
कुल दल लोगों को तोड़ रहे हैं : मुख्यमंत्री ने लोगों को आगाह किया कि कुछ दल, जाति व संप्रदाय के नाम पर ताेड़ने का काम कर रहे हैं, जिनसे बच कर रहने की जरूरत है. कहा : आज देश में मजबूत सरकार होने के कारण ही भारत ने पाकिस्तान के घर में घुस कर हवाई हमला किया. कांग्रेस की सरकार में पहले आतंकियों को चिकेन और बिरयानी खिलायी जाती थी, लेकिन अब मोदी सरकार में आतंकियों को बुलेट का जवाब बम से दिया जा रहा है. मोदी की सरकार ने देश के दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब दिया है.
सरकार ओलचिकी लिपि को भी पहचान दिला रही : मुख्यमंत्री ने ओलचिकी लिपि के जनक पंडित रघुनाथ मुर्मू के नाम पर कांदरबेड़ा चौक का नामकरण करने की घोषणा की. कहा : सरकार ओलचिकी लिपि को भी पहचान दिला रही है. हमारी सरकार ने आदिवासियों की चिंता की है. पूर्व में कई आदिवासी मुख्यमंत्री हुए, पर उन्हाेंने सिर्फ राजनीति की. वाेट बैंक बनाया आैर अर्थ बैंक बढ़ाया. अटल जी की सरकार ने ही आदिवासियों के लिए अलग मंत्रालय बनाया. संथाली को भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में जगह दिलायी. बजट दाेगुना किया. धर्मांतरण कानून बना.
संथाल के स्टेशनों पर संथाली भाषा में उद्घोषणा : मुख्यमंत्री ने कहा : राज्य में पहली से पांचवीं क्लास तक के बच्चों की पढ़ाई भी मातृभाषा में होगी. संथाल परगना के इलाकों में जहां संथाली भाषा के शिक्षक नहीं मिल रहे हैं, वहां ग्रेजुएट युवाओं को प्रति घंटी 150 रुपये की दर से नियुक्त करने के आदेश दिया गया है. बच्चों को किताबें भी मुफ्त में दी जा रही हैं. संथाल परगना के सात जिलों के रेलवे स्टेशनों पर अब संथाली भाषा में भी उद्घोषणा होगी. उपायुक्तों को आदेश दिया गया है कि वे ओलचिकी लिपि में हर सरकारी कार्यालयों के नाम लिखवायें. संथाल इलाके से तीन-तीन मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी, शिबू सोरेन और हेमंत सोरेन हुए. लेकिन किसी ने भी संथाल के विकास के लिए कुछ नहीं किया. मौके पर पथ निर्माण विभाग के सचिव केके साेन, उपायुक्त छवि रंजन, एसपी चंदन सिन्हा के अलावा अन्य अधिकारी उपस्थित थे.
लिट्टी चाैक से भिलाई पहाड़ी बनेगा पुल : मुख्यमंत्री ने कहा : भुइयांडीह-लिट्टी चाैक से भिलाई पहाड़ी एनएच 33 तक जाने के लिए सुवर्णरेखा नदी पर फाेर लेन पुल का निर्माण किया जायेगा. इसके लिए पदाधिकारियाें काे दिये गये हैं. डेढ़ माह में वह खुद आधारशिला रखेंगे. भारी वाहनाें काे इस मार्ग से शहर के बाहर निकलने में काफी आसानी हाेगी. टेल्काे, गाेविंदपुर, बारीडीह के लाेगाें के लिए भी लुपुंगडीह के पास भी पुल तैयार हाे गया है. इससे यातायात सुगम होगा.
अप्रैल से हर गांव में स्ट्रीट लाइट : सीएम ने कहा : हर गांवों में स्ट्रीट लाइटें लगेंगी. अप्रैल से काम शुरू हो जायेगा. गांवों में जहां पेयजल की दिक्कत है, वहां जलमीनारों बनेंगी. आदिवासी और दलित बहुल गांवों में डीप बोरिंग कर जलमीनारों बनायी जायेंगी. बड़े गांवों में दो-तीन जलमीनारें होंगी.